अकबर 'क्रूर और सहिष्णुता' था, 30,000 लोगों के नरसंहार का आदेश दिया था और महिलाओं व बच्चों को गुलाम बनाया था। बाबर नरसंहार के बाद "खोपड़ियों के टावर" बनाकर गर्व महसूस करता था। वहीं औरंगजेब ने मंदिरों, गुरुद्वारों और स्कूलों को नष्ट किया। मुगलों का ये डार्क साइड अब NCERT की किताबों में पढ़ाया जाएगा।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने एकेडमिक ईयर 2025-26 के लिए 8वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की नई किताब में कई बदलाव किए हैं। नई बुक में मुगल शासकों, खासतौर पर बाबर, अकबर और औरंगजेब के शासनकाल को पढ़ाया जाएगा।
मुगलों का ब्राइट और डार्क साइडबुक का पहला चैप्टर 'एक्सप्लोरिंग सोसाइटी: इंडिया एंड बियॉन्ड' है, 2025-26 शैक्षणिक वर्ष के लिए शुरू की गई है। इसमें मुगल शासकों को न केवल बुद्धिजीवी और कला प्रेमी बताया गया है, बल्कि उनकी क्रूरता और लूटपाट जैसे डार्क साइड को भी उजागर किया गया है। एनसीईआरटी के पॉलिटिकल साइंस ग्रुप के हेड मिशेल डैनिनो ने द हिंदू से कहा कि इतिहास को साफ-सुथरा दिखाने के बजाय, उसके ब्राइट और डार्क दोनों साइड को सामने लाना जरूरी है।
मुगल शासकों की बुद्धिमत्ता और क्रूरता का मिश्रण बाबर : नई पाठ्यपुस्तक के दूसरे अध्याय, ‘रीशेपिंग इंडियाज पॉलिटिकल मैप’ में बाबर को एक ओर कविता, वास्तुकला और प्रकृति प्रेमी के रूप में बताया गया है, वहीं दूसरी ओर उसे क्रूर और शहरों को लूटने वाला, महिलाओं और बच्चों को गुलाम बनाने वाला और “खोपड़ियों के टावर” बनवाकर उस पर गर्व महससू करने वाला बताया गया है। ये सब बाबर की आत्मकथा बाबरनामा के हवाले से बताया गया है।
अकबर : इसी तरह, अकबर के शासन को “क्रूरता और सहिष्णुता” का मिश्रण बताया गया है। 25 साल की उम्र में चित्तौड़ किले पर कब्जे के दौरान अकबर ने 30,000 आम नागरिकों के नरसंहार और महिलाओं-बच्चों को गुलाम बनाने का आदेश दिया था। बुक में अकबर के एक बयान का भी जिक्र है, जिसमें वो कहता है कि उन्होंने “काफिरों” के किलों पर कब्जा कर इस्लाम स्थापित किया और मंदिरों को नष्ट किया। हालांकि, इसके कुछ साल बाद शांति की ओर झुकाव को भी बताया गया है।
औरंगजेब : किताब में औरंगजेब के बारे में बताया गया है कि उसने मंदिरों, जैन मंदिरों और सिख गुरुद्वारों को नष्ट करने के फरमान जारी किए। बनारस, मथुरा और सोमनाथ जैसे मंदिरों के साथ-साथ सूफी और पारसी समुदायों के उत्पीड़न के बारे में लिखा है।
इतिहास के अंधेरे पक्ष को दिखाने की कोशिशमिशेल डैनिनो ने द हिंदू को बताया, 'हम मुगल शासकों को बदनाम नहीं कर रहे, लेकिन उन्हें समझाना जरूरी है। अकबर ने खुद स्वीकार किया था कि उनके शुरुआती वर्षों में वे क्रूर थे। हमें यह दिखाना होगा कि इन शासकों की अपनी सीमाएं थीं और उन्होंने क्रूर कृत्य किए।' उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय इतिहास को पूरी तरह साफ-सूथरा और पॉजिटिव नहीं दिखाया जा सकता। इसमें उज्ज्वल और अंधेरे दोनों दौर थे, और नई बुक में इसे काफी बैलेंस तरीके से लिखा गया है।
मुगलों के खिलाफ आंदोलन की कहानियांनई बुक में मुगलों के खिलाफ अलग-अलग समुदायों और लोगों के आंदोलन को भी जगह दी गई है। इसमें जाट किसानों, भिल, गोंड, संथाल और कोच जनजातियों के विद्रोह का जिक्र है, जिन्होंने अपनी जमीन बचाने के लिए संघर्ष किया। गोंड रानी दुर्गावती, जो अकबर की सेना से लड़ीं और मेवाड़ के राणा प्रताप की कहानियां भी शामिल हैं। इसके अलावा, औरंगजेब की सेना के खिलाफ असम के अहोम समुदाय के प्रतिरोध को भी हाइलाइट किया गया है।
पहले के मुकाबले क्या बदला?पहले कक्षा 7 की इतिहास की किताब ‘आवर पास्ट्स-II' में मुगल शासकों और उनके क्रूर शासन की ज्यादा जानकारी नहीं थी। अब दिल्ली सल्तनत और मुगल इतिहास को कक्षा 7 से हटाकर कक्षा 8 की नई बुक में शामिल किया गया है। यह बुक इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र और अर्थशास्त्र को एक साथ जोड़ती है। NCERT अधिकारियों ने बताया कि कक्षा 8 की यह बुक मिड जुलाई तक दुकानों में उपलब्ध है और इसका दूसरा हिस्सा अक्टूबर में आएगा।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने एकेडमिक ईयर 2025-26 के लिए 8वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की नई किताब में कई बदलाव किए हैं। नई बुक में मुगल शासकों, खासतौर पर बाबर, अकबर और औरंगजेब के शासनकाल को पढ़ाया जाएगा।
मुगलों का ब्राइट और डार्क साइडबुक का पहला चैप्टर 'एक्सप्लोरिंग सोसाइटी: इंडिया एंड बियॉन्ड' है, 2025-26 शैक्षणिक वर्ष के लिए शुरू की गई है। इसमें मुगल शासकों को न केवल बुद्धिजीवी और कला प्रेमी बताया गया है, बल्कि उनकी क्रूरता और लूटपाट जैसे डार्क साइड को भी उजागर किया गया है। एनसीईआरटी के पॉलिटिकल साइंस ग्रुप के हेड मिशेल डैनिनो ने द हिंदू से कहा कि इतिहास को साफ-सुथरा दिखाने के बजाय, उसके ब्राइट और डार्क दोनों साइड को सामने लाना जरूरी है।
मुगल शासकों की बुद्धिमत्ता और क्रूरता का मिश्रण बाबर : नई पाठ्यपुस्तक के दूसरे अध्याय, ‘रीशेपिंग इंडियाज पॉलिटिकल मैप’ में बाबर को एक ओर कविता, वास्तुकला और प्रकृति प्रेमी के रूप में बताया गया है, वहीं दूसरी ओर उसे क्रूर और शहरों को लूटने वाला, महिलाओं और बच्चों को गुलाम बनाने वाला और “खोपड़ियों के टावर” बनवाकर उस पर गर्व महससू करने वाला बताया गया है। ये सब बाबर की आत्मकथा बाबरनामा के हवाले से बताया गया है।
अकबर : इसी तरह, अकबर के शासन को “क्रूरता और सहिष्णुता” का मिश्रण बताया गया है। 25 साल की उम्र में चित्तौड़ किले पर कब्जे के दौरान अकबर ने 30,000 आम नागरिकों के नरसंहार और महिलाओं-बच्चों को गुलाम बनाने का आदेश दिया था। बुक में अकबर के एक बयान का भी जिक्र है, जिसमें वो कहता है कि उन्होंने “काफिरों” के किलों पर कब्जा कर इस्लाम स्थापित किया और मंदिरों को नष्ट किया। हालांकि, इसके कुछ साल बाद शांति की ओर झुकाव को भी बताया गया है।
औरंगजेब : किताब में औरंगजेब के बारे में बताया गया है कि उसने मंदिरों, जैन मंदिरों और सिख गुरुद्वारों को नष्ट करने के फरमान जारी किए। बनारस, मथुरा और सोमनाथ जैसे मंदिरों के साथ-साथ सूफी और पारसी समुदायों के उत्पीड़न के बारे में लिखा है।
इतिहास के अंधेरे पक्ष को दिखाने की कोशिशमिशेल डैनिनो ने द हिंदू को बताया, 'हम मुगल शासकों को बदनाम नहीं कर रहे, लेकिन उन्हें समझाना जरूरी है। अकबर ने खुद स्वीकार किया था कि उनके शुरुआती वर्षों में वे क्रूर थे। हमें यह दिखाना होगा कि इन शासकों की अपनी सीमाएं थीं और उन्होंने क्रूर कृत्य किए।' उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय इतिहास को पूरी तरह साफ-सूथरा और पॉजिटिव नहीं दिखाया जा सकता। इसमें उज्ज्वल और अंधेरे दोनों दौर थे, और नई बुक में इसे काफी बैलेंस तरीके से लिखा गया है।
मुगलों के खिलाफ आंदोलन की कहानियांनई बुक में मुगलों के खिलाफ अलग-अलग समुदायों और लोगों के आंदोलन को भी जगह दी गई है। इसमें जाट किसानों, भिल, गोंड, संथाल और कोच जनजातियों के विद्रोह का जिक्र है, जिन्होंने अपनी जमीन बचाने के लिए संघर्ष किया। गोंड रानी दुर्गावती, जो अकबर की सेना से लड़ीं और मेवाड़ के राणा प्रताप की कहानियां भी शामिल हैं। इसके अलावा, औरंगजेब की सेना के खिलाफ असम के अहोम समुदाय के प्रतिरोध को भी हाइलाइट किया गया है।
पहले के मुकाबले क्या बदला?पहले कक्षा 7 की इतिहास की किताब ‘आवर पास्ट्स-II' में मुगल शासकों और उनके क्रूर शासन की ज्यादा जानकारी नहीं थी। अब दिल्ली सल्तनत और मुगल इतिहास को कक्षा 7 से हटाकर कक्षा 8 की नई बुक में शामिल किया गया है। यह बुक इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र और अर्थशास्त्र को एक साथ जोड़ती है। NCERT अधिकारियों ने बताया कि कक्षा 8 की यह बुक मिड जुलाई तक दुकानों में उपलब्ध है और इसका दूसरा हिस्सा अक्टूबर में आएगा।
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