ऑपरेशन सिंदूर के जरिये पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढांचों को नष्ट करने के बाद अब समय है इस्लामाबाद की हकीकत और भारत के बदले रुख से दुनिया को वाकिफ कराने का। पाकिस्तान तब तक अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा, जब तक उसे कुछ देशों का समर्थन मिलता रहेगा। इस समर्थन को कूटनीति के जरिये ही खत्म किया जा सकता है। बदली रणनीति: पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर किया है। अभी तक पाकिस्तान अपनी करतूतों को परमाणु बम की ओट में छिपाता रहा था, लेकिन नई दिल्ली ने साफ चेतावनी दे दी है कि यह धमकी अब नहीं चलेगी। अगर पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों की आड़ में भारत में अस्थिरता फैलाने की कोशिश की, तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। दुनिया के हक में: ऑपरेशन सिंदूर आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत का न्यू नॉर्मल है और दुनिया को पता होना चाहिए कि पाकिस्तान की टेरर पॉलिसी के चलते यह नौबत आई है। अपने यहां मौजूद आतंकी ढांचों पर एक्शन तो दूर, पाकिस्तान ने उन्हें हमेशा बचाने की कोशिश की। ये अड्डे हिंदुस्तान और बाकी दुनिया के लिए भी बड़ा खतरा बने हुए थे। झूठ खुलेगा: पाकिस्तान ने संघर्ष को भड़काने के लिए खूब झूठ फैलाया। उसका यह चेहरा बेनकाब करने की जरूरत है कि भारत से टक्कर की चाहत में वह अपने नागरिकों को भी ढाल बना लेता है, और नई दिल्ली की लड़ाई आम लोगों से नहीं बल्कि आतंकियों और उनके आकाओं से है। हिंदुस्तान ने सिंधु जल संधि को इसलिए निलंबित किया, क्योंकि एक तो इस ट्रीटी में भारतीय हितों का ख्याल नहीं रखा गया था और दूसरे, पाकिस्तान ने कभी पड़ोसी धर्म नहीं निभाया। पाकिस्तान को पानी पर सहानुभूति बटोरने का मौका नहीं मिलना चाहिए। चीन पर दबाव: पाकिस्तान बार-बार दुस्साहस इसलिए कर पाता है, क्योंकि उसे चीन और तुर्किये जैसे देशों से मदद मिल जाती है। इस बार भी इन दोनों मुल्कों ने अपने निहित स्वार्थ के चलते पाकिस्तान को सपोर्ट किया। भारत की कूटनीतिक पहल से दोनों देशों पर दबाव पड़ेगा और दूसरे देश भी पड़ोसी मुल्क की सच्चाई से वाकिफ होंगे। एकजुट है देश: सरकार ने सातों डेलिगेशन में सभी दलों के प्रतिनिधियों को शामिल किया है। यह दिखाता है कि राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर राष्ट्रीय हित के मसले पर पूरा देश एक है - आतंकवाद से लड़ाई में सरकार को सभी का समर्थन हासिल है। भारत की एकजुटता संदेश है और चेतावनी भी कि पाकिस्तान से सीमापार आतंक का सच हम सभी देशों के सामने लाने को प्रतिबद्ध हैं।
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