Next Story
Newszop

बाजार में ताबड़तोड़ तेजी फिर क्या ऐसा हुआ कि पूरा मूड हो गया खराब?

Send Push
नई दिल्‍ली: अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने लगाए गए टैरिफ को टाल दिया है। इसके बाद गुरुवार को शेयर बाजार में जोरदार तेजी देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स 1,310 अंक ऊपर चला गया। इस ताबड़तोड़ तेजी के बाद निवेशकों के चेहरे खिल गए। हालांकि, फरवरी में देश के औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार धीमी होने की खबर ने इस खुशी पर ग्रहण लगाने का काम किया। यह छह महीने के सबसे निचले स्तर 2.9 फीसदी पर आ गई। ऐसा मैन्‍यूफैक्‍चरिंग, खनन और बिजली क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के कारण हुआ।देश के औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार फरवरी में धीमी होकर 2.9 फीसदी हो गई। यह पिछले छह महीनों में सबसे कम है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मैन्‍यूफैक्‍चरिंग, माइनिंग और बिजली जैसे क्षेत्रों में खराब प्रदर्शन के कारण ऐसा हुआ। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के मुताबिक, फरवरी 2024 में औद्योगिक उत्पादन में 5.6 फीसदी की ग्रोथ हुई थी।सरकार ने जनवरी 2025 के लिए औद्योगिक विकास के आंकड़े को बदलकर 5.2 फीसदी कर दिया है। पहले मार्च में जारी आंकड़ों में इसके 5 फीसदी रहने का अनुमान था। इससे पहले, सबसे निचला स्तर पिछले साल अगस्त में था। उस समय विकास दर 0 फीसदी पर स्थिर थी। क्‍या कह रहे हैं एक्‍सपर्ट्स?रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, '...पिछले साल फरवरी में 29 दिन होने के कारण तुलनात्मक आधार कमजोर रहा। IIP की सालाना ग्रोथ इस साल फरवरी में घटकर 2.9 फीसदी रही...गिरावट हर तरफ थी। उपयोग आधारित वस्तुओं समेत बिजली को छोड़कर दो क्षेत्रों में विकास दर धीमी हुई है। इसके कारण इस साल फरवरी में सालाना आधार पर वृद्धि कम हुई है।'उन्होंने आगे कहा, 'फरवरी 2025 की तुलना में मार्च 2025 में खनन का प्रदर्शन खराब होने की आशंका है। हालांकि, विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि बनी रहने के बीच इसकी भरपाई बिजली उत्पादन बढ़ने से होने की उम्मीद है।' इसका मतलब है कि खनन क्षेत्र में विकास धीमा हो सकता है, लेकिन बिजली उत्पादन बढ़ने से मैन्‍यूफैक्‍चरिंग सेक्‍टर को मदद मिल सकती है।राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, मैन्‍यूफैक्‍चरिंग क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि फरवरी 2025 में धीमी होकर 2.9 फीसदी रही। पिछले साल इसी महीने में यह 4.9 फीसदी थी। इसका मतलब है कि मैन्‍यूफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में उत्पादन की गति धीमी हो गई है। खनन उत्पादन ग्रोथ इस महीने में 1.6 फीसदी रही। पिछले साल फरवरी में यह 8.1 फीसदी थी। इससे पता चलता है कि खनन क्षेत्र में भी उत्पादन कम हुआ है। आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2025 में बिजली उत्पादन की ग्रोथ भी धीमी होकर 3.6 फीसदी रही। पिछले साल इसी महीने में यह 7.6 फीसदी थी। इसका मतलब है कि बिजली उत्पादन में भी ग्रोथ कम हुई है।वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल से फरवरी के दौरान IIP में 4.1 फीसदी की ग्रोथ हुई। पिछले साल इसी अवधि में यह 6 फीसदी थी। इससे पता चलता है कि इस साल औद्योगिक उत्पादन में ग्रोथ की दर पिछले साल से कम है। दुनिया के ट्रेंड को नकार ऊपर चढ़े बाजार वहीं, भारत समेत कई देशों पर लगाए गए ऊंचे टैरिफ को अमेरिका ने तीन महीनों के लिए टाल दिया है। इस वजह से शुक्रवार को स्थानीय शेयर बाजारों में तेजी आई। सेंसेक्स 1,310 अंक उछल गया, जबकि निफ्टी 429 अंकों की छलांग लगाई। भारतीय बाजार में तेजी इसलिए खास थी क्योंकि दुनिया भर के बाजारों में गिरावट का रुख था। लेकिन, यहां तेजी का रुझान दिखा। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध बढ़ने से दुनिया भर के बाजारों में नकारात्मक माहौल था।स्थानीय स्तर पर जबर्दस्त खरीदारी होने से बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,310.11 अंक यानी 1.77 फीसदी बढ़कर 75,157.26 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,620.18 अंक बढ़कर 75,467.33 तक पहुंच गया था।नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 429.40 अंक यानी 1.92 फीसदी बढ़कर 22,828.55 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 524.75 अंक बढ़कर 22,923.90 पर पहुंच गया था।जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, 'जवाबी टैरिफ पर अप्रत्याशित रोक लगा दिए जाने से बाजार को राहत मिली है। हालांकि, टीसीएस के तिमाही नतीजे बाजार की उम्मीदों से कम रहे, लेकिन ऑर्डर बुक बढ़ने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में स्थिति सुधरने की उम्मीद है।' सभी सूचकांकों में देखने को म‍िली तेजी अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस की तरफ से जारी आदेशों के अनुसार, अमेरिका ने इस साल 9 जुलाई तक 90 दिनों के लिए भारत पर लगे अतिरिक्त शुल्क को निलंबित करने की घोषणा की है। इसके पहले 2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को माल निर्यात करने वाले लगभग 60 देशों पर शुल्क और भारत जैसे देशों पर अलग से शुल्क लगाया था।चौतरफा खरीदारी के दौर में बीएसई स्मालकैप सूचकांक 3.04 फीसदी बढ़ा, जबकि मिडकैप सूचकांक में 1.84 फीसदी की तेजी रही। सभी क्षेत्रवार सूचकांक भी बढ़कर बंद हुए। कमोडिटी सेगमेंट में सबसे ज्यादा 3.40 फीसदी की बढ़त रही, जबकि कंज्‍यूमर ड्यूरेबल सेगमेंट 2.92 फीसदी और बिजली सेगमेंट 2.64 फीसदी चढ़ा। बीएसई पर लिस्टेड कुल 3,115 शेयर बढ़कर बंद हुए। वहीं, 846 शेयरों में गिरावट रही और 118 अन्य अपरिवर्तित रहे।
Loving Newspoint? Download the app now