भारत में दिल की बीमारियां सबसे बड़ी मौतों की वजह बनी हुई हैं। खासकर हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा, जो कई बार बिना किसी पूर्व चेतावनी के अचानक हो जाता है। लेकिन क्या सच में हार्ट अटैक अचानक होता है? विशेषज्ञों की मानें तो हार्ट अटैक से पहले शरीर कई बार ऐसे संकेत देता है जिन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।
हार्ट अटैक से जुड़ी इन चेतावनी संकेतों को समझना और समय पर उपचार लेना जानलेवा हो सकती है। आइए जानते हैं वो कौन से लक्षण हैं जो आपके दिल की सेहत पर खतरे की घंटी बजा सकते हैं।
हार्ट अटैक से पहले शरीर के अहम संकेत
1. छाती में दर्द या असहजता
दिल की सबसे आम चेतावनी छाती में दर्द या दबाव महसूस होना है। यह दर्द अक्सर बाएं या बीच की छाती में महसूस होता है और कभी-कभी यह दर्द कंधे, बाजू, पीठ या जबड़े तक फैल सकता है।
यदि यह दर्द 5 मिनट से अधिक समय तक बना रहे या बार-बार हो रहा हो, तो इसे गंभीरता से लें।
2. सांस लेने में दिक्कत
हार्ट अटैक से पहले शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है जिससे सांस फूलना आम हो जाता है। यह स्थिति खासकर हल्की फिजिकल एक्टिविटी के दौरान या आराम के वक्त भी हो सकती है।
3. अनियमित हृदयधड़कन
दिल की धड़कन तेज, अनियमित या कम महसूस होना भी हार्ट अटैक का इशारा हो सकता है। इसे कभी-कभी ‘पैलपिटेशन’ भी कहते हैं।
4. ठकान और कमजोरी महसूस होना
बिना किसी वजह के अचानक कमजोरी, अत्यधिक थकान या ऊर्जा की कमी होना हार्ट अटैक से पहले का संकेत हो सकता है। खासकर महिलाओं में यह लक्षण अधिक प्रचलित हैं।
5. पसीना आना और उल्टी जैसा महसूस होना
अचानक ठंडा पसीना आना, मतली, उल्टी या पेट में बेचैनी हार्ट अटैक से जुड़े सामान्य लक्षण हैं जिन्हें अक्सर लोग अनदेखा कर देते हैं।
6. चक्कर आना या बेहोशी
दिल में खून का प्रवाह कम होने पर मस्तिष्क तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती जिससे चक्कर आना या बेहोशी की स्थिति बन सकती है।
क्यों नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है?
दिल की बीमारियों की शुरुआत अक्सर छोटे-छोटे लक्षणों से होती है, लेकिन कई बार इन्हें सामान्य थकान या तनाव समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। इससे इलाज में देरी होती है और अचानक हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
कार्डियोलॉजिस्ट कहती हैं:
“अगर आप या आपके आस-पास के किसी व्यक्ति को ऊपर बताए गए लक्षण दिखें तो तुरंत मेडिकल सहायता लें। समय रहते इलाज से जान बचाई जा सकती है।”
हार्ट अटैक से बचाव के उपाय
नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं।
स्वस्थ आहार अपनाएं, जिसमें ताजी सब्जियां, फल, और कम वसा वाला भोजन शामिल हो।
धूम्रपान और शराब से बचें।
नियमित व्यायाम करें।
तनाव कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करें।
नींद पूरी करें।
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