भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने अपनी टीम के लिए चयन में एक अहम भूमिका निभाई है। ऐसा ही एक उदाहरण तब देखने को मिला जब उन्होंने श्रेयस अय्यर को 2017 की ICC चैंपियंस ट्रॉफी टीम में शामिल करने की जोरदार पैरवी की थी। उस समय युवा अय्यर के चयन को लेकर काफी बहस हुई थी, लेकिन रोहित की जिद और भरोसे ने अय्यर को मौका दिया और यह कदम बाद में साबित हुआ कि चयनकर्ता सही निर्णय ले रहे थे।
श्रेयस अय्यर और रोहित शर्मा का खास रिश्ता
श्रेयस अय्यर ने अपने खेल से भारतीय क्रिकेट में तेजी से अपनी जगह बनाई है, लेकिन शुरुआती दौर में उनकी टीम में जगह पाना आसान नहीं था। कप्तान रोहित शर्मा ने टीम प्रबंधन के सामने बार-बार उनका नाम रखा और उनकी प्रतिभा पर भरोसा जताया। इस जिद के कारण अय्यर को मौका मिला, जिसने बाद में टीम के लिए कई महत्वपूर्ण मैचों में योगदान दिया।
रोहित की यह पहल इसलिए भी खास मानी जाती है क्योंकि वह जानते थे कि अय्यर की बल्लेबाजी और फील्डिंग भविष्य में टीम के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी।
सूर्यकुमार यादव की बात अलग क्यों है?
वहीं, जब बात आती है सूर्यकुमार यादव की, तो उनके मामले में रोहित शर्मा ने वैसी जिद या सक्रियता नहीं दिखाई, जो अय्यर के लिए की गई। यह बात कई क्रिकेट विशेषज्ञों के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है। सूर्यकुमार ने आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन टीम में उनकी निरंतरता अभी सवालों के घेरे में है।
विश्लेषकों का कहना है कि रोहित शर्मा की रणनीति और टीम के संतुलन को लेकर उनकी सोच अलग है। सूर्यकुमार की चयन प्रक्रिया में टीम मैनेजमेंट के अन्य कारकों जैसे टीम की जरूरत, फॉर्म और विरोधी टीम के मुताबिक प्लानिंग को भी महत्व दिया जाता है। इसलिए, सूर्यकुमार को अभी तक उतनी लगातार प्राथमिकता नहीं मिली जितनी अय्यर को मिली।
चयन प्रक्रिया में कप्तान की भूमिका
भारतीय क्रिकेट टीम में कप्तान का चयन प्रक्रिया में प्रभावशाली योगदान होता है, लेकिन वह पूरी प्रक्रिया अकेले नहीं करते। चयनकर्ता, कोचिंग स्टाफ और कप्तान मिलकर टीम का निर्णय लेते हैं। रोहित शर्मा ने श्रेयस अय्यर के चयन के मामले में अपनी बात को मजबूती से रखा, जिससे यह साबित होता है कि कप्तान की सक्रिय भागीदारी खिलाड़ियों के करियर को नया आयाम दे सकती है।
क्या कह रहे क्रिकेट विशेषज्ञ?
क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि रोहित शर्मा ने अय्यर को टीम में शामिल करने में जो जज्बा दिखाया, वह एक कप्तान के जिम्मेदार फैसले की मिसाल है। वहीं सूर्यकुमार के मामले में यह देखा जाना बाकी है कि उन्हें कब और किस तरीके से टीम में मौका मिलेगा। हालांकि उनकी क्षमता को लेकर किसी को कोई संदेह नहीं है।
यह भी पढ़ें:
मोबाइल की स्क्रीन से आंखों को हो सकता है गंभीर नुकसान, जानिए एक्सपर्ट की राय
You may also like
गुजरात की वो लड़की जिसे अमिताभ बच्चन खुद लिखते हैं खतˈ पैरों से चलाती है फोटोकॉपी की दुकान जानिए उसकी ज़िन्दगी की कहानी
लंदन से भोपाल रोड ट्रिप में इस शख्स ने खर्च किए 1 करोड़ रुपये, 35 दिनों में 16000 km का सफर
Samsung Galaxy S26 Ultra 5G की कीमत और डिजाइन लीक, यूजर्स में बढ़ी एक्साइटमेंट!
जीजा-साली से अकेले में हुई एक भूल फिर कर बैठे ऐसाˈ कांड पहुंच गए जेल दीदी बोली- मुझे तो कभी पता ही नहीं लगता अगर…
यमुना का बढ़ता जलस्तर: नोएडा में बाढ़ का खतरा, सड़कों पर 100 से ज्यादा झुग्गियां बनीं