आधुनिक रसोई का एक अभिन्न हिस्सा बन चुके नॉन-स्टिक पैन खाना पकाने को आसान और कम तेल में हेल्दी बनाने का विकल्प माने जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर चीज नॉन-स्टिक पैन में पकाना स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं है? विशेषज्ञों की मानें तो कुछ विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थों को इन बर्तनों में पकाना केमिकल रिएक्शन और विषैले धुएं का कारण बन सकता है, जो न केवल खाने की गुणवत्ता को प्रभावित करता है बल्कि आपके फेफड़ों और हार्मोनल संतुलन पर भी बुरा असर डाल सकता है।
नॉन-स्टिक पैन क्या होता है?
नॉन-स्टिक बर्तनों की सतह पर टीएफएलओएन (Teflon) या पोलिटेट्राफ्लुओरोएथिलीन (PTFE) नामक रसायन की कोटिंग की जाती है। यह कोटिंग भोजन को सतह से चिपकने नहीं देती और सफाई को भी आसान बनाती है। हालांकि, यदि पैन को अत्यधिक गर्म किया जाए या उसकी सतह खरोंच जाए, तो यह कोटिंग टूट सकती है और जहरीले तत्व भोजन में मिल सकते हैं।
किन चीजों को नॉन-स्टिक पैन में नहीं पकाना चाहिए?
1. तेज आंच पर मांस या सीज़रिंग करना
नॉन-स्टिक पैन तेज आंच के लिए नहीं बनाए गए होते। मांस या सब्जियों को तेज आंच पर सेंकने या भूनने से पैन की कोटिंग 260°C से ऊपर जाकर टूटने लगती है और उससे टॉक्सिक फ्यूम्स (जहरीली गैसें) निकलती हैं।
ये गैसें ‘Polymer Fume Fever’ नामक स्थिति पैदा कर सकती हैं, जिसमें बुखार, सिरदर्द और सांस लेने में परेशानी होती है।
2. टमाटर या नींबू जैसे एसिडिक खाद्य पदार्थ
अत्यधिक खट्टे खाद्य पदार्थ जैसे टमाटर, नींबू का रस, सिरका आदि को लंबे समय तक नॉन-स्टिक पैन में पकाने से उसकी कोटिंग पर असर पड़ता है। ये पदार्थ कोटिंग को धीरे-धीरे घोल सकते हैं और भोजन में रासायनिक तत्व शामिल हो सकते हैं।
3. स्क्रैच वाले नॉन-स्टिक पैन में कुछ भी न पकाएं
अगर आपके पैन की सतह पर खरोंच या दरारें हैं, तो उसमें कुछ भी पकाना खतरनाक है। खरोंचों के कारण Teflon की कोटिंग टूटकर सीधे खाने में मिल सकती है, जो दीर्घकालिक रूप से लीवर, किडनी और थायरॉइड पर असर डाल सकती है।
4. बिना तेल के अंडा या पनीर पकाना
हालांकि नॉन-स्टिक का उद्देश्य कम तेल में खाना है, लेकिन बिल्कुल बिना तेल के अंडा, पनीर या सूखे मसाले पकाने से पैन जल्दी गरम होता है और कोटिंग टूट सकती है।
हल्की सी चिकनाई देने से न केवल पैन सुरक्षित रहता है, बल्कि खाना भी अच्छी तरह बनता है।
विशेषज्ञों की राय
प्रसिद्ध न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. श्रुति मिश्रा कहती हैं,
“नॉन-स्टिक बर्तन का सही उपयोग जरूरी है। कम आंच पर खाना पकाना और लकड़ी या सिलिकॉन के चम्मच का इस्तेमाल करना उसकी कोटिंग को लंबे समय तक टिकाऊ बनाता है। लेकिन जैसे ही पैन में खरोंच आए, उसे बदल देना चाहिए।”
नॉन-स्टिक पैन का सुरक्षित उपयोग कैसे करें?
नॉन-स्टिक पैन को तेज आंच पर कभी न रखें।
धातु के चमचे या फोर्क का उपयोग न करें, इससे सतह खरोंच सकती है।
बर्तन को कभी खाली न गर्म करें।
खाना पकाने के बाद पैन को तुरंत ठंडे पानी में न डालें। इससे कोटिंग टूट सकती है।
हर 1-2 साल में नॉन-स्टिक पैन बदलें, खासकर यदि आप रोज़ इसका इस्तेमाल करते हैं।
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