बिहार के नामचीन व्यवसायी गोपाल खेमका की शुक्रवार रात बेहद दुखद और स्तब्ध कर देने वाली घटना में उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह हादसा उस वक्त हुआ जब वे कार से उतरकर घर की ओर बढ़ ही रहे थे कि पहले से घात लगाए बैठे बदमाशों ने उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया। इस सनसनीखेज वारदात ने पटना के व्यापारिक जगत को झकझोर दिया है। गौर करने वाली बात यह है कि सात साल पहले दिसंबर 2018 में उनके बेटे गुंजन खेमका की भी दिनदहाड़े वैशाली के हाजीपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय वे फैक्ट्री जा रहे थे। बेटे की दर्दनाक मौत के सदमे से अभी तक उबर नहीं पाए परिवार को अब एक और बड़ी त्रासदी ने तोड़ दिया है। पटना के मशहूर मगध हॉस्पिटल के मालिक गोपाल खेमका की हत्या होटल पनाश के पास हुई, जिसने पूरे शहर में सनसनी फैला दी।
गोपाल खेमका की हत्या के बाद फिर से उनके बेटे गुंजन खेमका हत्याकांड की चर्चा तेज हो गई है। जब गुंजन की हत्या हुई थी, तब वे भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय नेता भी थे। घटना उस वक्त की है जब वे रोज की तरह हाजीपुर के इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित अपनी फैक्ट्री के लिए निकले थे। दिन के उजाले में, भीड़भाड़ वाले पासवान चौक के पास बदमाशों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। इस हमले में उनके साथ मौजूद ड्राइवर भी घायल हो गया था। इससे पहले भी 2016 में उन पर जानलेवा हमला हो चुका था लेकिन उस वक्त वे किसी तरह बच निकले थे।
गुंजन हत्याकांड के प्रत्यक्षदर्शी ड्राइवर मनोज ने बताया था कि कार फैक्ट्री गेट तक पहुंच चुकी थी। गुंजन खेमका आगे की सीट पर बैठे थे और कार के शीशे बंद थे। जैसे ही ड्राइवर उतरकर गेट खोलने लगा, वैसे ही बदमाशों ने खिड़की के पास आकर अचानक फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की बौछार उनके सिर और सीने पर हुई और घटनास्थल पर ही उनकी हालत गंभीर हो गई। बदमाश बड़ी बेशर्मी से पिस्टल लहराते हुए वहां से फरार हो गए।
बेटे की हत्या के बाद गोपाल खेमका लंबे समय तक गहरे सदमे में रहे। उन्होंने सामाजिक कार्यक्रमों से दूरी बना ली थी। अब उनकी हत्या से व्यापारी वर्ग और परिजनों में भारी आक्रोश है। स्थानीय थाना महज 300 मीटर की दूरी पर था, फिर भी पुलिस देर से पहुंची, यह सवाल खड़े कर रहा है। परिजनों के अनुसार, पुलिस को सूचना मिलने के बावजूद घटनास्थल पर पहुंचने में एक घंटे से भी ज्यादा का समय लग गया, जबकि उन्होंने खुद ही खेमका को अस्पताल पहुंचाया।
पटना सेंट्रल एसपी दीक्षा ने बताया कि देर रात सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंचीं, लेकिन परिजनों का कहना है कि वे रात लगभग ढाई बजे आईं और उनके अलावा कोई भी सीनियर अधिकारी नहीं आया। इससे पीड़ित परिवार और व्यापारियों में रोष और ज्यादा गहरा हो गया है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पटना पुलिस ने जांच तेज कर दी है। एसपी दीक्षा के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन कर दिया गया है। एफएसएल की टीम ने मौके पर पहुंचकर सबूत जुटाने का काम शुरू कर दिया है। अब पूरा शहर इस हत्याकांड के खुलासे का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
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