नई दिल्ली, 17 अप्रैल . सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारतीय सेना की ‘सुदर्शन चक्र कोर’ से जुड़ी परिचालन तैयारियों की व्यापक समीक्षा की है, जिससे सेना की उच्च युद्ध तत्परता, नवाचार और पेशेवर उत्कृष्टता के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता को बल मिला है.
जनरल द्विवेदी ने यहां अत्याधुनिक तकनीकों के समावेश के बारे में जानकारी हासिल की. उन्होंने सैनिकों से बातचीत की और परिचालन दक्षता, प्रशिक्षण और युद्धक्षेत्र नवाचार पर उनके फोकस की प्रशंसा की. उन्होंने पांच प्रतिष्ठित दिग्गजों को वेटरन अचीवर अवॉर्ड से सम्मानित भी किया. इनमें ब्रिगेडियर रामनारायण विनायक, कर्नल वैभव प्रकाश त्रिपाठी, कर्नल के.पी. सिंह, नायक अनिल कुमार वर्मा और लांस दफादार प्रदीप कालस्कर शामिल हैं.
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) रामनारायण विनायक भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण में सक्रिय हैं. उन्होंने पुनर्वास महानिदेशालय (डीजीआर) द्वारा प्रायोजित 300 से अधिक सैन्य दिग्गजों को रोजगार देने वाली एक सुरक्षा एजेंसी की स्थापना की. साल 1962, 1965 और 1971 के युद्धों की वीरांगनाओं को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया. साथ ही उदार पारिवारिक पेंशन की वकालत की.
अपनी पत्नी के साथ, वह शौर्य स्मारक में शैक्षिक प्रस्तुतियों के माध्यम से बहादुरों की विरासत को बढ़ावा भी देते हैं. सेवानिवृत्त कर्नल वैभव प्रकाश त्रिपाठी मध्य प्रदेश भूतपूर्व सैनिक लीग के उपाध्यक्ष के रूप में, ओजस शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान से जुड़े हैं. यह एक अनुभवी संस्थान है जो रक्षा बलों में शामिल होने के इच्छुक आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करता है.
सेना अध्यक्ष द्वारा सम्मानित कर्नल (सेवानिवृत्त) के.पी. सिंह सैन्य दिग्गजों और वीरांगनाओं को कानूनी सहायता देने के लिए जाने जाते हैं. वह सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों की पेंशन से जुड़े मामलों में सहायता करते हैं. वह एसएसबी को निःशुल्क मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं तथा बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए स्थानीय धर्मार्थ संस्थाओं को सहायता प्रदान करते हैं.
सेवानिवृत्त नायक अनिल कुमार वर्मा ने अपने पैतृक घर को बालिका छात्रावास में परिवर्तित कर दिया है. उन्होंने बिलासपुर में वंचित आदिवासी बच्चों के लिए एक विद्यालय की स्थापना की, जो उल्लेखनीय बोर्ड परिणाम प्राप्त कर रहा है. सामाजिक प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में, वह साथी दिग्गजों को प्रेरित करते हैं.
सेवानिवृत्त लांस दफादार प्रदीप कालस्कर पूर्व सैनिकों की पेंशन और वित्तीय समस्याओं को हल करने में सक्रिय रूप से मदद करते हैं. सेना के मुताबिक, उन्होंने पांच लोगों को आग से बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली. एक हजार से अधिक पौधे लगाने के लिए उन्हें ‘वृक्षमित्र’ के रूप में सम्मानित भी किया गया है.
सेना का कहना है कि ये पुरस्कार भारतीय सेना के अपने दिग्गजों के प्रति गहरे सम्मान को रेखांकित करते हैं. साथ ही समाज पर उनके निरंतर प्रभाव को दर्शाते हैं.
सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने यहां योद्धास्थल का भी दौरा किया, तथा भारतीय सेना की वीरता और इतिहास का वर्णन किया. इसे नागरिक-सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने तथा भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए जनता के लिए एक व्यापक और शैक्षिक अनुभव के रूप में डिजाइन किया गया.
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जीसीबी/एकेजे
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