देहरादून, 11 मई . आयुष्मान कार्ड देश के गरीबों के लिए संजीवनी साबित हो रही है. इसका लाभ लेने वाले लाभार्थी ने बताया कि आयुष्मान कार्ड से सास और बेटे का इलाज संभव हो पाया है. अगर कार्ड नहीं होता तो हम इलाज के कर्ज में डूबे हुए होते. देहरादून के मेहुवाला माफी की बुजुर्ग महिला रसीला ने अपने हार्ट का ऑपरेशन करवाकर इस योजना का लाभ लिया और इसके लिए लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत बधाई दी.
लाभार्थी रसीला की बहू ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने अपने बेटे का इलाज भी आयुष्मान कार्ड से करवाया. लाभार्थी की बहू साजिदा ने बताया कि मेरी सास हम लोगों के साथ हैं तो सिर्फ आयुष्मान कार्ड की वजह से.
लाभार्थी की बहू साजिदा ने बताया कि मेरी सास की तबीयत बहुत खराब थी. उन्हें नहीं पता था कि उन्हें हार्ट की समस्या है. उन्होंने आयुष्मान कार्ड योजना का लाभ लिया है. अस्पताल पहुंचने के बाद पता चला कि हार्ट की समस्या है. शुरुआत में ही दो से तीन लाख रुपये की जरूरत पड़ रही थी.
उन्होंने बताया कि मीडिया के माध्यम से हमें पता चला कि आयुष्मान कार्ड पर मरीजों को लाभ मिलता है. आयुष्मान कार्ड बनवाने के बाद अस्पताल से संपर्क किया और इसके बाद सास का इलाज संभव हो पाया है. इस कार्ड के जरिए हम 1.5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त करवाया है. उन्होंने कहा कि गरीब लोगों के पास इतना पैसा नहीं होता है कि वे गंभीर बीमारियों का इलाज करवा सकें. हर गरीब को इसका लाभ लेना चाहिए, इस कार्ड से 5 लाख तक का इलाज करवा सकते हैं.
लाभार्थी की बहू साजिदा ने बताया कि अगर हमें इस योजना का लाभ नहीं मिलता तो हम इलाज करवाने में सक्षम नहीं हो पाते. इलाज करवाने के लिए हमें किसी से उधार या लोन लेना पड़ता. आयुष्मान कार्ड का हमें बहुत लाभ मिला है. मैं पीएम मोदी का धन्यवाद करती हूं कि देश के गरीबों के लिए इस योजना को बनाया है. इस कार्ड की वजह से ही मेरी सास की जान बच पाई है. उन्होंने बताया कि मेरे बेटे की किडनी में पथरी थी, इस कार्ड से ही उसका भी इलाज हो पाया है. बेटे के इलाज में 80 हजार तक का खर्च आया था.
वहीं, लाभार्थी रसीला ने बताया कि आयुष्मान कार्ड से मेरे हार्ट का इलाज संभव हो पाया है. अस्पताल में आयुष्मान कार्ड लगाने के बाद फ्री में इलाज हो सका.
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एएसएच/डीएससी
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