नई दिल्ली, 4 जुलाई . आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में सरकार बनते ही भाजपा ने पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला ले लिया था. उन्होंने भाजपा पर ऑटोमोबाइल कंपनियों से सांठगांठ का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि फरवरी में दिल्ली सरकार ने शपथ ली और चंद दिन बाद 1 जुलाई को पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने ऐलान किया कि 31 मार्च के बाद पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं मिलेगा. हालांकि इसे लागू एक जुलाई से किया गया. आज भाजपा जिस सीएक्यूएम के आदेश का सहारा ले रही है, वह आदेश तो मंत्री के ऐलान के काफी दिनों बाद 27 अप्रैल को आया था. इससे स्पष्ट है कि भाजपा ने पहले ही ऑटोमोबाइल कंपनियों से सांठगांठ कर ली थी और उनको करोड़ों रुपए का फायदा पहुंचाने के लिए यह तुगलकी फरमान जारी किया, ताकि दिल्ली के 61 लाख लोग नई गाड़ी खरीदने के लिए मजबूर हो जाएं.
सौरभ भारद्वाज ने दिल्लीवालों को बधाई देते हुए कहा कि दिल्ली की जनता ने अपनी एकजुटता के जरिए भाजपा सरकार के कई तुगलकी फरमानों को वापस लेने के लिए मजबूर किया है. जब पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन देने पर रोक लगाने की बात कही जा रही थी, तब भाजपा सरकार के मंत्री उछल-उछल कर कह रहे थे कि किसी पुराने वाहन को छोड़ा नहीं जाएगा. पेट्रोल पंपों पर पुरानी गाड़ियों को जब्त करने के लिए 400 टीमें लगाई जाएंगी और भाजपा पूरी तरह चुप थी. इस तुगलकी फरमान का सिर्फ दिल्ली की आम जनता और आम आदमी पार्टी विरोध कर रही थी.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा बहानेबाजी कर रही है कि यह कोर्ट का आदेश था, इसलिए पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है. लेकिन सच तो यह है कि पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल ने पहली बार 10 साल पहले 7 अप्रैल 2015 को आदेश जारी किया था. इसी तरह, 10 साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल 2015 को आदेश दिया. 2015 से 2025 तक दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी, लेकिन ‘‘आप’’ की सरकार ने कभी भी पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल न देने को लेकर कोई फरमान नहीं जारी किया.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब भाजपा की चोरी पकड़ी गई तो दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सीएक्यूएम को चिट्ठी लिखी कि सरकार पुरानी गाड़ियों डीजल-पेट्रोल नही देने का प्रतिबंध नहीं लगा पाएगी. इसके बाद भाजपा सरकार अपने ही बुने जाल में फंस गई. मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सीएक्यूएम को लिखे पत्र में कहा है कि 23 अप्रैल 2025 को सीएक्यूएम की तरफ से दिल्ली सरकार को निर्देश आया कि पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल डीजन देना बंद कर दिया जाए. लेकिन सीएक्यूएम से पत्र मिलने से एक माह पहले ही 1 मार्च 2025 को मनजिंदर सिंह सिरसा ने खुद प्रेसवार्ता कर ऐलान किया था कि सरकार 31 मार्च से पुरानी गाड़ियों को डीजल-पेट्रोल देना बंद कर देगी.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इससे साफ है कि भाजपा ने सरकार बनने के तुरंत बाद ही तय कर लिया था कि दिल्ली की सड़कों से 61 लाख पुरानी गाड़ियों को सड़क से हटाकर लोगों को नई गाड़ियां खरीदने के लिए मजबूर करना है. सीएक्यूएम केंद्र सरकार के अधीन काम करता है. भाजपा की दिल्ली सरकार द्वारा 23 अप्रैल 2025 को सीएक्यूएम से मिलीभगत कर पुरानी गाड़ियों को डीजल-पेट्रोल नही देने को लेकर पत्र लिया गया और सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया. सीधे तौर पर बीजेपी की केंद्र सरकार का सीएक्यूएम और दिल्ली सरकार की मिलीभगत से दिल्ली के लोगों पर यह तुगलकी फरमान थोपा गया. इनकी तरफ से कोशिश की गई कि नई लाखों गाड़ियों की बिक्री कराई जाए.
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पीकेटी/एएस
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