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ओडिशा : केंदुझार के जंगल में हाथी के बीमार बच्चे की मौत, 14 घंटे चला इलाज

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केंदुझार (ओडिशा), 11 अप्रैल . ओडिशा के केंदुझार जिले में एक हाथी के बच्चे की मौत हो गई. वह पिछले कुछ दिनों से वन विभाग की निगरानी में था और उसका इलाज भी चल रहा था. वन अधिकारियों और विशेषज्ञों के तमाम प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका और शुक्रवार तड़के उसने दम तोड़ दिया.

यह घटना केंदुझार के बनखंड क्षेत्र के चंपुआ रेंज के चमकपुर जंगल की है. गत 7 अप्रैल को वन विभाग की फील्ड यूनिट ने गश्त के दौरान इस हाथी के बच्चे को देखा, जो बेहद कमजोर हालत में जंगल में घूमता पाया गया. अधिकारियों ने बताया कि हाथी का बच्चा धीमे चल रहा था और स्पष्ट रूप से अस्वस्थता के लक्षण दिखारहाथा.

जब ड्रोन कैमरे और भौतिक निरीक्षण के जरिए उसकी स्थिति की जांच की गई तो पाया गया कि उसके पिछले दोनों पैरों और कान के पास सूजन थी. इसके बाद वन विभाग ने ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी और वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों से सलाह ली और 10 अप्रैल से उसका इलाज शुरू किया गया.

डीएफओ एच.डी. धनराज ने बताया कि हाथी के बच्चे की उम्र करीब डेढ़ साल थी और वह अपनी मां के साथ था. वह मां का दूध पी रहा था, लेकिन गर्मी और कमजोरी की वजह से उसकी हालत लगातार बिगड़ रही थी. अधिकारियों ने शुरू में इसे मौसमी कमजोरी माना, क्योंकि पहले भी ऐसे मामलों में हाथी के बच्चों को गर्मियों में इस तरह की स्थिति में देखा गया था. लेकिन जब 10 अप्रैल को सुबह 11 बजे देखा गया कि वह बच्चा खुद से न तो चल पा रहा है और न ही उठ पा रहा है, तो तत्काल उपचार शुरू किया गया.

डीएफओ ने कहा कि विशेषज्ञों की मदद से हाथी को एंटीबायोटिक दवाएं और फ्लूड थेरैपी दी गई. करीब 14 घंटे तक लगातार उसका इलाज किया गया और उसके बाद उसकी स्थिति में थोड़े सुधार के संकेत भी मिले. वन विभाग की टीम को उम्मीद थी कि इलाज का असर हो रहा है और बच्चा धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा. लेकिन दुर्भाग्यवश 11 अप्रैल को तड़के लगभग 3:30 बजे हाथी के बच्चे ने दम तोड़ दिया.

पीएसएम/एकेजे

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