नई दिल्ली, 11 अप्रैल . दिल्ली के उपराज्यपाल और गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आईपीयू) के कुलाधिपति विनय कुमार सक्सेना ने शुक्रवार को द्वारका स्थित आईपीयू परिसर में आयोजित 17वें दीक्षांत समारोह में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि इस वर्ष के बजट में नरेला में प्रस्तावित एजुकेशनल हब के लिए 500 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसी सोच के तहत यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है.
अपने संबोधन में उपराज्यपाल ने दीक्षांत प्राप्त कर रहे छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि अब आप पर समाज और देश की जिम्मेदारी है. आपको अपने आसपास की दुनिया के प्रति संवेदनशील रहना होगा. वह शिक्षा, जो किसी के जीवन में खुशी न ला सके, उसका कोई महत्व नहीं. मानवीय मूल्यों की शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं होनी चाहिए. इतिहास गवाह है कि एक व्यक्ति भी वैश्विक बदलाव ला सकता है और आश्वस्त किया कि दिल्ली अब सुरक्षित हाथों में है.
इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी छात्रों को संबोधित किया. सीएम गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है. एक विकसित दिल्ली और विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा जब हर नागरिक, विशेषकर युवा, अपने सामाजिक दायित्व को समझें और सक्रिय भागीदारी निभाए.
दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि डिग्री एक संघर्ष की पहचान है, लेकिन असली परीक्षा अब शुरू होती है. उन्होंने छात्रों से सतत अधिगम (लाइफ लॉन्ग लर्निंग), टिकाऊ विकास और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से देश को नई दिशा देने का आह्वान किया. दिल्ली के मुख्य सचिव ने इस दौरान कौशल अंतर को पाटने की आवश्यकता पर बल दिया.
भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष प्रो. आशुतोष शर्मा ने दीक्षांत भाषण में नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने, विभिन्न ज्ञान धाराओं को एकीकृत करने और तकनीकी अनुप्रयोगों के साथ आजीवन अधिगम को अपनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला.
दीक्षांत समारोह में कुल 24,456 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गई, जिसमें 110 पीएचडी, 12 एमफिल, 2,624 मास्टर डिग्री, 20,739 स्नातक डिग्री, 483 एमबीबीएस, 488 एमडी, एमएस और आयुर्वेद वाचस्पति डिग्रियां शामिल थीं. इसके अलावा, 74 छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया. इस समारोह में महिला शक्ति की विशेष झलक देखने को मिली, क्योंकि 110 पीएचडी धारकों में से 75 महिलाएं और 35 पुरुष थे, जबकि 74 स्वर्ण पदक विजेताओं में 49 महिलाएं थीं. विश्वविद्यालय के विशेष पदक भी महिलाओं ने ही अपने नाम किए. विशेष पुरस्कार विजेताओं में डॉ. बी.पी. जोशी मेमोरियल गोल्ड मेडल रिया दुआ को, सिद्धार्थ खितोलिया पुरस्कार मुस्कान गुप्ता को, अशोक साहनी एवं सुमन साहनी पुरस्कार पूजा सुखेजा (प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता) और हिमानी तोमर (चिकित्सा में उत्कृष्टता) को प्रदान किया गया.
आईपी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा ने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने जल्द ही भारतीय ज्ञान केंद्र की स्थापना की योजना की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने अब तक लगभग 100 एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें 40 अंतरराष्ट्रीय सहयोग शामिल हैं.
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पीएसके/
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