भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का फ़ाइनल जीत लिया था, और पूरे देश में जश्न मनाया गया था। लेकिन मध्य प्रदेश के महू में यह जश्न भारी पड़ गया था। उस रात हालात ऐसे बिगड़े थे कि पूरे शहर में तनाव फैल गया था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उपद्रवियों ने पूरी रात हंगामा मचाया था, जिससे माहौल बेकाबू हो गया था। उन्होंने लोगों को बेरहमी से पीटा था, कई दुकानों और वाहनों में आग लगा दी थी और पेट्रोल बम फेंके थे। स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि सेना को हालात संभालने के लिए उतरना पड़ा था।
“बुलाओ अपने राम को”—इस बवाल में घर भी जले थे इस हिंसा में कई घरों को भी आग के हवाले कर दिया गया था। पीड़ितों में से एक व्यक्ति ने बताया था कि उपद्रवी गंदे नारे लगा रहे थे, ‘हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ के नारे सुनाई दे रहे थे। उनके घर की महिलाएं खौफ में पूरी रात सो नहीं पाई थीं। राधे कौशल, जिनका घर पत्ती बाजार चौराहे पर था, उनके घर पर भी पत्थरबाजी की गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने ‘बुलाओ अपने राम को, तुम्हारी गाड़ी जल रही है’ जैसे नारे भी लगाए थे।
क्या हुआ था उस रात? यह घटना रविवार रात करीब 10 बजे हुई थी। भारत की जीत के बाद 100 से ज्यादा युवा बाइक पर सवार होकर जुलूस निकाल रहे थे और ‘भारत माता की जय’ व ‘जय श्री राम’ के नारे लगा रहे थे। जब वे जामा मस्जिद के पास पहुंचे, तो आतिशबाजी करने को लेकर विशेष समुदाय के लोगों से विवाद हो गया था। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने पीछे से कुछ युवाओं को पकड़ लिया और पीटना शुरू कर दिया था। आगे से कुछ अन्य लोगों ने पत्थरबाजी कर दी थी, जिससे दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इस दौरान, घरों और दुकानों के बाहर खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई थी।
यह घटना महू के इतिहास में एक काले अध्याय की तरह दर्ज हो गई थी, जिसने पूरे शहर को दहशत में डाल दिया था।
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