Saste Dryfruit ki Market : ड्राई फ्रूट्स खाने का शौकीन हर कोई होता है, लेकिन महंगे दामों पर मिलने के कारण कई लोग इनका स्वाद तक नहीं चख पाते। सर्दियों के मौसम में तो ड्राई फ्रूट्स की मांग काफी ज्यादा बढ़ जाती है और रेट भी सातवें आसमान पर होते हैं। इसके बावजूद देश में एक मार्केट (saste kaju badam ki market) ऐसी भी है, जहां कौड़ियों के भाव काजू-बादाम बिकते हैं। अनेक लोग यहां से झोले-बोरी भरकर ले जाते हैं। आप भी बेहद कम रेट में यहां से काजू और बादाम खरीद सकते हैं।
एक ओर जहां कई लोग ड्राई फ्रूट्स की आसमान छूती कीमतों के कारण इनका रेट तक पूछने में कतराते हैं, वहीं अनेक लोग डेली रुटीन में भी सूखे मेवों का मजा लेते हैं। सेहत के लिए गुणकारी काजू-बादाम, अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स की कीमतें (dryfruits ) देशभर में ही इतनी हैं कि इन्हें हर कोई खरीदने की सोच भी नहीं सकता। लेकिन एक मार्केट ऐसी भी है जहां से आप 70-80 रुपये (kaju badam ka rate) में ही बैग के बैग भरकर ला सकते हैं। इस मार्केट में ड्राई फ्रूट खरीदने के लिए लोगों की लाइनें लगी रहती हैं। खासकर काजू-बादाम के लिए तो पूरे देश में इससे सस्ती मार्केट कहीं नहीं है। आइये जानते हैं आखिर कहां है ये मार्केट।
काजू की उपज के लिए फेमस है यह जगह
भारत में सबसे सस्ते ड्राई फूट्स झारखंड राज्य में मिलते हैं, जिसका एक कारण यह भी है कि यहां बड़ी मात्रा में काजू की खेती (kaju ki kheti kaha hoti hai) होती है। जामताड़ा जिले को खासतौर पर काजू की उपज के लिए जाना जाता है। हर साल हजारों टन काजू की फसल होती है, जिसके कारण यहां ड्राई फूट्स की कीमत (Cheapest Dry Fruits Market) बहुत कम रहती है। इसी कारण अब पूरे देश में झारखंड के जामताड़ा (jamtada me kaju ka rate) को काजू नगरी कहा जाने लगा है।
इस रेट में मिल जाते हैं काजू-बादाम
भारत के अलग-अलग हिस्सों में उच्च गुणवत्ता वाले काजू के दाम (kaju badam ke bhav) लगभग 950 रुपये से लेकर 1050 रुपये प्रति किलोग्राम हैं। लेकिन जामताड़ा जैसी जगहों पर सड़क के किनारे स्थानीय विक्रेता बहुत ही सस्ते दामों पर काजू और बादाम (saste kaju badam kaha milenge)बेचते हैं। यहां काजू को केवल 80 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट (kaju ka rate)में खरीदा जा सकता है। इस मार्केट (jamtada market) में बादाम के भाव महज 100 रुपये प्रति किलोग्राम ही हैं।
इस कारण मिलते हैं सस्ते ड्राई फ्रूट
जामताड़ा जिले के गांव नाला को काजू की खेती के लिए जाना जाता है। यहां अनेक किसान कई एकड़ में काजू की खेती करते हैं। चाय के बागानों की तरह ही यहां पर काजू के बड़े-बड़े बागान हैं। इन बागानों में अनेक लोग काम करते हैं जो कम रेट में ड्राईफ्रूट्स बेच देते हैं। जामताड़ा (jamtada kyo famous hai) के अलावा संथाल परगना क्षेत्र व दुमका में भी काजू की खेती बड़े लेवल पर की जाती है। यहां की भौतिक परिस्थितियां भी इसकी खेती के बिल्कुल अनुकूल हैं। बेहद सस्ता रेट होने के कारण दूसरे लोगों को तो फायदा होता है लेकिन किसानों काजू-बादाम का यह मोल कम लगता है। इस एरिया में कोई प्रोसेसिंग प्लांट लगे तो ही सही रेट किसानों को मिल सकते हैं।
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