किसी पर झूठा इल्जाम लगाना कभी-कभी भारी भी पड़ जाता है. ऐसा ही हुआ राजस्थान के अलवर में रहने वाली महिला के साथ. उसने अपने नाबालिग भतीजे पर रेप का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करवाया था. मगर कोर्ट ने उल्टा महिला को ही दोषी करार दे दिया. और उसे 20 साल जेल की सजा सुनाई है. दरअसल, एक सबूत ने पूरी कहानी का राज खोलकर सामने रख दिया था.
सरकारी वकील प्रशांत यादव ने बताया- तिजारा थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला ने 11 अगस्त 2024 को रिश्ते में लगने वाले नाबालिग भतीजे पर रेप का मामला दर्ज करवाया था. FIR में बताया था कि भतीजा 6 महीने पहले से रेप करता आ रहा था. महिला का आरोप था कि उसका भतीजा फोटो-वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने की धमकी देता था.
पुलिस ने जांच के दौरान दोनों की कॉल रिकॉर्डिंग निकलवाई. दोनों के बीच करीब 6 महीने में 832 बार मोबाइल पर बात हुई थी. इस पर पुलिस को मामला संदिग्ध लगा. जिस समय रेप करने का जिक्र किया, उस समय भतीजा नाबालिग था. जांच में सामने आया कि महिला से रेप नहीं किया गया. घरवालों के बाहर जाने पर महिला ही भतीजे को अपने घर बुलाती थी.
फैसला सुनाकर क्या बोलीं जज साहिबा?
ये सारे सबूत पुलिस ने कोर्ट में पेश किए. गवाह और सबूत मिलने पर कोर्ट ने महिला को दोषी मानते हुए 20 साल की जेल की सजा सुना दी. मुकदमे के समय महिला गर्भवती थी. उसका एक बेटा भी हुआ, जो अब 9 महीने का है. आरोपी महिला ने बेटे को अपने साथ जेल ले जाने की अर्जी कोर्ट में दी. बच्चा छोटा होने के कारण कोर्ट ने मां की अर्जी मंजूर की. इस केस की सुनवाई पॉक्सो कोर्ट नंबर-4 में हुई. जज हिमांकनी गौड़ ने फैसला सुनाते हुए कहा- ‘चाची का दर्जा मां समान होता है. ऐसा कृत्य शर्मसार करने वाला है. महिला को 20 साल जेल की सजा भुगतनी पड़ेगी.
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