हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (एलआईसी) को हिमाचल प्रदेश आवास और शहरी विकास प्राधिकरण (हिमुडा) के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के साथ पेंशन देने का आदेश दिया है. अदालत ने कंपनी के उस फैसले को रद्द कर दिया जिसमें कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के साथ पेंशन देने से मान किया गया था.
हाईकोर्ट ने लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (एलआईसी) को आदेश दिया है कि वो हिमुडा के रिटायर कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के साथ पेंशन अदा करे. यह आदेश हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने जारी किए है.
कोर्ट ने रद्द किया LIC का फैसलाकोर्ट ने लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के 23 नवंबर 2015 के फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें कंपनी ने अतिरिक्त राशि की मांग की थी और पेंशन देने से इनकार कर दिया था. मामला अदालत में आया तो हाईकोर्ट की एकल पीठ ने लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिए थे कि वह भविष्य में कर्मचारियों की पेंशन को नहीं रोकेगी.
हाईकोर्ट ने एलआईसी को अवैध रूप से अतिरिक्त राशि की मांग करने से भी रोक दिया था. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि एलआईसी स्कीम के मुताबिक आपसी सहमति से तय की गई राशि के अलावा अतिरिक्त राशि लेने का हक नहीं रखती.
कर्मचारियों को मिलने पेंशनवर्ष 2005 में लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (एलआईसी) हिमुडा कर्मचारियों को लाइफ ग्रुप सुपरन्युएशन कैश क्युमुलेटिव स्कीम के अंतर्गत पेंशन देने के लिए सहमति जताई थी. इसके बाद हिमुडा की ओर से औपचारिकताएं पूरी करने के बाद हिमुडा के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन मिलनी शुरू हो गई.
मगर 2014 में लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने हिमुडा से अतिरिक्त राशि देने की मांग रखी. अतिरिक्त राशि जमा न करवाने पर 23 नवंबर 2015 को लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने हिमुडा के कर्मचारियों को पेंशन देने से इनकार कर दिया.
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