दुनिया में एक ऐसा स्थान है जहां लोग अपने प्रियजनों की शवों को दफनाने या जलाने के बजाय उन्हें अपने घरों में रखते हैं। यहां, मृत्यु के बाद भी लोग अपने परिजनों के साथ सामान्य व्यवहार करते हैं, उनसे बातचीत करते हैं और उनकी देखभाल करते हैं।
मुर्दों का शहर: तारोजा गांव
इंडोनेशिया के तारोजा गांव में एक अनोखी परंपरा है। यहां, जब किसी की मृत्यु होती है, तो उसका अंतिम संस्कार नहीं किया जाता। इसके बजाय, शवों को ममी बना दिया जाता है और उन्हें इस तरह से रखा जाता है कि जैसे वे जीवित हों। लोग मृतकों को खाना खिलाते हैं और उनके साथ बातचीत करते हैं।
परिजनों को केवल घर में नहीं रखा जाता, बल्कि उन्हें पानी, खाना और यहां तक कि सिगरेट भी दी जाती है। हर साल अगस्त में, ममी बनाकर कब्र में रखे गए शवों को बाहर निकाला जाता है, साफ किया जाता है और उनका मेकअप किया जाता है।
मृतकों से संवाद
जब शवों को कब्र से बाहर निकाला जाता है, तो उनकी तस्वीरें ली जाती हैं और लोग उनसे बातचीत करते हैं। वहां के निवासियों का मानना है कि इंसान कभी नहीं मरता, बल्कि वह आराम करता है। जो लोग आपसे प्यार करते हैं, वे आपको कभी नहीं छोड़ते। यह विश्वास छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए समान है।
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