जब भी किसी की अंतिम यात्रा निकलती है, तो माहौल में उदासी छा जाती है। आमतौर पर अर्थी को चार लोग कंधा देते हैं, और यह सफेद रंग की होती है, जिसे फूलों से सजाया जाता है। अर्थी के आगे एक व्यक्ति मटकी लेकर चलता है, और लोग 'राम नाम सत्य है' का जाप करते हैं। श्मशान घाट पहुंचने पर अंतिम संस्कार किया जाता है।
किसान की अनोखी प्रार्थना
मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में एक अनोखी घटना घटी, जहां एक व्यक्ति ने अपनी अंतिम यात्रा के दौरान अचानक उठकर भगवान से बारिश की प्रार्थना की। इस समय देश के कई हिस्सों में बारिश की कमी से किसान परेशान हैं।
किसान अपनी फसलों को बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। यदि बारिश नहीं होती है, तो फसलें सूख जाती हैं। गांवों में बारिश लाने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। इसी संदर्भ में, झाबुआ के एक किसान ने अपनी अर्थी निकाली।
अर्थी पर उठ खड़ा हुआ किसान

इस किसान की अंतिम यात्रा बिल्कुल एक मृत व्यक्ति की तरह थी। उसे अर्थी पर लेटाकर पूरे गांव में घुमाया गया, और लोग रोने लगे। लेकिन जब अशोक नाम का यह किसान उठकर अपनी कहानी सुनाने लगा, तो सभी हैरान रह गए।
किसान ने कहा कि वह सोयाबीन की फसल बो चुका है, लेकिन बारिश न होने के कारण फसल सूखने के कगार पर है। उसने भगवान से प्रार्थना की कि बारिश जल्दी हो। यदि फसलें सूख गईं, तो किसान बर्बाद हो जाएंगे।
स्थानीय मान्यता
स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि जिंदा व्यक्ति की अर्थी निकाली जाए, तो बारिश होती है। इस विश्वास के चलते लोग इस अनोखी प्रथा को अपनाने के लिए तैयार हो गए। इस घटना पर आपकी क्या राय है, हमें कमेंट में बताएं।
You may also like
अवैध पाकिस्तानियों को ढूंढकर की जाएगी उचित कार्रवाई : देवेंद्र फडणवीस
कोहली को बस यह तय करना है कि वह किसी खास गेंदबाज से कैसे निपटना चाहते हैं: रंगराजन
भारतीय सेना ने नेत्र शल्य चिकित्सा में प्राप्त की महत्वपूर्ण उपलब्धि
जम्मू-कश्मीर के लोग सिपाही की तरह करेंगे यहां आने वाले लोगों की रक्षा : कैबिनेट मंत्री जावेद राणा
Devastating Storm and Hailstorm Ravage Arunachal Pradesh; Crops Destroyed, Homes Damaged, Flood Alert Issued