आंखों की स्थिति कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत दे सकती है। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि जब आंखों का सफेद हिस्सा पीला दिखाई देने लगे, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। पीली आंखें कई बीमारियों का संकेत हो सकती हैं, जिसमें पीलिया भी शामिल है।
इस लेख में जानें कि कौन सी चार बीमारियां आंखों के पीले होने का कारण बन सकती हैं और विशेषज्ञों की राय क्या है। साथ ही, यह भी जानें कि कब आपको जांच करानी चाहिए।
हेपेटाइटिस के संकेत: आंखों का पीला होना हेपेटाइटिस का संकेत हो सकता है। इस बीमारी में लीवर में सूजन आ जाती है, जिससे आंखें पीली हो जाती हैं। हेपेटाइटिस यकृत को नुकसान पहुंचाता है, जिससे वह बिलीरूबिन को ठीक से छान नहीं पाता।
सिकल सेल एनीमिया: इस स्थिति में शरीर में चिपचिपा खून बनने लगता है, जिससे आंखें पीली हो सकती हैं। इसके अलावा, यह लीवर या तिल्ली में टूटने का कारण बनता है, जिससे बिलीरूबिन का निर्माण होता है।
सिरोसिस: यह स्थिति तब होती है जब लिवर की कोशिकाएं धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। सिरोसिस के कारण लिवर का आकार छोटा हो जाता है और यह बीमारी अक्सर अत्यधिक शराब के सेवन से होती है।
मलेरिया: यह भी आंखों के पीले होने का एक कारण हो सकता है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि मलेरिया के कारण आंखों का पीलापन नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
दवाओं का अधिक सेवन: एसिटामिनोफेन, इबुप्रोफेन या एस्पिरिन जैसी दवाओं का लंबे समय तक सेवन करने से भी आंखों में पीलापन आ सकता है।
नवजात पीलिया: यह स्थिति नवजात शिशुओं में आम है, जिसमें उनकी त्वचा और आंखों का सफेद भाग पीला दिखाई देता है। यह आमतौर पर तब होता है जब बच्चे का लीवर बिलीरूबिन को तेजी से नहीं निकाल पाता।
अग्नाशय कैंसर: पीलिया अक्सर अग्नाशय कैंसर का पहला संकेत होता है। यह संकेत हो सकता है कि ट्यूमर पित्त नली को अवरुद्ध कर रहा है, जिससे रक्त में पित्त का संचय होता है।
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