प्रयागराज महाकुंभ के चलते अयोध्या और वाराणसी में भक्तों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पिछले 20 दिनों में अयोध्या के राम मंदिर में चढ़ाए गए चढ़ावे की गणना अभी तक नहीं हो पाई है। अनुमान है कि इस दौरान 15 करोड़ रुपये से अधिक का चढ़ावा प्राप्त हुआ है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, पिछले एक वर्ष में राम मंदिर को 700 करोड़ रुपये से अधिक का दान मिला है।
दान की गणना में चुनौतियाँ
भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि चढ़ाए गए दान की सही गणना करना संभव नहीं हो पा रहा है। कई श्रद्धालु ऐसे हैं जो दान पात्र तक नहीं पहुँच पा रहे हैं और मंदिर परिसर में ही धनराशि चढ़ा रहे हैं। महाकुंभ के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, और अयोध्या में प्रतिदिन औसतन दो से पांच लाख भक्त पहुँच रहे हैं।
राम मंदिर की धनराशि में वृद्धि
इस प्रकार, चढ़ावे के मामले में राम मंदिर भारत का तीसरा सबसे धनी मंदिर बन गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024-25 में आंध्र प्रदेश के तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर को 1500 से 1650 करोड़ रुपये का दान मिला था, जबकि दूसरे स्थान पर केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर को 750 से 850 करोड़ रुपये का चढ़ावा प्राप्त हुआ।
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