आने वाले दिनों में कई आईपीओ ओपन होने वाले हैं जो प्राइमरी मार्केट को व्यस्त रखेंगे। इनमें से एक Laxmi India Finance IPO भी है जो 254.26 करोड़ रुपये का बुक बिल्डिंग इश्यू है। इसमें 1.05 करोड़ नए शेयर्स जारी किए जाएंगे, जिसके जरिये कंपनी की 165.17 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है, जबकि 56 लाख शेयर्स ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिये 89.09 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।
लक्ष्मी इंडिया फाइनेंस के इस आईपीओ का प्राइस बैंड 150 रुपये से 158 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। इस इश्यू में निवेश करने के लिए खुदरा निवेशकों को न्यूनतम 94 शेयरों के एक लॉट के लिए आवेदन करना होगा, जिसकी कुल राशि 14,100 रुपये बनती है।
वहीं, छोटे गैर-संस्थागत निवेशकों (sNII) के लिए न्यूनतम निवेश 14 लॉट (यानी 1,316 शेयर) है, जिसकी राशि 2,07,928 रुपये होगी। बड़े गैर-संस्थागत निवेशकों (bNII) को 68 लॉट (यानी 6,392 शेयर) के लिए आवेदन करना होगा, जिसमें कुल निवेश राशि 10,09,936 रुपये बनेगी।
सार्वजनिक पेशकश का लगभग 50% योग्य संस्थागत खरीदारों (qualified institutional buyers) के लिए, लगभग 35% खुदरा निवेशकों (retail investors) के लिए और शेष 15% गैर-संस्थागत निवेशकों (non-institutional investors) के लिए आरक्षित है।
यह आईपीओ 29 जुलाई को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 31 जुलाई को बंद होगा। शेयरों का अलॉटमेंट 1 अगस्त को संभावित है। कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग बीएसई और एनएसई पर 5 अगस्त 2025, मंगलवार को संभावित रूप से की जाएगी।
1996 में स्थापित लक्ष्मी इंडिया फाइनेंस लिमिटेड एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है। यह कंपनी मुख्य रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को वित्तीय सहायता प्रदान करने के कारोबार में सक्रिय है। लक्ष्मी इंडिया फाइनेंस द्वारा एमएसएमई लोन, वाहन लोन, कंस्ट्रक्शन लोन और अन्य प्रकार की ऋण सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, जो छोटे व्यापारियों और उद्यमियों की जरूरतों को पूरा करती हैं।
कंपनी के पोर्टफोलियो में से 80 प्रतिशत से अधिक एमएसएमई लोन प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (Priority Sector Lending) की श्रेणी में आते हैं।
31 मार्च 2025 से 31 मार्च 2024 तक समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के बीच लक्ष्मी इंडिया फ़ाइनेंस लिमिटेड का राजस्व 42% बढ़ा और कर-पश्चात लाभ (PAT) 60% बढ़ा।
पीएल कैपिटल मार्केट्स प्राइवेट लिमिटेड, लक्ष्मी इंडिया फाइनेंस आईपीओ का बुक-रनिंग लीड मैनेजर है, जबकि एमयूएफजी इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (लिंक इनटाइम) इस इश्यू का रजिस्ट्रार है।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
लक्ष्मी इंडिया फाइनेंस के इस आईपीओ का प्राइस बैंड 150 रुपये से 158 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। इस इश्यू में निवेश करने के लिए खुदरा निवेशकों को न्यूनतम 94 शेयरों के एक लॉट के लिए आवेदन करना होगा, जिसकी कुल राशि 14,100 रुपये बनती है।
वहीं, छोटे गैर-संस्थागत निवेशकों (sNII) के लिए न्यूनतम निवेश 14 लॉट (यानी 1,316 शेयर) है, जिसकी राशि 2,07,928 रुपये होगी। बड़े गैर-संस्थागत निवेशकों (bNII) को 68 लॉट (यानी 6,392 शेयर) के लिए आवेदन करना होगा, जिसमें कुल निवेश राशि 10,09,936 रुपये बनेगी।
सार्वजनिक पेशकश का लगभग 50% योग्य संस्थागत खरीदारों (qualified institutional buyers) के लिए, लगभग 35% खुदरा निवेशकों (retail investors) के लिए और शेष 15% गैर-संस्थागत निवेशकों (non-institutional investors) के लिए आरक्षित है।
यह आईपीओ 29 जुलाई को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 31 जुलाई को बंद होगा। शेयरों का अलॉटमेंट 1 अगस्त को संभावित है। कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग बीएसई और एनएसई पर 5 अगस्त 2025, मंगलवार को संभावित रूप से की जाएगी।
1996 में स्थापित लक्ष्मी इंडिया फाइनेंस लिमिटेड एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है। यह कंपनी मुख्य रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को वित्तीय सहायता प्रदान करने के कारोबार में सक्रिय है। लक्ष्मी इंडिया फाइनेंस द्वारा एमएसएमई लोन, वाहन लोन, कंस्ट्रक्शन लोन और अन्य प्रकार की ऋण सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, जो छोटे व्यापारियों और उद्यमियों की जरूरतों को पूरा करती हैं।
कंपनी के पोर्टफोलियो में से 80 प्रतिशत से अधिक एमएसएमई लोन प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (Priority Sector Lending) की श्रेणी में आते हैं।
31 मार्च 2025 से 31 मार्च 2024 तक समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के बीच लक्ष्मी इंडिया फ़ाइनेंस लिमिटेड का राजस्व 42% बढ़ा और कर-पश्चात लाभ (PAT) 60% बढ़ा।
पीएल कैपिटल मार्केट्स प्राइवेट लिमिटेड, लक्ष्मी इंडिया फाइनेंस आईपीओ का बुक-रनिंग लीड मैनेजर है, जबकि एमयूएफजी इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (लिंक इनटाइम) इस इश्यू का रजिस्ट्रार है।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
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