नई दिल्ली: केंद्र में तीसरी बार प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार बनने के बाद जुलाई महीने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्ण यूनियन बजट पेश किया था. इस दौरान उन्होंने कई सारे नियमों में बदलाव का ऐलान किया था, जिसमें टीडीएस रेट्स भी शामिल है, जो आज यानी 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी हो रहे हैं. बता दें कि टीडीएस का पुरा नाम टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स यानी स्त्रोत पर की गई कर कटौती है. समझने के लिए: अगर किसी व्यक्ति को कोई इनकम होती है तो उस इनकम से टैक्स काटकर अगर व्यक्ति को बाकी रकम दी जाये तो टैक्स के रूप में काटी गई रकम को टीडीएस कहते हैं. क्या हर कमाई पर देना पड़ता है टीडीएस?दरअसल, सरकार टीडीएस के जरिए टैक्स इकठ्ठा करती है. हर कर कई तरह के इनकम सोर्स पर लागू होत है जैसे की सैलरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन, डिविडेंड और शेयर बायबैक आदि. हालांकि हर कमाई पर यह टैक्स नहीं लगता है. इनकम टैक्स की से कई तरह के अलग-अलग भुगतान पर अलग-अलग ब्याज दरें निर्धारित की गई हैं. नया टीडीएस रेट धारा 194-आईबी - कुछ व्यक्तियों या एचयूएफ की ओर से किराए के रूप में पेमेंट पर लगने वाले टीडीएस चार्ज को 5% से घटाकर 2% करने का प्रस्ताव है. धारा 194एम - कुछ व्यक्तियों या हिंदू अविभाजित परिवारों द्वारा कुछ राशियों के भुगतान पर कर 5% से घटाकर 2% किया गया है. धारा 194-O - ई-कॉमर्स ऑपरेटरों द्वारा ई-कॉमर्स प्रतिभागियों को कुछ राशि का भुगतान 1% से घटाकर 0.1% कर दिया गया है. म्यूचुअल फंड या यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा यूनिटों की पुनर्खरीद के कारण भुगतान से संबंधित धारा 194F को समाप्त करने का प्रस्ताव है. धारा 19डीए, 194एच, 194-आईबी और 194एम के तहत पेमेंट के लिए टीडीएस दर 5% से कम करके 2% कर दी गई है. ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के लिए टीडीएस रेट 1% से घटाकर 0.1% कर दिया गया है. धारा 194DA - लाइफ इश्योरेंस पॉलिसी से जुड़े पेमेंट पर टीडीएस 5% से घटाकर 2% किया गया है. धारा 194G - लॉटरी टिकटों की बिक्री पर कमीशन आदि पर टीडीएस को 5% से घटाकर 2% किया गया है.
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