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तमिलनाडु के चिथिराई उत्सव के लिए दशकों से भगवान के कपड़े सिल रहे हैं अमीरजान

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-यहां प्रसिद्ध हिंदू त्योहारों में से एक है चिथिराई उत्सव, इसमें देवी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर की शादी का होता है भव्य आयोजन

चेन्नई, 04 मई (हि.स.)। तमिलनाडु के सबसे प्रसिद्ध हिंदू त्योहारों में से एक है चिथिराई उत्सव। इसमें देवी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर की शादी का एक भव्य आयोजन किया जाता है। इसकी सबसे रोचक और खास बात यह है कि भगवान सुंदरेश्वर की शादी के सभी पहनावे(कपड़े)को एक मुस्लिम दर्जी सिलता है। यह तमिलनाडु में सांप्रदायिक एकता और सद्भाव का बढ़िया उदाहरण है।

अमीरजान नाम के ये दर्जी, जो 40 से ज़्यादा सालों से कपड़े सिल रहे हैं और वह मदुरै के इस उत्सव के लिए भगवान और कलाकारों के खास कपड़े बनाते हैं। चिथिराई उत्सव में हर साल मीनाक्षी अम्मन मंदिर में हज़ारों भक्त आते हैं जहाँ बड़े-बड़े जुलूस निकलते हैं और पूजा होती है। इस दौरान अमीरजान की दुकान पर बहुत भीड़ होती है क्योंकि वे मंदिर के कार्यक्रमों और सांस्कृतिक प्रदर्शनों के लिए सुंदर कपड़े बनाते हैं। उनका यह कार्य तीन पीढ़ियों से चली आ रहा है। इस कार्य में उनके परिवार की मेहनत और कला के प्रति समर्पण की जो झलक मिलती है। उससे समाज में एक सकारात्मक सोच का संदेश जाता है जो आपसी सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा देता है।

खास बात यह है कि वह कोविड-19 जैसी भयंकर महामारी और मुश्किल समय में भी उत्सव के लिए कपड़े सिलते रहे हैं। इस साल उत्सव के पूरी धूम-धाम से शुरू होने के बाद मीनाक्षी अम्मन मंदिर में झंडा फहराने के साथ ही पारंपरिक कपड़ों की माँग बढ़ने की उम्मीद है। अमीरजान की कहानी सिर्फ उनकी कारीगरी ही नहीं दिखाती बल्कि यह भी बताती है कि कैसे धर्म और संस्कृति से हटकर एकता और समाज के प्रति समर्पण का एक नमूना बन गया है।

हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में अमीरजान ने बताया, हम तीन पीढ़ियों से यह काम कर रहे हैं। मुझे अपना काम बहुत पसंद है। हम धर्म, जाति या पंथ से परे भक्तों के लिए ये विशेष पोशाकें बनाते हैं। उन्होंने यह भी कहा, पिछले दो सालों में हमारा व्यवसाय सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है क्योंकि त्योहार नहीं मनाया गया। हमें उम्मीद है कि इस सीजन में हमारा व्यवसाय अच्छा रहेगा।

अमीरजान चिथिराई उत्सव का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं जो तमिलनाडु की सांस्कृतिक समृद्धि और सबको साथ लेकर चलने की भावना का बेहतरीन उदाहरण है।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ आर बी चौधरी

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