Next Story
Newszop

प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में अब सरकारी स्कूलों के शिक्षक 5-6 साल के बच्चों को डेढ़ घंटे पढ़ाएंगे

Send Push

राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक नया कदम उठाया है। इसके तहत अब 5-6 वर्ष के बच्चों को डेढ़ घंटे तक पढ़ाने की जिम्मेदारी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को सौंपी जाएगी। इस योजना में महिला शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

योजना का उद्देश्य

शिक्षा विभाग का कहना है कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा में मजबूत आधार प्रदान करना है। 5-6 वर्ष के बच्चों के लिए यह उम्र शैक्षिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। डेढ़ घंटे की कक्षा में उन्हें बुनियादी अंकगणित, भाषा, सामाजिक और मानसिक कौशल सिखाए जाएंगे।

महिला शिक्षकों को प्राथमिकता

सरकारी आदेश के अनुसार, आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ाने के लिए महिला शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसका उद्देश्य बच्चों के साथ सहानुभूतिपूर्ण और संवेदनशील वातावरण तैयार करना है। महिला शिक्षक बच्चों के शुरुआती शिक्षा अनुभव को और अधिक सुरक्षित और सकारात्मक बनाने में मदद करेंगी।

शिक्षकों की भूमिका और प्रशिक्षण

सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें बच्चों के सिखाने के तरीकों, खेल आधारित शिक्षण और संवाद कौशल पर जोर दिया जाएगा। प्रशिक्षित शिक्षक बच्चों की संज्ञानात्मक और सामाजिक क्षमताओं को विकसित करने में मदद करेंगे।

आंगनबाड़ी केंद्रों में सुधार

शिक्षा विभाग का कहना है कि इस योजना से आंगनबाड़ी केंद्रों की शिक्षा प्रणाली में सुधार आएगा। बच्चों को नियमित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। इसके साथ ही, माता-पिता का भरोसा भी बढ़ेगा कि उनके बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा उचित तरीके से हो रही है।

उम्मीद और प्रतिक्रिया

इस योजना को लेकर शिक्षकों और अभिभावकों में उत्साह देखा जा रहा है। अभिभावकों का कहना है कि इस उम्र में बच्चों के लिए सही मार्गदर्शन बेहद जरूरी है और सरकारी स्कूल के प्रशिक्षित शिक्षक इसे सुनिश्चित कर सकते हैं। शिक्षकों का कहना है कि यह कदम बच्चों के समग्र विकास के लिए फायदेमंद साबित होगा।

Loving Newspoint? Download the app now