राजस्थान के उदयपुर के चर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' को लेकर शुरू हुआ विवाद अब बढ़ने लगा है। विश्व हिंदू परिषद ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका का कड़ा विरोध किया है। विहिप ने जमीयत-उलेमा-ए-हिंद को आतंकवादियों का समर्थन करने वाला संगठन बताया है। विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि हम फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' का पूरा समर्थन करते हैं। परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमितोष पारीक ने कहा कि अगर जिहाद के नाम पर कन्हैयालाल की हत्या का सच सामने आ गया तो जमीयत के पेट में दर्द क्यों हो रहा है? सच सबके सामने आना ही चाहिए। फिल्में समाज का आईना होती हैं और हमेशा सच दिखाने के लिए जानी जाती हैं। 'कश्मीर फाइल्स' से लेकर 'केरल स्टोरी' और 'साबरमती' तक कई फिल्मों ने सच को लोगों के सामने लाने का काम किया है। इन फिल्मों की रिलीज पर न तो कोई हंगामा हुआ और न ही माहौल खराब हुआ, फिर 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर माहौल कैसे खराब होगा?
जमीयत ने हमेशा आतंकियों की मदद की है
अमितोष ने कहा कि जमीयत के लोग सच्चाई को सामने आने से रोकने के लिए फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग पूरी तरह से गलत है। फिल्म रिलीज होनी चाहिए और सच्चाई लोगों के सामने आनी चाहिए। विश्व हिंदू परिषद इस फिल्म के समर्थन में है। उन्होंने आरोप लगाया कि जमीयत ने हमेशा आतंकियों की मदद की है। इसने कई आतंकी घटनाओं के आरोपियों को कानूनी मदद मुहैया कराई है।
फिल्म रिलीज होनी चाहिए और सच्चाई सामने आनी चाहिए
उन्होंने सवाल उठाया कि जमीयत क्यों चाहती है कि फिल्म रिलीज न हो। फिल्म रिलीज होनी चाहिए और सच्चाई लोगों के सामने आनी चाहिए कि कैसे धर्म के नाम पर जिहाद का हवाला देकर कन्हैया लाल की गर्दन न सिर्फ तलवार से काटी गई बल्कि उसका वीडियो बनाकर प्रचारित भी किया गया। जमीयत का नारा है 'सिर तन से जुदा'।
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने इस मामले में राष्ट्रपति से भी हस्तक्षेप करने की मांग की है। साथ ही राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी भेजेगा। इसके अलावा राजस्थान हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की जाएगी। यह जनहित याचिका एक-दो दिन में दायर कर दी जाएगी। संगठन के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद नाजिम का कहना है कि अगर फिल्म रिलीज हुई तो इससे देश का सांप्रदायिक माहौल खराब होगा। फिल्म में इस्लाम को निशाना बनाकर उसे बदनाम करने की कोशिश की गई है।
संगठन ने सेंसर बोर्ड की भूमिका पर भी सवाल उठाए
नाजिम का कहना है कि फिल्म के पीछे सस्ती लोकप्रियता और राजनीतिक साजिश है। देश में नफरत फैलाने वाली पार्टी इस फिल्म को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। उनके मुताबिक विश्व हिंदू परिषद इसी वजह से फिल्म के समर्थन में आई है। जमात के मीडिया प्रभारी मोहम्मद नासिर का कहना है कि वे लोकतांत्रिक तरीके से फिल्म का विरोध करेंगे। वे फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे। संगठन ने सेंसर बोर्ड की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।
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