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जयपुर की टेंशन खत्म! सावन में बीसलपुर डेम होगा लबालब, जल आपूर्ति को लेकर संकट हुआ दूर

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सावन मास कल से शुरू हो रहा है और आषाढ़ में हुई मानसूनी बारिश के चलते जयपुर की जीवनरेखा कहे जाने वाले बीसलपुर बांध में पानी की बंपर आवक हुई। बारिश धीमी होते ही बांध पर फिर सन्नाटा छा गया है। हालांकि बांध में पानी की आवक अभी भी धीमी गति से हो रही है, लेकिन त्रिवेणी में घटते जलस्तर के कारण जुलाई में बीसलपुर बांध के छलकने की उम्मीद कमजोर पड़ गई है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सावन माह में एक-दो दौर की तेज मानसूनी बारिश सक्रिय होने पर बांध के छलकने की संभावना है।

बांध में 24 घंटे में दो सेमी जलस्तर बढ़ा

बीसलपुर बांध में पानी की आवक भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिलों से होती है। दोनों जिलों में बारिश धीमी होने के कारण त्रिवेणी संगम में पानी का प्रवाह अब 2.70 मीटर रह गया है। जिससे बांध में पानी की आवक भी धीमी गति से हो रही है। इस मानसून सीजन में त्रिवेणी संगम में भी पिछले दिनों पानी की आवक 7 मीटर से अधिक दर्ज की गई है। गुरुवार सुबह बीसलपुर बांध का जलस्तर 313.90 आरएल मीटर दर्ज किया गया। अब तक बांध में 71.31 प्रतिशत पानी की आवक हो चुकी है।

मानसून की वापसी का इंतजार

मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून अब राज्य के पूर्वी इलाकों की ओर सक्रिय हो रहा है। वहीं, आने वाले दिनों में दक्षिणी भागों में मानसून की सक्रियता फिर से बढ़ने की संभावना है। ऐसे में जुलाई के दूसरे पखवाड़े से राज्य के दक्षिणी जिलों में फिर से बारिश का दौर शुरू होने की उम्मीद है। बीसलपुर बांध में अब तक 319 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है।

बांध अभी भी 1.60 आरएल मीटर खाली है

जयपुर की जीवनरेखा बीसलपुर बांध में अब तक पूर्ण भराव क्षमता का 71.31 प्रतिशत पानी संग्रहित हो चुका है। बांध से जयपुर, दौसा, अजमेर और टोंक जिलों को प्रतिदिन पेयजल आपूर्ति की जाती है। ऐसे में साल भर पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। वहीं, बांध अभी भी अपनी पूर्ण भराव क्षमता से 1.60 मीटर खाली है। बांध की कुल भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है। पूरा भर जाने पर बांध से सिंचाई के लिए नहरों में पानी भी छोड़ा जाता है।

बांध अब तक सात बार ओवरफ्लो हो चुका है
निर्माण के बाद पहली बार 2004 में गेट खोले गए थे
बांध दूसरी बार 2006 में ओवरफ्लो हुआ था
बांध तीसरी बार 2014 में खोले गए थे
बांध के गेट 2016 में भी खोले गए थे
बांध के 17 गेट 2019 में खोले गए थे
बांध 2022 में भी ओवरफ्लो हुआ था
बांध 2024 में सातवीं बार ओवरफ्लो हुआ था

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