भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच उदयपुर की मार्बल मंडी ने पाकिस्तान का साथ देने पर तुर्की से व्यापारिक रिश्ते तोड़ लिए हैं। एशिया की सबसे बड़ी मार्बल मंडी उदयपुर के व्यापारी अब तुर्की से कोई मार्बल आयात नहीं करेंगे। भारत तुर्की से करीब 14 लाख टन मार्बल आयात करता है। इसमें से अकेले उदयपुर का सालाना करीब पांच हजार करोड़ का व्यापार होता है। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी ने सभी मार्बल व्यापारियों से तुर्की का माल न खरीदने की अपील की है।
प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर तुर्की के खिलाफ लिए गए निर्णय की जानकारी दी। कमेटी ने निर्णय लिया कि यदि भारत सरकार तुर्की के साथ-साथ दुनिया के किसी भी देश के खिलाफ राष्ट्रहित में कोई सख्त कार्रवाई करती है तो उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी सरकार के हर निर्णय का पूरा समर्थन करेगी।
तुर्की से आता है 14 लाख टन मार्बल
पूरे भारत में तुर्की से करीब 14 लाख टन मार्बल आयात किया जाता है। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी के महासचिव हितेश पटेल ने बताया कि वर्तमान में उदयपुर में 50 से अधिक बड़े उद्यमी तुर्की मार्बल का आयात कर रहे हैं, जो कई हजार टन है। तुर्की ने भारत के खिलाफ जाकर पाकिस्तान का साथ दिया। ऐसे में सभी व्यापारियों ने सर्वसम्मति से तुर्की से मार्बल के आयात का स्वेच्छा से बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
अगले आदेश तक कोई माल आयात नहीं
एशिया की सबसे बड़ी मार्बल निर्यात मंडी के मुख्य संगठन ने राष्ट्रहित में तुर्की से सभी व्यापारिक संबंध समाप्त कर दिए हैं। उदयपुर अगले आदेश तक वहां से कोई माल आयात नहीं करेगा।
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