जयपुर की एक अदालत ने मंगलवार को राजस्थान विश्वविद्यालय के बाहर सड़क जाम करने के 11 साल पुराने मामले में दो कांग्रेस विधायकों और सात अन्य की सजा निलंबित कर दी। आरोपियों ने 17 जून, 2025 को सुनाई गई सजा के खिलाफ जयपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-IX, प्रेम प्रकाश ओझा के समक्ष अपील दायर की थी। अपीलकर्ताओं के वकील ने तर्क दिया कि अपील के निपटारे में समय लगेगा और अगर सजा निलंबित नहीं की गई, तो अपीलकर्ता अपने कानूनी अधिकारों से वंचित हो जाएँगे।
अगली सुनवाई 16 अगस्त को
मामले की सुनवाई करते हुए, अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने अपीलकर्ताओं की याचिका स्वीकार कर ली। अब मामले की सुनवाई 26 अगस्त, 2025 को होगी। मुकेश भाकर (विधायक), मनीष यादव (विधायक), द्रोण यादव, अभिषेक चौधरी, राजेश मीणा, रवि किराड़, वसीम खान, भानु प्रताप सिंह और विद्याधर मील को आईपीसी की धारा 147 और 283 के तहत गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने और सार्वजनिक मार्ग में बाधा डालने का दोषी ठहराया गया।
मामला 13 अगस्त 2014 का है
घटना 13 अगस्त 2014 को हुई थी, जब इन छात्र नेताओं ने जेएलएन मार्ग स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार के बाहर लगभग 20 मिनट तक सड़क जाम कर दी थी। मुकेश भाकर और मनीष यादव वर्तमान में कांग्रेस से विधायक हैं। अभिषेक चौधरी ने जयपुर के जोतवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से 2023 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था और हार गए थे। अधीनस्थ न्यायालय ने दोषियों पर एक-एक वर्ष का कारावास और 3,000-3,000 रुपये का जुर्माना तथा धारा 283 के तहत 200 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया था। हालाँकि, न्यायालय ने दोषी करार दिए गए दोषियों को जमानत पर रिहा भी कर दिया है।
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