अलवर के शिव पार्क थाना क्षेत्र में अमित सैनी नाम के युवक की आत्महत्या के मामले में हाल ही में कई नए मोड़ सामने आए हैं। युवक को पुलिस ने चोरी के एक मामले में हिरासत में लिया था। उस दौरान, युवक के साथ एक 16 वर्षीय नाबालिग भी हिरासत में था। अमित सैनी के साथ हिरासत में लिए गए नाबालिग का कहना है कि पुलिस ने अमित को लॉकअप में खूब प्रताड़ित किया। उसे दूसरे कमरे में ले जाकर 4 बार पीटा गया। नाबालिग ने दावा किया कि उस पर 16 मामलों में जुर्म कबूलने का दबाव बनाया गया। यहाँ तक कि उसके गुप्तांग के बाल भी नोच लिए गए।
सुसाइड नोट में लिखे पुलिसकर्मियों के नाम
नाबालिग ने कहा कि मैंने उन्हें बताया कि मैं नाबालिग हूँ। फिर भी पुलिस ने मेरी उम्र 19 साल लिखी और मुझे लॉकअप में बंद करके पीटा। पुलिस ने अमित का पर्स और मोबाइल भी नहीं लौटाया। 9 जुलाई को अमित लॉकअप से बाहर आया और ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली। उसने सुसाइड नोट में 3 पुलिसकर्मियों के नाम लिखे हैं। अमित सैनी के नाबालिग दोस्त ने बताया कि मैं 7 जुलाई की शाम 6 बजे बिस्कुट लेने घर से निकला था। तीन-चार पुलिसवाले वहाँ आए और मेरा नाम पूछा और मुझे गाड़ी में बिठा लिया। जब मेरे घरवाले आए, तो उन्हें भी कहा गया कि उनसे पूछताछ करनी है।
उन्होंने मुझे एक-एक करके कमरे में बुलाया और प्रताड़ित किया
मैंने उन्हें बताया कि 5 जुलाई को मैंने अमित सैनी के कहने पर कबाड़ उठाया था। उसे चिकानी (अलवर) के एक कबाड़ी को बेच दिया। फिर पुलिस मुझे उस कबाड़ी की दुकान पर ले गई। वहाँ से चोरी का सामान बरामद किया और मुझे थाने ले जाकर हवालात में बंद कर दिया। मुझे तीन घंटे तक हवालात में बंद रखा गया। लगभग तीन घंटे बाद अमित को भी लाकर हवालात में बंद कर दिया गया। पुलिस हमें एक-एक करके दूसरे कमरे में बुलाती रही और प्रताड़ित करती रही। 8 जुलाई को मेरी दादी ने हम दोनों की ज़मानत करवा दी।
युवक ने ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली थी
ज़मानत पर रिहा होने के बाद, पुलिस ने हमें थाने बुलाया। मैं अपना सामान लेकर आया, लेकिन पुलिस ने अमित को उसका पर्स और मोबाइल नहीं दिया। 9 जुलाई को अमित ने ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक के पिता लक्ष्मण सैनी के अनुसार, 7 जुलाई को सदर पुलिस ने उसके बेटे को चोरी के झूठे आरोप में पकड़कर थाने ले जाकर शांतिभंग के आरोप में बंद कर दिया। वहाँ उसे पूरी रात पीटा गया और जान से मारने की धमकी दी गई। परिजनों ने वकील की मदद से उसे थाने से छुड़वा लिया, लेकिन उसका मोबाइल, पर्स और मोटरसाइकिल पुलिस और अन्य लोगों के पास रह गए, जिन्हें वापस न मिलने और थाने में हुई बेइज्जती के कारण वह मानसिक रूप से टूट गया। अमित पहले एक निजी अस्पताल में काम करता था, लेकिन पिछले कुछ समय से बेरोजगार था। उसकी शादी एक साल पहले ही हुई थी। अमित के पास से मिला सुसाइड नोट दो पन्नों का है, जिसमें सभी आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से लिखे हैं।
पुलिस ने कहा- मारपीट नहीं हुई
शिवाजी पार्क थाना प्रभारी विनोद सामरिया ने बताया कि परिजनों के बयान दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी और मामले में सभी तथ्य जुटाए जा रहे हैं। अमित सैनी की आत्महत्या के बाद नाबालिग के आरोप पर सदर थाने के एसएचओ रमेश सैनी ने बताया कि युवक को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर उपखंड अधिकारी के समक्ष पेश कर जमानत पर रिहा कर दिया गया।थाने में किसी तरह की मारपीट नहीं हुई।
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