विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशनों की तर्ज पर विकसित किए जा रहे कोटा के डकनिया तालाब (नया कोटा) रेलवे स्टेशन का 83% काम पूरा हो चुका है। इसे सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
डकनिया तालाब रेलवे स्टेशन पर मेजेनाइन फ्लोर सहित 4,860 वर्ग मीटर के फ्रंट साइड स्टेशन भवन का दो मंजिला भवन बनाया जा रहा है। इसके अलावा, भूतल पर प्रस्थान एवं आगमन ब्लॉक, टिकट काउंटर, प्रतीक्षालय, क्लॉक रूम, वीआईपी लाउंज, कार्यालय सुविधाएं, मेजेनाइन फ्लोर पर 3 रिटायरिंग रूम, स्टोर रूम एवं कार्यालय, प्रथम तल पर प्रतीक्षालय (सामान्य एवं महिला), छात्रावास, रेस्टोरेंट, बजट होटल, शिशु आहार कक्ष, कियोस्क की सुविधा होगी। इसी प्रकार, 2,840 वर्गमीटर में दो मंजिला मेजेनाइन फ्लोर वाले पीछे की ओर के स्टेशन भवन में प्रवेश व निकास ब्लॉक, टिकट काउंटर, प्रतीक्षालय, क्लॉक रूम, मेजेनाइन फ्लोर पर कार्यालय स्थल, प्रतीक्षालय, छात्रावास, विश्राम कक्ष, प्रथम तल पर कियोस्क जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यहां 8 लिफ्ट और 9 एस्केलेटर लगाए जाएंगे। यात्री सुविधाओं के लिए यात्री सूचना प्रदर्शन प्रणाली, यात्री उद्घोषणा प्रणाली, सीसीटीवी प्रणाली, कोच इंडिकेशन और ट्रेन इंडिकेशन बोर्ड भी लगाए जाएंगे।
कोटा रेल मंडल के सीनियर डीसीएम सौरभ जैन ने बताया कि डकनिया तालाब रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य 111.18 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। इसके तहत डकनिया तालाब रेलवे स्टेशन पर आगे की ओर के स्टेशन भवन और पीछे की ओर के स्टेशन भवन का ढांचागत कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इसमें फिनिशिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा, पार्किंग का कार्य भी अंतिम चरण में है। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर फिनिशिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है।
दिव्यांगजनों के अनुकूल होगा ग्रीन स्टेशन
ग्रीन स्टेशन की थीम पर विकसित इस स्टेशन के सभी प्लेटफार्मों पर 17,920 वर्ग मीटर में सीओपी व्यवस्था होगी। इसके साथ ही, स्टेशन भवन, पार्किंग और यात्री सुविधाओं को दिव्यांगजनों की पहुँच के अनुसार विकसित किया जा रहा है। दो नए यात्री प्लेटफार्म 10 से 12 मीटर चौड़े बनाए जाएँगे। आगे और पीछे के स्टेशन भवनों सहित सभी प्लेटफार्मों को जोड़ने के लिए 36 मीटर चौड़े नए कॉनकोर्स बनाए जा रहे हैं। इसके लिए 2,855 वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्माण कार्य किया जा रहा है। 172 सौ वर्ग मीटर की एक आर-पार छत का निर्माण किया जाएगा। प्लेटफार्म और रेलवे ट्रैक को कवर किया जाएगा। इसके साथ ही, आगे और पीछे की ओर 6,340 वर्ग मीटर क्षेत्र में सर्कुलेटिंग एरिया और पार्किंग की सुविधा विकसित की जाएगी और स्टेशन के दोनों ओर लैंडस्केपिंग की जाएगी। स्टेशन पर 70 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र भी लगाया जाएगा।
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