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हनुमान बेनीवाल और दो पूर्व विधायकों को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस, आज अंतिम दिन, प्रशासन सख्त

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राजस्थान सरकार द्वारा राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी (RLP) के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल, उनके भाई पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल और पूर्व विधायक पुखराज गर्ग को सरकारी आवास खाली करने के लिए जारी नोटिस पर आज (गुरुवार) जवाब देने का आखिरी दिन है। यदि निर्धारित समय में जवाब नहीं दिया गया या आवास खाली नहीं किया गया, तो जिला प्रशासन कलेक्टर स्तर पर बेदखली की कार्रवाई शुरू कर सकता है।

क्या है मामला?

राज्य सरकार ने हाल ही में इन नेताओं को राजधानी जयपुर स्थित सरकारी आवासों को खाली करने के लिए नोटिस जारी किए थे। आरोप है कि ये सभी जनप्रतिनिधि अब उस पद पर नहीं हैं, जिसके तहत उन्हें ये आवास आवंटित किए गए थे। इसके बावजूद वे आवास खाली नहीं कर रहे, जिससे सरकार को अन्य विधायकों और अधिकारियों को आवास देने में समस्या आ रही है।

बेनीवाल गुट पर खास नजर

चूंकि हनुमान बेनीवाल और उनकी पार्टी RLP हाल के वर्षों में राज्य सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं, ऐसे में यह कार्रवाई राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील मानी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि सरकार इस मुद्दे को सिर्फ प्रशासनिक कार्रवाई के रूप में देख रही है, लेकिन बेनीवाल समर्थक इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता सकते हैं।

क्या हो सकती है अगली कार्रवाई?

अगर आज (11 जुलाई) तक:

  • जवाब नहीं आता, या

  • आवास खाली नहीं किया जाता,

तो प्रशासन के पास "बेदखली" की प्रक्रिया अपनाने का विकल्प होगा। इसमें संबंधित अधिकारियों की मौजूदगी में अधिग्रहण और कब्जा हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले भी हो चुकी हैं कार्रवाइयां

राजस्थान में सरकारी आवासों को लेकर सख्ती का यह पहला मामला नहीं है। पिछले वर्षों में भी कई पूर्व मंत्री और अधिकारी ऐसे आवासों में वर्षों तक जमे रहे, जिन्हें बाद में कानूनी दबाव और प्रशासनिक आदेशों से हटाया गया।

आरएलपी की प्रतिक्रिया

हनुमान बेनीवाल की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वे इसे राजनीतिक दबाव की कार्रवाई के रूप में देख रहे हैं और जल्द ही इस पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं।

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