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आज Rajasthan में, 'कवच' सिस्टम का होगा ट्रायल, जानें 'मिशन रफ्तार' के फायदे

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कोटा न्यूज़ डेस्क, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव आज कोटा में नई रेल सुरक्षा प्रणाली 'कवच' का जायजा लेंगे। यह निरीक्षण सवाई माधोपुर से इंद्रगढ़ सुमेरगंजमंडी स्टेशन तक होगा। इस दौरान वो खुद इंजन में सवार होकर इस प्रणाली का परीक्षण करेंगे। इसका मकसद ट्रेनों की गति और सुरक्षा को और बेहतर बनाना है। इस मौके पर पश्चिम मध्य रेलवे की महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय और कोटा मंडल के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। रेलवे के 'मिशन रफ्तार' के तहत नागदा-मथुरा रेल लाइन पर ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ाई जा रही है। इसके लिए 2665.14 करोड़ रुपये की लागत से 545 किलोमीटर के ट्रैक को अपग्रेड किया जा रहा है।
'कवच' प्रणाली का अहम योगदान

इसमें 'कवच' प्रणाली का अहम योगदान है। यह प्रणाली सिग्नल की अनदेखी और मानवीय भूलों से होने वाले हादसों को रोकने में मदद करेगी। पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल ने 16 सितंबर, 2024 को कोटा-सवाई माधोपुर खंड पर 108 किलोमीटर में 'कवच' प्रणाली का सफल परीक्षण किया था। यह भारत में विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (एटीपी) का सबसे उन्नत संस्करण है।पश्चिम मध्य रेलवे ने 'कवच' के चौथे संस्करण को सबसे कम समय में 108 किलोमीटर के ट्रैक पर स्थापित कर एक नया कीर्तिमान बनाया है। इससे रेलवे की सुरक्षा और उसकी कार्यक्षमता में और सुधार होगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का 'कवच' प्रणाली का लोको ट्रायल करना भारतीय रेल के लिए गर्व की बात है। इस दौरान सवाई माधोपुर-इंदरगढ़ सुमेरगंज मंडी खंड (36 किमी) पर कई परीक्षण किए जाएंगे।

रेल में यह परीक्षण किए जाएंगे

- समपार फाटक पर ऑटोमेटिक हॉर्न बजने की जांच।
- निर्धारित गति सीमा से अधिक गति पर 'कवच' प्रणाली के काम करने की जांच।
- लाल सिग्नल को पार करने की स्थिति में ट्रेन को रोकने की क्षमता का परीक्षण।
- स्थायी गति प्रतिबंधों की निगरानी।


- लूप लाइन पर गति नियंत्रण का परीक्षण।
- इंजन में लगे 'कवच' स्क्रीन पर सभी सिग्नलों का लगातार प्रदर्शन।

- यह परीक्षण 'कवच' प्रणाली की क्षमताओं को परखने और भारतीय रेल की सुरक्षा को और मजबूत बनाने में मदद करेगा।

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