13 जुलाई 2025 को शाम 6:53 बजे चंद्रमा कुंभ राशि में गोचर करेगा और राहु के साथ युति बनाएगा। इससे ग्रहण योग बनेगा और इस घटना का प्रभाव चंद्र ग्रहण जैसा ही होगा। इससे कुछ राशियों के लिए कई चुनौतियां आ सकती हैं। चंद्रमा भावनाओं और मन की स्थिति का कारक है। वहीं राहु अस्थिरता, भ्रम और अप्रत्याशित घटनाओं से जुड़ा है। इन दोनों ग्रहों की युति मानसिक अशांति, निर्णय लेने में कठिनाई और कुछ मामलों में वित्तीय या सामाजिक चुनौतियां ला सकती है। आइए जानते हैं इस दौरान किन राशियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
वृषभ
चंद्रमा की विपरीत राशि होने के कारण वृषभ राशि के लोगों को पारिवारिक जीवन में तनाव का सामना करना पड़ सकता है। माता या मातृ पक्ष से परेशानी हो सकती है। मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां सामने आ सकती हैं। आप भावनात्मक रूप से अस्थिर महसूस कर सकते हैं। उपाय: माता की सेवा करें और घर में गाय के घी का दीपक जलाएं। 'ॐ चंद्राय नमः' का जाप करें।
मिथुन
मिथुन राशि के लोगों को संचार में गलतफहमी, यात्रा संबंधी समस्याएं और वित्तीय अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आपका ध्यान भी भटक सकता है। साथ ही निर्णय लेने में भी दिक्कत आ सकती है। उपाय: बुधवार को हरी वस्तुओं का दान करें। 'ॐ बुधाय नमः' का जाप करें।
सिंह
सिंह राशि वालों को आत्मविश्वास की कमी और करियर में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। नेतृत्व क्षमता प्रभावित हो सकती है और आप अपने प्रयासों में सफलता पाने में असमर्थ महसूस कर सकते हैं। सामाजिक सम्मान में भी कमी आ सकती है। उपाय: सूर्य को जल चढ़ाएं और 'ॐ सूर्याय नमः' का जाप करें।
तुला
कुंभ राशि के तुला राशि वालों को रिश्तों में तनाव, कानूनी मामलों में देरी और मानसिक शांति की कमी का सामना करना पड़ सकता है। आप भावनात्मक रूप से अस्थिर महसूस कर सकते हैं और आपके निर्णय प्रभावित हो सकते हैं। उपाय: शुक्रवार को श्वेतार्क गणपति की पूजा करें और 'ॐ शुक्राय नमः' का जाप करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि में चंद्रमा और राहु की युति बन रही है। कुंभ राशि वालों पर इसका बहुत असर होगा। इससे मानसिक तनाव, निर्णय लेने में कठिनाई और सामाजिक संबंधों में अनिश्चितता हो सकती है। वित्तीय मामलों में अचानक बाधाएं आ सकती हैं और आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में असमर्थ महसूस कर सकते हैं। उपाय: प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और 'ॐ सोम सोमाय नमः' मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
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