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कलक्टर का बड़ा आदेश! BNS धारा 163 के तहत इन लोगों को पुलिस सत्यापन आवश्यक, जाने पूरा मामला

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पहलगाम की घटना के बाद जिले में पुलिस ने आंतरिक सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरतने के लिए कदम उठाए हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जिले में मजदूरी की आड़ में बाहर से आने वाले लोगों को अब पुलिस चरित्र सत्यापन कराना होगा। इसके लिए कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ. मंजू ने गुरुवार को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत इस आशय के अनिवार्य आदेश जारी किए हैं। जिला मजिस्ट्रेट की ओर से जारी इस आदेश में बताया गया कि एसपी से फीडबैक मिला है कि जिले में स्थित छात्रावासों, पीजी, ढाबों, सराय, धर्मशालाओं में कुछ असामाजिक तत्व या संदिग्ध व्यक्ति बाहर से आकर रहने लगते हैं। 

इसी तरह ऐसे लोग घरेलू नौकर, किराएदार, विभिन्न कारखानों, ईंट भट्ठों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों आदि में काम कर रहे हैं। ऐसे में इन प्रतिष्ठानों के संचालकों ने ऐसे बाहरी लोगों का पुलिस चरित्र सत्यापन नहीं कराया है। असामाजिक तत्वों या संदिग्ध व्यक्तियों से कानून व्यवस्था या सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका हो सकती है। जिला मजिस्ट्रेट के अनुसार उपरोक्त सभी को अपने कार्मिकों अथवा मजदूरों अथवा उनके साथ रहने वाले लोगों का पुलिस चरित्र सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। इससे पूर्व पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट से लिखित में अनुरोध किया था कि भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ा सीमावर्ती जिला होने के कारण आंतरिक सुरक्षा के मद्देनजर बाहर से आने वाले लोगों का पुलिस चरित्र सत्यापन आवश्यक है।

 क्षेत्र में कई लोग बाहर से आकर रेहड़ी-पटरी का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों के बारे में पुलिस से कई शिकायतें की गई हैं। वहीं कई ईंट भट्ठों पर बाहर से आकर मजदूरों के वेश में संदिग्ध लोग भी यहां डेरा जमाए रहते हैं। ऐसे लोगों की पहचान के लिए निषेधाज्ञा के माध्यम से स्वत: जांच संभव हो सकेगी। ज्ञात हो कि पहले इसे भारतीय दंड संहिता की धारा 144 के नाम से जाना जाता था। लेकिन बीएनएसएस की धारा 163 के तहत देश अथवा किसी भी राज्य में आपातकालीन स्थिति तथा किसी बड़ी समस्या पर नियंत्रण किया जा सकता है।

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