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जाति जनगणना: तेजस्वी यादव ने छोड़े पटाखे, बोले यह हमारे पुरखों की जीत

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नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने देशभर में जातीय जनगणना करने का एलान किया है। यह घोषणा होते ही इस पर राजनीति सियासत तेज हो गई। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों इसका श्रेय लेने की होड़ में लग गये हैं। इस संबंध में तेजस्वी यादव ने जो बयान दिया है वह काफी चर्चा में है। उन्होंने इसको लालू प्रसाद की, समाजवादियों की, उनकी और उनके पुरखों की जीत बताया है।

भाजपा पर लगाया आरोप

इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि हम लोग जातीय जनगणना कराकर आरक्षण 65 फ़ीसदी बढ़ाए थे। जब हमारी महागठबंधन की सरकार थी, तब हमने कैबिनेट में केंद्र सरकार को यह सिफारिश भी भेजी थी ताकि उसको अनुसूची 9 में डाला जा सके। लेकिन अब तक भारत सरकार ने यह काम नहीं किया है। तेजस्वी यादव ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने कोर्ट में इस मामले को फंसाया।

तेजस्वी यादव ने की है यह मांग

इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि यह हमारी मांग है, यह हमारी ही जीत है। यह लालू जी की जीत है, यह हमारे पुरखों की जीत है। यह समाजवादियों की जीत है। यह हमारे ही एजेंडे की बात कर रही है जो भाजपा कल तक कहती थी नहीं करेंगे। तेजस्वी यादव ने कहा कि हम लोगों की ताकत है। तेजस्वी यादव ने मांग करते हुए कहा कि यह परिसीमन से पहले होना चाहिए। पिछड़े और अति पिछड़ों का पार्लियामेंट में विधानसभा के चुनाव में सीटों को आरक्षित करना होगा जिस प्रकार से दलित भाइयों का है और आदिवासी भाइयों का है।

लालू ने एक्स पर किया पोस्ट

इसको लेकर राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि- 'मेरे जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते दिल्ली में हमारी संयुक्त मोर्चा की सरकार ने 1996-97 में कैबिनेट से 2001 की जनगणना में जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया था, जिस पर बाद में NDA की वाजपेयी सरकार ने अमल नहीं किया। 2011 की जनगणना में फिर जातिगत गणना के लिए हमने संसद में जोरदार मांग उठाई। मैंने, स्व॰ मुलायम सिंह, स्व॰ शरद यादव ने इस मांग को लेकर कई दिन संसद ठप्प किया और बाद में प्रधानमंत्री स्व॰ मनमोहन सिंह के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराने के आश्वासन के बाद ही संसद चलने दिया। देश में सर्वप्रथम जातिगत सर्वे भी हमारी 17 महीने की महागठबंधन सरकार में बिहार में ही हुआ। जिसे हम समाजवादी जैसे आरक्षण, जातिगणना, समानता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्षता इत्यादि 30 साल पहले सोचते है उसे दूसरे लोग दशकों बाद फॉलो करते है। जातिगत जनगणना की माँग करने पर हमें जातिवादी कहने वालों को करारा जवाब मिला। अभी बहुत कुछ बाक़ी है। हम इन संघियों को हमारे एजेंडा पर नचाते रहेंगे।'

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