मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता
Moradabad : कुंदरकी इलाके में एक ठग ने पुलिस की वर्दी पहनकर ऐसा जाल बिछाया कि टेंट हाउस मालिक शहाबुद्दीन बिना कुछ सोचे-समझे उसके झांसे में आ गए। ठग ने थाने के नाम पर दो चमचमाते भगोने मांग लिए, रिक्शे में लादे और किराया भी शहाबुद्दीन से ही वसूल लिया। अब तीन दिन बीत गए, लेकिन न भगोने लौटे और न ही ठग का कोई अता-पता। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन सवाल ये कि वर्दी का भरोसा अब कैसे कायम रहेगा?
ठग ने वर्दी की आड़ में रचा पूरा ड्रामादरअसल, कुछ दिन पहले एक शख्स पुलिस की वर्दी में शहाबुद्दीन के टेंट हाउस पर पहुंचा। उसने खुद को थाने का कर्मचारी बताया और कहा कि किसी कार्यक्रम के लिए दो भगोने चाहिए। शहाबुद्दीन ने बिना शक किए दोनों भगोने सौंप दिए, जिनकी कीमत हजारों रुपये बताई जा रही है। ठग ने भगोने रिक्शे में लदवाए और रिक्शा चालक का किराया भी शहाबुद्दीन से ही ले लिया। उसने तुरंत सफाई दी, “भगोने का किराया थाने से मिलते ही रिक्शे का पैसा भी आपको दे दूंगा। कोई टेंशन नहीं।” इतना कहकर ठग ने अपना मोबाइल नंबर शहाबुद्दीन को थमा दिया और रिक्शे पर सवार होकर आराम से निकल गया। वर्दी देखकर शहाबुद्दीन को लगा कि सब कुछ ठीक है, आखिर पुलिस वाले पर भरोसा जो करना था!
फोन पर बहाने, नंबर बंद – शक से भरा मनतीन दिन गुजर गए, लेकिन भगोने वापस नहीं आए। आखिरकार शहाबुद्दीन ने ठग के दिए नंबर पर फोन घुमाया। ठग ने फोन उठाया और नया बहाना बनाया, “भगोने थाने तो पहुंचे नहीं, लेकिन मैंने रिक्शे से आपकी दुकान पर वापस भिजवा दिए हैं। रिक्शा चालक का नंबर ले लो, वो बताएगा।” कहकर ठग ने एक नया मोबाइल नंबर दे दिया, जो कथित तौर पर रिक्शा चालक का था।
शहाबुद्दीन ने फौरन उस नंबर पर कॉल की, लेकिन जवाब में सिर्फ ‘स्विच ऑफ’ का मैसेज। बार-बार ट्राई किया, मगर नंबर बंद का बंद। अब शक पक्का हो गया। शहाबुद्दीन का दिल धक से रह गया। उन्हें लगा, कहीं ये ठगी तो नहीं? बिना वक्त गंवाए वे कुंदरकी थाने पहुंचे और थाना प्रभारी जसपाल सिंह ग्वाल से मिले। पूरी कहानी सुनाई।
थाने में खुलासा: न कार्यक्रम, न भगोने – सीधी ठगी!थाना प्रभारी ने फटाफट चेक किया और साफ कहा, “हमारे थाने में कोई कार्यक्रम हुआ ही नहीं, न ही हमने किसी टेंट हाउस से भगोने मंगवाए। ये साफ-साफ ठगी का केस है।” ये सुनते ही शहाबुद्दीन हक्के-बक्के रह गए। उनके चेहरे पर मायूसी छा गई। पुलिस ने शहाबुद्दीन की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया और जांच शुरू कर दी। ठग का नंबर, वर्दी का डिटेल और रिक्शा चालक का फर्जी नंबर – सबको सबूत बनाया गया।
मुरादाबाद में बढ़ते ‘वर्दी फ्रॉड’ के मामलेये कोई पहला मामला नहीं। मुरादाबाद और आसपास के इलाकों में अपराध की ये नई चेन जुड़ रही है। ठग अब पुलिस वर्दी का सहारा लेकर लोगों का भरोसा जीत रहे हैं। एक्सपर्ट्स इसे ‘यूनिफॉर्म फ्रॉड’ का नया वर्जन बता रहे हैं, जहां सरकारी नाम लेकर छोटा-मोटा सामान उड़ा लिया जाता है। पिछले कुछ महीनों में मुरादाबाद में ऐसे 5-6 केस दर्ज हो चुके हैं, जहां वर्दीधारी ठगों ने दुकानों से सामान ठग लिया। लोकल व्यापारी संगठनों ने अलर्ट जारी किया है – बिना दस्तावेज कोई अनजान शख्स आए तो सामान मत दो।
पीड़ित की पुकार: पुलिस पर भरोसा टूटा, अब उम्मीद जांच सेशहाबुद्दीन ने दुखी मन से बताया, “मैंने कभी सपने में नहीं सोचा था कि वर्दी वाले पर शक करूं। नुकसान हो गया, लेकिन उम्मीद है पुलिस जल्द ठग को पकड़ लेगी।” उनके भाई, जो भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष हैं, ने घटना की कड़ी निंदा की। बोले, “ऐसे केस से समाज का पुलिस पर भरोसा कम होता है। सख्त एक्शन जरूरी है।”
पुलिस की ताबड़तोड़ जांच, लोगों से अपीलकुंदरकी थाने की टीम ठग के नंबर को ट्रेस करने में जुटी है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और आसपास के रिक्शा चालकों से पूछताछ चल रही है। थाना प्रभारी जसपाल सिंह ग्वाल ने कहा, “मामला सीरियस है। हम जल्द आरोपी को धर दबोचेंगे। लोगों से अपील है – कोई संदिग्ध एक्टिविटी दिखे तो फौरन बताएं।” मगर लोकल लोग कह रहे हैं कि पुलिस को पहले से ऐसे फ्रॉड पर नजर रखनी चाहिए थी। अब देखना ये है कि वर्दी का ये ठग कब पकड़ा जाता है और भरोसा दोबारा कैसे कायम होता है।
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