केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ा अपडेट जारी किया है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में शिफ्ट होने की समयसीमा को दो महीने और बढ़ा दिया गया है। यानी अब कर्मचारियों को 30 नवंबर तक का वक्त मिल गया है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर सरकार को ये कदम क्यों उठाना पड़ा? दरअसल, सरकारी कर्मचारियों में इस स्कीम को लेकर खास उत्साह नहीं दिखा है। आइए, इस अपडेट के बारे में विस्तार से जानते हैं और समझते हैं कि आपको अब क्या करना चाहिए।
यूपीएस की डेडलाइन क्यों बढ़ी?वित्त मंत्रालय ने देखा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों की प्रतिक्रिया कुछ खास नहीं रही। अभी तक केवल एक लाख कर्मचारियों ने ही इस स्कीम के तहत रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि कुल 23 लाख कर्मचारी इसके लिए पात्र हैं। इस कम रुचि को देखते हुए सरकार ने डेडलाइन को 30 नवंबर तक बढ़ाने का फैसला किया। वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) को इस बदलाव की सूचना दी है।
विभाग का कहना है कि यूपीएस में हाल ही में कई सकारात्मक बदलाव किए गए हैं। इनमें स्विच करने का विकल्प, इस्तीफा या अनिवार्य सेवा निवृत्ति पर लाभ, और टैक्स छूट जैसे फायदे शामिल हैं। इन बदलावों को देखते हुए कर्मचारियों ने और समय की मांग की थी, जिसे वित्त मंत्री की मंजूरी के बाद स्वीकार कर लिया गया।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम क्या है?यूनिफाइड पेंशन स्कीम को केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल, 2025 से लागू करने का ऐलान किया है। यह स्कीम नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) का एक विकल्प है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन का लाभ मिलेगा। पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के उलट, यूपीएस एक योगदान-आधारित योजना है। इसमें कर्मचारी को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10% योगदान देना होगा, जबकि सरकार 18.5% का योगदान देगी।
वित्त मंत्रालय ने PFRDA से अनुरोध किया है कि इस बदलाव को लागू करने के लिए अपनी प्रणाली और नियमों में जरूरी संशोधन किए जाएं। अभी तक केवल एक लाख कर्मचारियों ने ही इस स्कीम को चुना है, जो कुल पात्र कर्मचारियों का बहुत छोटा हिस्सा है।
अब क्या करना होगा?अगर आप एक केंद्रीय कर्मचारी हैं और यूपीएस में शिफ्ट होने की सोच रहे हैं, तो आपके पास अब 30 नवंबर तक का समय है। इस स्कीम के फायदों को समझें और अपने भविष्य के लिए सही फैसला लें। सरकार ने इस स्कीम को और आकर्षक बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, तो इसे एक मौके की तरह देखें। अगर आपको कोई शंका है, तो अपने विभाग या PFRDA से संपर्क करें और पूरी जानकारी लें।
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