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समीक्षा: शास्त्रीय वाद्ययंत्रों की मधुर अनुगूंज से महका कालिदास का आंगन

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उज्जैन,6 नवंबर (Udaipur Kiran) . सप्त दिवसीय अ. भा. कालिदास समारोह की छटी शाम में गुरुवार को अकादमी के भरत विशाला रंगमंच पर Indian शास्त्रीय संगीत के वाद्य यंत्रों की मधुर स्वर लहरियों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया. भोपाल की श्रुति अधिकारी ने पांच महिला कलाकारों से एक साथ वादन का नवाचार कर, संगीत का अनूठा प्रयोग प्रस्तुत किया.

Indian शास्त्रीय संगीत की प्रमुख अग्रणी महिला कलाकारों का तालमेल प्रकृति के पांच तत्वों सा लगा. अग्नि-जल-वायु-पृथ्वी और आकाश से प्रेरित होकर श्रुति ने संतूर-सितार-तबला-पखावज और बांसुरी जैसे वाद्ययंत्रो का कर्णप्रिय समावेश किया. पंचनाद में संतूर पर श्रुति अधिकारी, बांसुरी पर वैष्णवी जोशी,पखावज पर महिमा उपाध्याय तथा तबले पर संगीता अग्निहोत्री ने सधा हुआ स्वर वादन प्रस्तुत किया. पंचनाद की पांच महिला कलाकारों ने श्रुति के मार्गदर्शन में अपने वादन का आरंभ राग चारु केशी से किया . आलाप जोड़,दो गत तीन ताल में निबद्ध प्रस्तुत करने के बाद उन्होंने अपने वादन का समाहार एक भजन की प्रस्तुति से किया. पंचनाद की उक्त प्रस्तुति देश के प्रतिष्ठित मंचों से प्रशंसा प्राप्त कर चुकी है. अकादमी के मंच पर भी यह प्रस्तुति श्रोताओं के कानों में रस वर्षा करती रही.

छठी सांस्कृतिक संध्या दूसरी प्रस्तुति में बंगलुरू की दुर्गा शर्मा कृष्णन् ने Indian शास्त्रीय वायलिन वादन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया.

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

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