–कन्नौज की सुगंध, अवधी चांदी के जूते और मधुबनी कला ने खींचा ध्यान
लखनऊ, 03 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . गांधी जयंती के अवसर पर शुक्रवार को खादी ग्राम उद्योग भवन, डालीबाग में फिक्की फ्लो लखनऊ चैप्टर द्वारा दो दिवसीय कारीगर मेला 2025 का शुभारम्भ प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी, हथकरघा एवं वस्त्र मंत्री राकेश सचान ने किया. इस मेले में देश एवं प्रदेश की विविध शिल्प परंपराओं का प्रदर्शन किया जा रहा है, जहाँ देशभर के कारीगर अपनी उत्कृष्ट कृतियों को प्रदर्शित एवं विक्रय कर रहे हैं.
मेले में आगंतुकों ने अमेठी के मूंज उत्पाद, कन्नौज की सुगंध, अवधी चांदी के जूते, मधुबनी कला, उत्सव उपहार, आभूषण, क्रोशिया, हड्डी की नक्काशी, कांच के शिल्प और जीवनशैली उत्पादों को सराहा. प्रत्येक वस्तु कालातीत कलात्मकता और स्थायी जीवनशैली का प्रतीक है. मंत्री राकेश सचान ने कहा कि हथकरघा और हस्तशिल्प हमारी संस्कृति व अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा हैं. यह क्षेत्र न केवल लाखों कारीगरों को रोजगार देता है बल्कि हमारी समृद्ध विरासत को भी संरक्षित करता है. उन्होंने कहा कि सरकार एवं सामाजिक संस्थाएं मिलकर इस क्षेत्र के विकास हेतु कार्य कर रही हैं. वर्तमान में Indian हथकरघा उद्योग देश में कुल कपड़ा उत्पादन का लगभग 15 प्रतिशत योगदान दे रहा है और 43 लाख से अधिक बुनकरों को रोजगार प्रदान कर रहा है, जिनमें अधिकांश महिला कारीगर हैं.
फिक्की फ्लो लखनऊ चैप्टर की चेयरपर्सन वंदिता अग्रवाल ने बताया कि इस मेले का मुख्य उद्देश्य कारीगरों को बाजार के साथ-साथ पहचान दिलाना है, ताकि उन्हें आजीविका के बेहतर अवसर मिल सकें और भारत की सांस्कृतिक विरासत सुरक्षित रहे. इस आयोजन में अदिति जग्गी व रिया Punjabी इवेंट चेयर रहीं, जबकि राष्ट्रीय हथकरघा एवं हस्तशिल्प प्रमुख स्वाति वर्मा ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. इस अवसर पर पूर्व चेयरपर्सन आरुषि टंडन, विभा अग्रवाल सहित फ्लो की 150 से अधिक सदस्याएँ मौजूद रहीं.
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
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