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आस्था, साहस और संकल्प का प्रतीक बने हिमांशु सिंह

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अमेठी, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . जब आस्था अटल हो, मन में देश और धर्म के प्रति निष्ठा प्रबल हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता. यह साबित कर दिखाया है ग्राम बसंतपुर, ब्लॉक जामो, जनपद अमेठी के युवा हिमांशु सिंह पुत्र हंसराज सिंह ने. हिमांशु ने अकेले साइकिल पर सवार होकर देश के चार धाम — बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथपुरी और रामेश्वरम — तथा 12 ज्योतिर्लिंगों की कठिन और दिव्य यात्रा पूरी की है. उनके इस अद्भुत साहसिक अभियान ने अमेठी का नाम पूरे देश में रोशन किया है. हिमांशु सिंह ने अपनी यात्रा 14 मई 2025 को भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या से प्रारंभ की थी. उन्होंने 159 दिनों की लगातार साधना, तप और संकल्प के साथ लगभग 15,000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा पूर्ण की और दीपोत्सव के पावन अवसर पर पुनः अयोध्या लौटकर यात्रा का समापन किया. यह यात्रा केवल शारीरिक सहनशक्ति की नहीं, बल्कि एक गहन आध्यात्मिक अनुभूति और आत्मबल की Examination थी.

गृह आगमन पर ग्राम बसंतपुर में हिमांशु का भव्य स्वागत किया गया. गांव में गाजे-बाजे, पुष्पवर्षा और “जय श्रीराम” के नारों से वातावरण भक्तिमय हो उठा. हर ओर उत्सव का माहौल था और लोगों ने इस अद्भुत उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया. गुरुवार को Indian जनता पार्टी अमेठी के प्रवक्ता चंद्रमौलि सिंह, मंडल अध्यक्ष राजेश सिंह तथा ग्रामवासी रमेश सिंह ने हिमांशु को अंगवस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की. हिमांशु ने बताया कि उनकी यात्रा का उद्देश्य भारत के चारों धामों और बारहों ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के माध्यम से देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता का संदेश देना था. उन्होंने कहा कि अब उनका अगला लक्ष्य इस दिव्य यात्रा को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराना है.

ग्रामवासियों ने कहा कि हिमांशु ने अपने साहस, भक्ति और देशप्रेम से न सिर्फ बसंतपुर गांव बल्कि पूरे अमेठी जिले का गौरव बढ़ाया है. सभी ने प्रभु श्रीराम से उनके उज्ज्वल भविष्य, दीर्घायु और निरंतर सफलता की प्रार्थना की. हिमांशु की यह यात्रा सिर्फ दूरी तय करने की कहानी नहीं, बल्कि श्रद्धा, साहस और संकल्प की सीमाएं लांघने का प्रेरक उदाहरण बन चुकी है.

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(Udaipur Kiran) / लोकेश त्रिपाठी

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