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भजन गायक कन्हैया मित्तल ने कांग्रेस में शामिल होने का किया ऐलान, राम मंदिर दर्शन पर जताई शर्त

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प्रसिद्ध भजन गायक कन्हैया मित्तल एक बार फिर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। राजनीति में आने की इच्छा जता चुके मित्तल ने कहा है कि यदि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व सांसद राहुल गांधी राम मंदिर जाते हैं, तो वे कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं।

यह बयान उन्होंने दशहरा मेला कमेटी द्वारा आयोजित एक निजी होटल में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पत्रकारों से बातचीत में दिया। मित्तल ने कहा कि उनका राजनीति में आने का उद्देश्य समाज और देश के लिए काम करना है और वे अपनी सक्रिय भागीदारी से बदलाव लाना चाहते हैं।

कन्हैया मित्तल ने आगे कहा कि राजनीति में कदम रखने से पहले वह इस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि बड़े नेता देश की सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए समाज में एकजुटता और सद्भाव स्थापित करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका यह बयान केवल व्यक्तिगत विचार हैं और किसी भी राजनीतिक दल को प्रभावित करने का प्रयास नहीं है।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मित्तल ने पत्रकारों को अपने आगामी कार्यक्रमों और भजन संगीतमय परियोजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य समाज में सांस्कृतिक चेतना और धार्मिक भावनाओं को जीवित रखना है।

विशेषज्ञों का कहना है कि कन्हैया मित्तल जैसे सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतीक राजनीति में शामिल होने की इच्छा जताते हैं, तो यह आम जनता और राजनीतिक दलों दोनों के लिए चर्चा का विषय बन जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के बयान राजनीति और समाज में भावनाओं को जोड़ने या प्रभावित करने में सहायक हो सकते हैं।

स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मित्तल के इस बयान को लेकर प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू हो गया है। कई लोग उनके निर्णय को सकारात्मक रूप में देख रहे हैं, जबकि कुछ ने इसे केवल बयानबाजी के तौर पर बताया।

कन्हैया मित्तल ने कहा कि यदि वे कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो उनका मुख्य फोकस समाज कल्याण, सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं और आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक यात्रा शुरू करने का उनका उद्देश्य केवल व्यक्तिगत लाभ नहीं, बल्कि समाज के हित में कार्य करना है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बयान से कांग्रेस पर अप्रत्यक्ष दबाव बन सकता है, लेकिन यह भी साफ है कि मित्तल की शर्त उनके व्यक्तिगत दृष्टिकोण और धार्मिक भावनाओं पर आधारित है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल इस तरह के बयानों को ध्यान से देखेंगे और इसके संभावित राजनीतिक असर का मूल्यांकन करेंगे।

दशहरा मेला कमेटी द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में मित्तल का यह बयान मिड-डे समाचार और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बयान आगामी राजनीतिक माहौल और सार्वजनिक चर्चा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

कन्हैया मित्तल का यह कदम यह दर्शाता है कि भजन गायक केवल सांस्कृतिक प्रतीक नहीं बल्कि सामाजिक और राजनीतिक रूप से भी सक्रिय भूमिका निभाने की दिशा में सोच रहे हैं। उनके बयान से यह स्पष्ट हुआ कि वे राजनीति में प्रवेश करने की इच्छा रखते हैं, लेकिन इसके लिए उन्होंने धार्मिक और सांस्कृतिक शर्त भी रखी है।

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