अंकारा: इजरायल के कतर पर हमले के बाद तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन खौफ में हैं। तुर्की को डर सता रहा है कि वह इजरायल का अगला शिकार हो सकता है। वहीं नाटो देश तुर्की की दादागिरी का शिकार उसका पड़ोसी देश ग्रीस अमेरिका के एफ-35 फाइटर जेट से लैस हो चुका है। साइप्रस भी अपनी सैन्य तैयारी को मजबूत कर रहा है। इजरायल, ग्रीस और साइप्रस तीनों ही भारत के दोस्त देश हैं। हाल ही में भारतीय नौसेना ने ग्रीस के साथ सैन्य अभ्यास किया था। ड्रोन सुपरपावर तुर्की ने अब इस क्षेत्र में बढ़त को हासिल करने के लिए पश्चिमी देशों पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। तुर्की दावा करता है कि उसने पांचवीं पीढ़ी का कान फाइटर जेट बना लिया है लेकिन अब खुद यूरोप और अमेरिका से अत्याधुनिक फाइटर जेट देने के लिए गिड़गिड़ा रहा है।
असल में खलीफा एर्दोगन की मंशा है कि इसके जरिए पश्चिमी देशों की तकनीक को हासिल किया जाए और अपने कान फाइटर जेट की तकनीकी खामी को दूर किया जाए। यही वजह है कि एर्दोगन कतर से सेकंड हैंड यूरो फाइटर जेट खरीदने के पूरी कोशिश कर रहे हैं। इस फाइटर जेट को यूरोपीय देशों ने मिलकर बनाया है। तुर्की का इरादा है कि वह इजरायल और ग्रीस पर बढ़त हासिल करे। नाटो देशों में तुर्की के पास दूसरी सबसे बड़ी सेना है और पश्चिमी देशों की मदद से इसे वह और ज्यादा मजबूत करना चाहता है। इसीलिए तुर्की यूरो फाइटर जेट के अलावा अमेरिका से एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट लेने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए है।
ग्रीस ने तुर्की के मंसूबे पर दी है चेतावनी
वहीं रूस से एस 400 खरीदने के बाद तुर्की को अमेरिका के एफ-35 प्रोग्राम से बाहर कर दिया गया था। इस वजह से उसके खिलाफ प्रतिबंध लगे हुए हैं। इजरायल के पास पहले से ही अमेरिका के एफ-35, एफ-15 और एफ-16 फाइटर जेट काफी बड़ी तादाद में मौजूद हैं। इजरायल ने जब कतर पर हमला किया तो इससे उसके पड़ोसी देशों की नींद उड़ी हुई है। इसी वजह से तुर्की के राष्ट्रपति भी एफ-35 लेना चाहते हैं और डोनाल्ड ट्रंप को मना रहे हैं। तुर्की के राष्ट्रपति ने इजरायल के गाजा युद्ध की बहुत तीखी आलोचना की थी और दोनों देशों के रिश्ते इस समय रसातल में चले गए हैं।
इजरायली पीएम नेतन्याहू ने ऐलान किया है कि तुर्की के सैन्य अड्डे, विद्रोही गुट और सीरिया की सेना को सपोर्ट इजरायल के लिए खतरा हैं। वहीं ग्रीस के एफ-35 फाइटर जेट खरीदने से तुर्की खौफ में है। बताया जा रहा है कि अगले तीन साल में ग्रीस को एफ-35 फाइटर जेट का पहला जत्था मिल जाएगा। तुर्की और ग्रीस दोनों के बीच Aegean समुद्र में हवा में टकराव हो चुका है। खलीफा एर्दोगन के ऑटोमन साम्राज्य को फिर से लाने के सपने को लेकर ग्रीस पहले ही चेतावनी दे चुका है। ग्रीस यूरोफाइटर जेट तत्काल हासिल करने के लिए कतर और ओमान से बात कर रहा है। हालांकि इस बिक्री को ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और स्पेन से मंजूरी मिलना जरूरी होगा। इस डील पर बात करने के लिए तुर्की के राष्ट्रपति कतर जा रहे हैं।
असल में खलीफा एर्दोगन की मंशा है कि इसके जरिए पश्चिमी देशों की तकनीक को हासिल किया जाए और अपने कान फाइटर जेट की तकनीकी खामी को दूर किया जाए। यही वजह है कि एर्दोगन कतर से सेकंड हैंड यूरो फाइटर जेट खरीदने के पूरी कोशिश कर रहे हैं। इस फाइटर जेट को यूरोपीय देशों ने मिलकर बनाया है। तुर्की का इरादा है कि वह इजरायल और ग्रीस पर बढ़त हासिल करे। नाटो देशों में तुर्की के पास दूसरी सबसे बड़ी सेना है और पश्चिमी देशों की मदद से इसे वह और ज्यादा मजबूत करना चाहता है। इसीलिए तुर्की यूरो फाइटर जेट के अलावा अमेरिका से एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट लेने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए है।
ग्रीस ने तुर्की के मंसूबे पर दी है चेतावनी
वहीं रूस से एस 400 खरीदने के बाद तुर्की को अमेरिका के एफ-35 प्रोग्राम से बाहर कर दिया गया था। इस वजह से उसके खिलाफ प्रतिबंध लगे हुए हैं। इजरायल के पास पहले से ही अमेरिका के एफ-35, एफ-15 और एफ-16 फाइटर जेट काफी बड़ी तादाद में मौजूद हैं। इजरायल ने जब कतर पर हमला किया तो इससे उसके पड़ोसी देशों की नींद उड़ी हुई है। इसी वजह से तुर्की के राष्ट्रपति भी एफ-35 लेना चाहते हैं और डोनाल्ड ट्रंप को मना रहे हैं। तुर्की के राष्ट्रपति ने इजरायल के गाजा युद्ध की बहुत तीखी आलोचना की थी और दोनों देशों के रिश्ते इस समय रसातल में चले गए हैं।
इजरायली पीएम नेतन्याहू ने ऐलान किया है कि तुर्की के सैन्य अड्डे, विद्रोही गुट और सीरिया की सेना को सपोर्ट इजरायल के लिए खतरा हैं। वहीं ग्रीस के एफ-35 फाइटर जेट खरीदने से तुर्की खौफ में है। बताया जा रहा है कि अगले तीन साल में ग्रीस को एफ-35 फाइटर जेट का पहला जत्था मिल जाएगा। तुर्की और ग्रीस दोनों के बीच Aegean समुद्र में हवा में टकराव हो चुका है। खलीफा एर्दोगन के ऑटोमन साम्राज्य को फिर से लाने के सपने को लेकर ग्रीस पहले ही चेतावनी दे चुका है। ग्रीस यूरोफाइटर जेट तत्काल हासिल करने के लिए कतर और ओमान से बात कर रहा है। हालांकि इस बिक्री को ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और स्पेन से मंजूरी मिलना जरूरी होगा। इस डील पर बात करने के लिए तुर्की के राष्ट्रपति कतर जा रहे हैं।
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