पुणे: महाराष्ट्र के पुणे जिले में ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। पुणे के एक रिटायर बैंक अधिकारी को केंद्रीय खुफिया एजेंसी में उच्च पद की नौकरी, 'देशहित में एक गुप्त मिशन पूरा करने', 'सरकार से 38 करोड़ रुपये का इनाम' और 'गृह मंत्री से सीधे संपर्क' का वादा करके 4 करोड़ 6 लाख 7 हज़ार 355 रुपये ठग लिए गए। खास बात यह है कि पुलिस जांच में पता चला है कि इस धोखाधड़ी में शिकायतकर्ता के करीबी रिश्तेदार ही शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला?
इस मामले में पार्वती पुलिस स्टेशन में पांच लोगों शुभम सुनील प्रभाले, सुनील बबनराव प्रभाले, ओमकार सुनील प्रभाले, प्रशांत राजेंद्र प्रभाले और भाग्यश्री सुनील प्रभाले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी और षड्यंत्र का मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता सूर्यकांत दत्तात्रेय थोरात (उम्र 53) अपनी पत्नी अर्चना के साथ दत्तावाड़ी स्थित विजय चैतन्य सोसाइटी में रहते हैं। वे पहले सारस्वत बैंक की सोमवार पेठ शाखा में अधिकारी के पद पर कार्यरत थे और कुछ साल पहले रिटायर हुए थे।
कैसे दिया झांसा?
2019 में उनकी पत्नी के भाई सुनील प्रभाले ने उनसे संपर्क किया और बताया कि उनका बेटा शुभम केंद्र सरकार के खुफिया विभाग में कार्यरत है। उसने एक विशेष मिशन में एक महत्वपूर्ण कार्य पूरा किया है। इस कार्य के लिए उसे केंद्र सरकार से 38 करोड़ रुपये का इनाम मिलेगा। लेकिन इस राशि को पाने के लिए उसे अलग-अलग शुल्क, कानूनी खर्च और वरिष्ठ अधिकारियों को उपहार देने होंगे। आरोपी लगातार थोराट से संपर्क करके उसे अपने जाल में फंसा रहे थे।
बहाने बनाकर लिए पैसे
शुभम और सुनील ने उसे विश्वास दिलाया कि प्रक्रिया अंतिम चरण में है और भुगतान के तुरंत बाद पैसा वापस कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, विश्वास हासिल करने के लिए उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के नाम से एक फर्जी कॉन्फ्रेंस कॉल आयोजित की और सरकारी अधिकारियों से सीधे संपर्क में होने का नाटक किया। इसके बाद 2020 से 2024 के बीच अलग-अलग बहानों से रक्षा मंत्रालय में आवेदन, वकीलों की फीस, दिल्ली आने-जाने का खर्च और वरिष्ठ अधिकारियों को उपहार देने के लिए करोड़ों रुपये मांगे गए।
4 करोड़ 6 लाख 7 हज़ार 355 रुपये ठगे
शिकायतकर्ता थोराट ने आरोपी को न केवल अपने पैसे दिए, बल्कि अपने जानने वाले लोगों से उधार लिए गए पैसे भी दिए। कुछ लेन-देन नकद में किए गए, जबकि अन्य सीधे बैंक ट्रांसफर के माध्यम से किए गए। इसमें शुभम प्रभाले को 1.82 करोड़ रुपये, ओमकार प्रभाले को 10.93 लाख रुपये, प्रशांत प्रभाले को 40.67 लाख रुपये, सुनील प्रभाले को 7 लाख रुपये (नकद) और भाग्यश्री प्रभाले को 1.05 लाख रुपये दिए गए। इसके अलावा विभिन्न खातों में 17 लाख, 25 लाख, 10 लाख, 6.5 लाख, 3.5 लाख, 3 लाख रुपये जैसी अलग-अलग राशि जमा की गई। अंत में आरोपियों ने कुल 4,06,07,355 रुपये का हड़प लिया।
पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
चार साल तक लगातार पैसा जमा करने के बावजूद इनामी राशि न मिलने पर थोराट का धैर्य जवाब दे गया। 15 सितंबर, 2025 को उन्होंने पार्वती पुलिस में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपियों ने झूठी पहचान, फर्जी दस्तावेजों और फर्जी बैंक लेनदेन का इस्तेमाल कर साजिश रची थी। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी धनकवाड़ी और सहकारनगर इलाके के रहने वाले हैं।
पुलिस ने क्या कहा?
फिलहाल पुलिस संबंधित बैंक खातों की जांच और वित्तीय लेन-देन की फोरेंसिक जांच कर रही है। आरोपियों से पूछताछ तेज कर दी गई है और उम्मीद है कि कुछ और नए सबूत सामने आएँगे। पुलिस की सलाह है कि नागरिकों को इस घटना से सबक लेना चाहिए। अगर आपको बड़ी रकम, सरकारी नौकरी या इनाम का लालच दिया जाता है, तो तुरंत सावधान हो जाएँ। पुलिस अधिकारियों ने अपील की है कि ऐसे संदिग्ध मामलों की तुरंत पुलिस को सूचना दें।
क्या है पूरा मामला?
इस मामले में पार्वती पुलिस स्टेशन में पांच लोगों शुभम सुनील प्रभाले, सुनील बबनराव प्रभाले, ओमकार सुनील प्रभाले, प्रशांत राजेंद्र प्रभाले और भाग्यश्री सुनील प्रभाले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी और षड्यंत्र का मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता सूर्यकांत दत्तात्रेय थोरात (उम्र 53) अपनी पत्नी अर्चना के साथ दत्तावाड़ी स्थित विजय चैतन्य सोसाइटी में रहते हैं। वे पहले सारस्वत बैंक की सोमवार पेठ शाखा में अधिकारी के पद पर कार्यरत थे और कुछ साल पहले रिटायर हुए थे।
कैसे दिया झांसा?
2019 में उनकी पत्नी के भाई सुनील प्रभाले ने उनसे संपर्क किया और बताया कि उनका बेटा शुभम केंद्र सरकार के खुफिया विभाग में कार्यरत है। उसने एक विशेष मिशन में एक महत्वपूर्ण कार्य पूरा किया है। इस कार्य के लिए उसे केंद्र सरकार से 38 करोड़ रुपये का इनाम मिलेगा। लेकिन इस राशि को पाने के लिए उसे अलग-अलग शुल्क, कानूनी खर्च और वरिष्ठ अधिकारियों को उपहार देने होंगे। आरोपी लगातार थोराट से संपर्क करके उसे अपने जाल में फंसा रहे थे।
बहाने बनाकर लिए पैसे
शुभम और सुनील ने उसे विश्वास दिलाया कि प्रक्रिया अंतिम चरण में है और भुगतान के तुरंत बाद पैसा वापस कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, विश्वास हासिल करने के लिए उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के नाम से एक फर्जी कॉन्फ्रेंस कॉल आयोजित की और सरकारी अधिकारियों से सीधे संपर्क में होने का नाटक किया। इसके बाद 2020 से 2024 के बीच अलग-अलग बहानों से रक्षा मंत्रालय में आवेदन, वकीलों की फीस, दिल्ली आने-जाने का खर्च और वरिष्ठ अधिकारियों को उपहार देने के लिए करोड़ों रुपये मांगे गए।
4 करोड़ 6 लाख 7 हज़ार 355 रुपये ठगे
शिकायतकर्ता थोराट ने आरोपी को न केवल अपने पैसे दिए, बल्कि अपने जानने वाले लोगों से उधार लिए गए पैसे भी दिए। कुछ लेन-देन नकद में किए गए, जबकि अन्य सीधे बैंक ट्रांसफर के माध्यम से किए गए। इसमें शुभम प्रभाले को 1.82 करोड़ रुपये, ओमकार प्रभाले को 10.93 लाख रुपये, प्रशांत प्रभाले को 40.67 लाख रुपये, सुनील प्रभाले को 7 लाख रुपये (नकद) और भाग्यश्री प्रभाले को 1.05 लाख रुपये दिए गए। इसके अलावा विभिन्न खातों में 17 लाख, 25 लाख, 10 लाख, 6.5 लाख, 3.5 लाख, 3 लाख रुपये जैसी अलग-अलग राशि जमा की गई। अंत में आरोपियों ने कुल 4,06,07,355 रुपये का हड़प लिया।
पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
चार साल तक लगातार पैसा जमा करने के बावजूद इनामी राशि न मिलने पर थोराट का धैर्य जवाब दे गया। 15 सितंबर, 2025 को उन्होंने पार्वती पुलिस में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपियों ने झूठी पहचान, फर्जी दस्तावेजों और फर्जी बैंक लेनदेन का इस्तेमाल कर साजिश रची थी। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी धनकवाड़ी और सहकारनगर इलाके के रहने वाले हैं।
पुलिस ने क्या कहा?
फिलहाल पुलिस संबंधित बैंक खातों की जांच और वित्तीय लेन-देन की फोरेंसिक जांच कर रही है। आरोपियों से पूछताछ तेज कर दी गई है और उम्मीद है कि कुछ और नए सबूत सामने आएँगे। पुलिस की सलाह है कि नागरिकों को इस घटना से सबक लेना चाहिए। अगर आपको बड़ी रकम, सरकारी नौकरी या इनाम का लालच दिया जाता है, तो तुरंत सावधान हो जाएँ। पुलिस अधिकारियों ने अपील की है कि ऐसे संदिग्ध मामलों की तुरंत पुलिस को सूचना दें।
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