'कहते हैं, अगर किसी चीज़ को शिद्दत से चाहो, तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है।' शाहरुख खान की फिल्म का यह मशहूर डायलॉग उनकी ज़िंदगी में बाद में आया, लेकिन उन्होंने इसे अपनी हकीकत बहुत पहले बना लिया था। दिल्ली का एक अल्हड़, बाग़ी मगर इरादों का पक्का लड़का, जिसने अदाकार बनने के सपनों के पीछे दौड़ लगाई, और आज वही दुनिया के दिलों पर राज कर रहा है। ये सफ़र किसी जादू से कम नहीं, बस फर्क इतना है कि ये जादू वक्त और जुनून से बना है। आज जब शाहरुख़ 60 के हो गए हैं, तो उनके तीन दशक लंबे सफ़र के गवाह उनके साथी कलाकार बताते हैं, क्यों वो आज भी सिर्फ स्टार नहीं, बल्कि बादशाह खान कहलाते हैं।
'मैं समझता हूं कि इंडस्ट्री में हर कोई शाहरुख़ का कर्ज़दार है। दुनिया हमारी इंडस्ट्री को उन्हीं की वजह से जानती है, और हमें जो सम्मान मिलता है, वो भी उन्हीं की बदौलत है।' आर्यन खान की सीरीज़ ‘बैड्स ऑफ़ बॉलिवुड’ में ग़फ़ूर का किरदार निभाने वाले अरशद वारसी का यह बयान सुनकर शाहरुख की वो वायरल रील याद आ जाती है, जिसमें बुल्गारिया से लेकर उज्बेकिस्तान, चीन से लेकर मलेशिया, इंडोनेशिया से लेकर मिस्र तक, दुनिया भर के लोग उनके गाने गाते और डायलॉग बोलते दिखाई देते हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से लेकर डोनाल्ड ट्रंप तक 'बड़े-बड़े शहरों में ऐसी छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं, सेन्योरीटा कहते दिखे, और हॉलीवुड स्टार्स जॉन सीना, टॉम हिडलस्टन, एड शीरन, ब्रैड पिट, रॉबर्ट डाउनी जूनियर तक ने माना, ‘India means Shah Rukh Khan’.
कत्थई आंखों वाला एक लड़कादुनिया भले इस बात से नावाकिफ रही हो कि दिल्ली की गलियों से चलकर मुंबई की मरीन ड्राइव के मन्नत तक एक दिन वही बेपरवाह, अल्हड़ लड़का भारत को विश्व पटल पर पहचान दिलाएगा, मगर उनके कुछ करीबी लोग तब ही समझ गए थे कि इस नौजवान में एक आग है। टीवी सीरियल दिल दरिया में शाहरुख की ऑनस्क्रीन मां रहीं जॉयश्री अरोड़ा उस दिन को याद करती हैं, 'हम इंडिया गेट के पास पंडारा में शूटिंग कर रहे थे। तभी बाहर एक 21-22 साल का लड़का दिखा। धूप उसके चेहरे पर पड़ रही थी और उसकी कत्थई आंखें सपनों से चमक रही थीं। मैंने नाम पूछा, उसने मुस्कराते हुए कहा, ‘शाहरुख़ ख़ान।’ हम सांझा चूल्हा की शूटिंग कर रहे थे। मैंने निर्देशक बलवंत गार्गी का ध्यान उस लड़के की ओर दिलाया। उन्होंने एक सरदार के गेटअप वाले रोल का ऑफर दिया, मगर शाहरुख ने विनम्रता से कहा कि उन्हें जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में इंटरव्यू के लिए जाना है। उस पल उनकी आत्मविश्वास भरी मुस्कान देखकर मैंने समझ लिया। ये लड़का लंबी रेस का घोड़ा है।'
मारुति वैन से सबको लिफ्ट देनादिल्ली में ताज मोहम्मद ख़ान और लतीफ़ फ़ातिमा के घर पले-बढ़े शाहरुख़ ने एक बार उन्होंने बताया था कि बचपन में रामलीला में ‘वानर’ का रोल निभाया था और मज़े की बात ये कि जिनकी हिंदी पर आज सब फ़िदा हैं, कभी वे अपनी मां के साथ ‘जोशीला’ सिर्फ़ इसलिए देखने गए थे क्योंकि हिंदी में पूरे दस नंबर आए थे। थिएटर डायरेक्टर जॉन बेरी के साथ प्रशिक्षण लेने के बाद शाहरुख़ ने दिल दरिया सीरियल से टीवी डेब्यू किया। उसी शो में उनकी ऑन-स्क्रीन मां रहीं ज्योत्सना अरोड़ा याद करती हैं, “वो बहुत विनम्र और वेल-बिहेव्ड लड़का था। एक बार 'दस्तक' की पार्टी में उनकी मां से मुलाक़ात हुई। तभी समझ गई कि शाहरुख़ की तहज़ीब उन्हीं की देन है। साथी कलाकार वीरेंद्र सक्सेना ने एक दिन शूट के दौरान मुझे ‘किवाम वाला पान’ खिला दिया था। मेरा बुरा हाल हो गया था, तो शाहरुख़ दौड़कर आए, मुझे पानी दिया और पीठ सहलाई। उन दिनों उनके पास एक सफेद मारुति वैन थी। शूटिंग के बाद वो हर साथी कलाकार को घर छोड़ने जाते।'
फौजी के लिए सिफारिशसभी जानते हैं कि शाहरुख खान के दिल दरिया, दूसरा केवल, वागले की दुनिया और सर्कस जैसे धारावाहिकों में नजर आने के बाद, फौजी में अभिमन्यु रॉय का किरदार करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। मगर यह कम लोग जानते हैं कि इस शो तक उनकी पहुंच कैसे हुई। जॉयश्री बताती हैं,“कर्नल कपूर, जो फौजी के निर्देशक थे, लीड रोल की तलाश में थे। मैंने दिल दरिया में शाहरुख का काम देखकर राकेश शर्मा से कहा कि इस लड़के में जबरदस्त स्पार्क है। राकेश ने शाहरुख का नाम सुझाया और फिर इतिहास बन गया। मैंने उनके साथ दूसरा केवल और दस्तक जैसे शो भी किए। सेट पर लगातार डायलॉग्स दोहराते, कॉफी और सिगरेट के साथ रिहर्सल करते रहते थे। फौजी के कुछ ही एपिसोड्स के बाद संगम विहार में उनके लिए भीड़ उमड़ने लगी थी। तभी समझ आया, एक स्टार का जन्म हो चुका है।'
उस पेड़ की तरह हैं, जो जितना फलदार हुआ, झुकता चला गयाएक इंटरव्यू में शाहरुख ने कहा था,'मुझे उन लोगों से जलन होती है, जो सफल नहीं होना चाहते। जब तक आप बेचैन नहीं होंगे, सफलता नहीं मिलेगी।' वो बेचैनी ही उन्हें दिल दरिया के अभिमन्यु से लेकर 'किंग खान' और 'बादशाह' तक ले आई। बैड्स ऑफ़ बॉलिवुड में हाल ही में शाहरुख के साथ काम कर चुके रजत बेदी बताते हैं, आर्यन खान ने मुझे जयराज सक्सेना का रोल दिया था। सालों बाद जब मैं शाहरुख़ से मिला, उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘टाइगर!’ और गले लगा लिया।' मेरी आंखें नम हो गईं। वो वही शख्स हैं, जिनसे 30 साल पहले मैं ज़माना दीवाना के सेट पर एक असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में मिला था। शाहरुख़ उस पेड़ की तरह हैं, जितना फलदार हुए, उतना ही झुकते चले गए। मैं जब असिस्ट कर रहा था, जब सेट पर दो रजत थे। एक मैं और दूसरे रजत रवैल (निर्देशक) और उस वक्त कन्फ्यूजन को मिटाने के लिए शाहरुख ने मुझे टाइगर नाम दिया, मगर कमाल की बात ये है कि सालों बाद जब उनके घर में बैड्स ऑफ बॉलिवुड की खास स्क्रीनिंग थी, करण जौहर, श्वेता बच्चन सरीखी कई दिग्गज हस्तियां आई हुई थीं। उन्होंने सबके सामने विनम्रता से मेरा शुक्रिया अदा किया। वे सामने वाले को इतना ख़ास महसूस कराते हैं कि आप खुद को नायाब समझने लगते हैं।'
रवीना टंडन को रुलाने पर शाहरुख की लताड़जाने -माने लेखक-निर्देशक राजिंदर बेदी और फिल्मकार नरिंदर बेदी के बेटे हमें 1995 के दौर में लेकर जाते हुए कहते हैं, 'मैं उस वक्त मात्र 18 साल का था और रमेश सिप्पी साहब का फोर्थ असिस्टेंट हुआ करता था। शाहरुख भले हीरो थे, मगर मेरे साथ दोस्तों-सा बर्ताव करते थे। एक बार सेट पर फिल्म की हीरोइन रवीना टंडन ने मुझे ज़ोर से डांट दिया और फिर बाद में जब सीन करने का वक्त आया, तो मैंने भी उन्हें उलटा जवाब दे दिया। बस फिर क्या था, रवीना ने रोना शुरू कर दिया। उस वक्त शाहरुख ने बड़ी समझदारी से सिच्युएशन को संभाला और मुझे समझाते हुए लताड़ लगाई , 'जा पहले उधर ठीक करके आ, रोमांटिक सीन है और वो रही है' तब मैंने रवीना से माफ़ी मांगी थी। एक एक्टर के रूप में तब भी वे उतने ही समर्पित थे। कई पन्नों के लंबे-लंबे डायलॉग वे ऐसे चुटकियों में याद करते कि मैं देखता रह जाता था।'
क्यों कहलाते हैं वे लेडीज मैनपर्दे पर रोमांस का किंग कहलाने वाले शाहरुख को लेडीज़ मैन का खिताब भी हासिल है। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, 'औरतों की परिभाषा में इज्जत ही प्यार होता है और मैं सभी औरतों की बहुत इज्जत करता हूं, तो वे मुझे बहुत करीब पाती हैं।' चक दे इंडिया में एक बार फिर शाहरुख की मां के किरदार में नजर आने वाली जॉयश्री कहती हैं, 'चक दे इंडिया तक आते-आते वे सुपर स्टार बन चुके थे। मुझे लगा कि वे मुझे भूल चुके होंगे, मगर उनसे ख़ास तरह का सम्मान और केयर पाकर मैं अभिभूत थी। उन्होंने टीम को खास हिदायत देकर राखी थी कि सेट पर मुझे पहले बुलाकर इंतजार न करवाया जाए। शूटिंग के दौरान भी वे वे हाथ पकड़ कर मुझे रास्ता क्रॉस करवाते थे। फिल्म में स्कूटर वाला एक सीन था, जिसमें मैं उनके पीछे-पीछे दौड़ती हूं, तो उन्होंने उस दौरान भी इस बात का खयाल रखा कि मुझे किसी तरह की चोट न पहुंचे।'
गंगा-जमुनी तहजीब वाला परिवार प्रेमी बंदा'शाहरुख सर की अभूतपूर्व कामयाबी और आभामंडल के कारण हमारे सामने उनकी एक खास तरह की छवि है, कइयों के लिए वे गॉड का दर्जा रखते हैं, मगर वे भी आपकी हमारी तरह एक इंसान हैं' बताते हैं रजत, 'बैड्स की शूटिंग से पहले जब मुझे नरेशन दिया जा रहा था, तब उन्होंने बड़े प्यार से कहा था, 'यार देख ले, मेरा बेटा करियर शुरू करने जा रहा है, तुझे रोल अच्छा लगे तो कर ले।' फिर जब वे सेट पर शूटिंग के लिए आए, तो हमारे साथ मेहबूब स्टूडियो में गप्पें लगा रहे थे। मैंने महसूस किया कि वे बेहद पारिवारिक आदमी हैं। उन्होंने अपने बच्चों को कमाल की तहजीब और संस्कार दिए हैं। आर्यन तो गाड़ी में बैठाने तक आता है। वे और गौरी मैम कमाल के होस्ट हैं। उनके ऑफिस में अक्सर घर से बना हुआ लजीज खाना आया करता है। शूट शुरू होने से पहले उन्होंने ऑफिस में लक्ष्मी पूजा रखी थी। उस दिन पहली बार मैंने बाप-बेटे को साथ देखा और मैंने पाया कि किस तरह से वे एक प्योर पिता हैं। सलमान खान ने हाल ही में कहा कि शाहरुख अगर किसी को अपने से आगे बढ़ते हुए देखना चाहेंगे, तो वो उनका बेटा आर्यन होगा। शाहरुख जिस तरह से लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं, लगता है, वे नैशनल ट्रेजर हैं, एक इमोशन हैं, फीलिंग हैं।'
'मैं समझता हूं कि इंडस्ट्री में हर कोई शाहरुख़ का कर्ज़दार है। दुनिया हमारी इंडस्ट्री को उन्हीं की वजह से जानती है, और हमें जो सम्मान मिलता है, वो भी उन्हीं की बदौलत है।' आर्यन खान की सीरीज़ ‘बैड्स ऑफ़ बॉलिवुड’ में ग़फ़ूर का किरदार निभाने वाले अरशद वारसी का यह बयान सुनकर शाहरुख की वो वायरल रील याद आ जाती है, जिसमें बुल्गारिया से लेकर उज्बेकिस्तान, चीन से लेकर मलेशिया, इंडोनेशिया से लेकर मिस्र तक, दुनिया भर के लोग उनके गाने गाते और डायलॉग बोलते दिखाई देते हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से लेकर डोनाल्ड ट्रंप तक 'बड़े-बड़े शहरों में ऐसी छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं, सेन्योरीटा कहते दिखे, और हॉलीवुड स्टार्स जॉन सीना, टॉम हिडलस्टन, एड शीरन, ब्रैड पिट, रॉबर्ट डाउनी जूनियर तक ने माना, ‘India means Shah Rukh Khan’.
कत्थई आंखों वाला एक लड़कादुनिया भले इस बात से नावाकिफ रही हो कि दिल्ली की गलियों से चलकर मुंबई की मरीन ड्राइव के मन्नत तक एक दिन वही बेपरवाह, अल्हड़ लड़का भारत को विश्व पटल पर पहचान दिलाएगा, मगर उनके कुछ करीबी लोग तब ही समझ गए थे कि इस नौजवान में एक आग है। टीवी सीरियल दिल दरिया में शाहरुख की ऑनस्क्रीन मां रहीं जॉयश्री अरोड़ा उस दिन को याद करती हैं, 'हम इंडिया गेट के पास पंडारा में शूटिंग कर रहे थे। तभी बाहर एक 21-22 साल का लड़का दिखा। धूप उसके चेहरे पर पड़ रही थी और उसकी कत्थई आंखें सपनों से चमक रही थीं। मैंने नाम पूछा, उसने मुस्कराते हुए कहा, ‘शाहरुख़ ख़ान।’ हम सांझा चूल्हा की शूटिंग कर रहे थे। मैंने निर्देशक बलवंत गार्गी का ध्यान उस लड़के की ओर दिलाया। उन्होंने एक सरदार के गेटअप वाले रोल का ऑफर दिया, मगर शाहरुख ने विनम्रता से कहा कि उन्हें जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में इंटरव्यू के लिए जाना है। उस पल उनकी आत्मविश्वास भरी मुस्कान देखकर मैंने समझ लिया। ये लड़का लंबी रेस का घोड़ा है।'
मारुति वैन से सबको लिफ्ट देनादिल्ली में ताज मोहम्मद ख़ान और लतीफ़ फ़ातिमा के घर पले-बढ़े शाहरुख़ ने एक बार उन्होंने बताया था कि बचपन में रामलीला में ‘वानर’ का रोल निभाया था और मज़े की बात ये कि जिनकी हिंदी पर आज सब फ़िदा हैं, कभी वे अपनी मां के साथ ‘जोशीला’ सिर्फ़ इसलिए देखने गए थे क्योंकि हिंदी में पूरे दस नंबर आए थे। थिएटर डायरेक्टर जॉन बेरी के साथ प्रशिक्षण लेने के बाद शाहरुख़ ने दिल दरिया सीरियल से टीवी डेब्यू किया। उसी शो में उनकी ऑन-स्क्रीन मां रहीं ज्योत्सना अरोड़ा याद करती हैं, “वो बहुत विनम्र और वेल-बिहेव्ड लड़का था। एक बार 'दस्तक' की पार्टी में उनकी मां से मुलाक़ात हुई। तभी समझ गई कि शाहरुख़ की तहज़ीब उन्हीं की देन है। साथी कलाकार वीरेंद्र सक्सेना ने एक दिन शूट के दौरान मुझे ‘किवाम वाला पान’ खिला दिया था। मेरा बुरा हाल हो गया था, तो शाहरुख़ दौड़कर आए, मुझे पानी दिया और पीठ सहलाई। उन दिनों उनके पास एक सफेद मारुति वैन थी। शूटिंग के बाद वो हर साथी कलाकार को घर छोड़ने जाते।'
फौजी के लिए सिफारिशसभी जानते हैं कि शाहरुख खान के दिल दरिया, दूसरा केवल, वागले की दुनिया और सर्कस जैसे धारावाहिकों में नजर आने के बाद, फौजी में अभिमन्यु रॉय का किरदार करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। मगर यह कम लोग जानते हैं कि इस शो तक उनकी पहुंच कैसे हुई। जॉयश्री बताती हैं,“कर्नल कपूर, जो फौजी के निर्देशक थे, लीड रोल की तलाश में थे। मैंने दिल दरिया में शाहरुख का काम देखकर राकेश शर्मा से कहा कि इस लड़के में जबरदस्त स्पार्क है। राकेश ने शाहरुख का नाम सुझाया और फिर इतिहास बन गया। मैंने उनके साथ दूसरा केवल और दस्तक जैसे शो भी किए। सेट पर लगातार डायलॉग्स दोहराते, कॉफी और सिगरेट के साथ रिहर्सल करते रहते थे। फौजी के कुछ ही एपिसोड्स के बाद संगम विहार में उनके लिए भीड़ उमड़ने लगी थी। तभी समझ आया, एक स्टार का जन्म हो चुका है।'
उस पेड़ की तरह हैं, जो जितना फलदार हुआ, झुकता चला गयाएक इंटरव्यू में शाहरुख ने कहा था,'मुझे उन लोगों से जलन होती है, जो सफल नहीं होना चाहते। जब तक आप बेचैन नहीं होंगे, सफलता नहीं मिलेगी।' वो बेचैनी ही उन्हें दिल दरिया के अभिमन्यु से लेकर 'किंग खान' और 'बादशाह' तक ले आई। बैड्स ऑफ़ बॉलिवुड में हाल ही में शाहरुख के साथ काम कर चुके रजत बेदी बताते हैं, आर्यन खान ने मुझे जयराज सक्सेना का रोल दिया था। सालों बाद जब मैं शाहरुख़ से मिला, उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘टाइगर!’ और गले लगा लिया।' मेरी आंखें नम हो गईं। वो वही शख्स हैं, जिनसे 30 साल पहले मैं ज़माना दीवाना के सेट पर एक असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में मिला था। शाहरुख़ उस पेड़ की तरह हैं, जितना फलदार हुए, उतना ही झुकते चले गए। मैं जब असिस्ट कर रहा था, जब सेट पर दो रजत थे। एक मैं और दूसरे रजत रवैल (निर्देशक) और उस वक्त कन्फ्यूजन को मिटाने के लिए शाहरुख ने मुझे टाइगर नाम दिया, मगर कमाल की बात ये है कि सालों बाद जब उनके घर में बैड्स ऑफ बॉलिवुड की खास स्क्रीनिंग थी, करण जौहर, श्वेता बच्चन सरीखी कई दिग्गज हस्तियां आई हुई थीं। उन्होंने सबके सामने विनम्रता से मेरा शुक्रिया अदा किया। वे सामने वाले को इतना ख़ास महसूस कराते हैं कि आप खुद को नायाब समझने लगते हैं।'
रवीना टंडन को रुलाने पर शाहरुख की लताड़जाने -माने लेखक-निर्देशक राजिंदर बेदी और फिल्मकार नरिंदर बेदी के बेटे हमें 1995 के दौर में लेकर जाते हुए कहते हैं, 'मैं उस वक्त मात्र 18 साल का था और रमेश सिप्पी साहब का फोर्थ असिस्टेंट हुआ करता था। शाहरुख भले हीरो थे, मगर मेरे साथ दोस्तों-सा बर्ताव करते थे। एक बार सेट पर फिल्म की हीरोइन रवीना टंडन ने मुझे ज़ोर से डांट दिया और फिर बाद में जब सीन करने का वक्त आया, तो मैंने भी उन्हें उलटा जवाब दे दिया। बस फिर क्या था, रवीना ने रोना शुरू कर दिया। उस वक्त शाहरुख ने बड़ी समझदारी से सिच्युएशन को संभाला और मुझे समझाते हुए लताड़ लगाई , 'जा पहले उधर ठीक करके आ, रोमांटिक सीन है और वो रही है' तब मैंने रवीना से माफ़ी मांगी थी। एक एक्टर के रूप में तब भी वे उतने ही समर्पित थे। कई पन्नों के लंबे-लंबे डायलॉग वे ऐसे चुटकियों में याद करते कि मैं देखता रह जाता था।'
क्यों कहलाते हैं वे लेडीज मैनपर्दे पर रोमांस का किंग कहलाने वाले शाहरुख को लेडीज़ मैन का खिताब भी हासिल है। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, 'औरतों की परिभाषा में इज्जत ही प्यार होता है और मैं सभी औरतों की बहुत इज्जत करता हूं, तो वे मुझे बहुत करीब पाती हैं।' चक दे इंडिया में एक बार फिर शाहरुख की मां के किरदार में नजर आने वाली जॉयश्री कहती हैं, 'चक दे इंडिया तक आते-आते वे सुपर स्टार बन चुके थे। मुझे लगा कि वे मुझे भूल चुके होंगे, मगर उनसे ख़ास तरह का सम्मान और केयर पाकर मैं अभिभूत थी। उन्होंने टीम को खास हिदायत देकर राखी थी कि सेट पर मुझे पहले बुलाकर इंतजार न करवाया जाए। शूटिंग के दौरान भी वे वे हाथ पकड़ कर मुझे रास्ता क्रॉस करवाते थे। फिल्म में स्कूटर वाला एक सीन था, जिसमें मैं उनके पीछे-पीछे दौड़ती हूं, तो उन्होंने उस दौरान भी इस बात का खयाल रखा कि मुझे किसी तरह की चोट न पहुंचे।'
गंगा-जमुनी तहजीब वाला परिवार प्रेमी बंदा'शाहरुख सर की अभूतपूर्व कामयाबी और आभामंडल के कारण हमारे सामने उनकी एक खास तरह की छवि है, कइयों के लिए वे गॉड का दर्जा रखते हैं, मगर वे भी आपकी हमारी तरह एक इंसान हैं' बताते हैं रजत, 'बैड्स की शूटिंग से पहले जब मुझे नरेशन दिया जा रहा था, तब उन्होंने बड़े प्यार से कहा था, 'यार देख ले, मेरा बेटा करियर शुरू करने जा रहा है, तुझे रोल अच्छा लगे तो कर ले।' फिर जब वे सेट पर शूटिंग के लिए आए, तो हमारे साथ मेहबूब स्टूडियो में गप्पें लगा रहे थे। मैंने महसूस किया कि वे बेहद पारिवारिक आदमी हैं। उन्होंने अपने बच्चों को कमाल की तहजीब और संस्कार दिए हैं। आर्यन तो गाड़ी में बैठाने तक आता है। वे और गौरी मैम कमाल के होस्ट हैं। उनके ऑफिस में अक्सर घर से बना हुआ लजीज खाना आया करता है। शूट शुरू होने से पहले उन्होंने ऑफिस में लक्ष्मी पूजा रखी थी। उस दिन पहली बार मैंने बाप-बेटे को साथ देखा और मैंने पाया कि किस तरह से वे एक प्योर पिता हैं। सलमान खान ने हाल ही में कहा कि शाहरुख अगर किसी को अपने से आगे बढ़ते हुए देखना चाहेंगे, तो वो उनका बेटा आर्यन होगा। शाहरुख जिस तरह से लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं, लगता है, वे नैशनल ट्रेजर हैं, एक इमोशन हैं, फीलिंग हैं।'
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