नई दिल्ली: कहते हैं समय सबसे बलवान होता है। उसके पास ही किस्मत की कुंजी होती है। रोहित शर्मा जब टी20 विश्व कप 2024 का खिताब जीते तो मिशन आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 और वनडे विश्व कप 2025 थे। उन्होंने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी तो जीता, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ होम टेस्ट सीरीज और फिर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में हार ने ऐसी पनौती लगाई कि रोहित शर्मा की बची दोनों फॉर्मेट की कप्तानी भी छीन ली गई। हालांकि, देखा जाए तो आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी वनडे फॉर्मेट में खेली गई थी और वनडे विश्व कप तक रोहित शर्मा कप्तानी कर सकते थे, लेकिन टीम मैनेजमेंट, सिलेक्शन कमिटी और हेड कोच के मन में क्या चल रहा ये तो वही जानें, लेकिन एक बड़ा तबका सोशल मीडिया पर मानता है कि रोहित शर्मा के साथ नाइंसाफी हुई है। आखिरी किसी आईसीसी ट्रॉफी विनर कप्तान को कोई ऐसे कैसे हटा सकता है...?
नवभारत टाइम्स के खास सेगमेंट Sports Scan में समझने की कोशिश करते हैं कि रोहित शर्मा की कप्तानी जाने के बाद उनका भविष्य क्या है और कौन-कौन से फैक्ट्स हैं, जिनकी वजहों से हिटमैन अब कप्तान नहीं रहे। साथ ही अभिषेक नायर के उस बयान का भी ऑपरेशन करते हैं, जिनमें उन्होंने इशारा किया था कि किस तरह से रोहित शर्मा के मुंबई टीम की कप्तानी करने के दौरान लगभग 10-12 साल पहले मुंबई क्रिकेट में उनके खिलाफ एक नेगेटिव गढ़ा गया था, जिसमें उन्हें बहुत ही अनप्रेडिक्टेबल इंसान बताया गया था।
खैर, रोहित शर्मा... भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े कप्तानों की लिस्ट बनेगी तो उसमें यह नाम जरूर होगा। 2013 में भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था। उसके बाद लगभग हर साल भारतीय टीम आईसीसी इवेंट के नॉकआउट में पहुंची। टीम को हर बार निराशा हाथ लगी। 2024 में रोहित की कप्तानी में भारत ने टी20 विश्व कप का खिताब जीता। फिर 8 महीने बाद उनकी कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी की चैंपियन बनी। फाइनल में रोहित प्लेयर ऑफ द मैच रहे। चैंपियंस ट्रॉफी के बाद भारतीय टीम अपनी पहली वनडे सीरीज खेलने वाली है। उससे पहले रोहित को कप्तानी से हटा दिया गया है।
अजीत अगरकर ने कप्तानी से हटाया?
भारतीय टीम के लिए खिलाड़ी के साथ ही कप्तान के चयन की जिम्मेदारी चयनकर्ताओं की होती है। अभी अजीत अगरकर भारतीय सीनियर क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता हैं। यानी रोहित शर्मा को कप्तानी से हटाया गया है तो यह इसपर अंतिम फैसला अजीत अगरकर ने ही लिया होगा। 47 साल के अगरकर भारतीय टीम के लिए लंबे समय तक खेल चुके हैं। वह रोहित शर्मा के टीममेट भी रहे हैं। 2007 टी20 विश्व कप में अगरकर और रोहित दोनों थे। घरेलू क्रिकेट में भी अगरकर मुंबई के लिए खेलते थे।
पहले भी कप्तानी से हटाए जा चुके रोहित
यह पहली बार नहीं है जब रोहित शर्मा को कप्तानी से हटाया गया है। 2012-13 रणजी सीजन में अजीत अगरकर मुंबई के कप्तान थे। बीच में वह दो मैच के लिए उपलब्ध नहीं थे तो उनकी जगह रोहित शर्मा को कप्तान बनाया गया। रोहित को टीम के भविष्य के कप्तान के रूप में दिखा जा रहा था। लेकिन दो मैचों के बाद ही उन्हें हटा दिया गया। रोहित की कप्तान को देखकर कहा गया कि ये पागल है। मुंबई में यही धारणा बन गई कि क्रिकेटर शानदार है, लेकिन कप्तान मूडी है।
रोहित शर्मा तब युवा खिलाड़ी थे। दो मैचों में ही उनकी कप्तानी को देखकर एक नेगेटिव सेट कर दिया गया। युवा खिलाड़ी को सिर्फ दो ही मैच के बाद कप्तानी से हटा दिया गया। उन्हें किसी का सपोर्ट नहीं मिलाा। उस सीजन रोहित ने मुंबई के लिए 6 मैचों की 10 पारियों में बैटिंग की थी। 71 की औसत और 66 की स्ट्राइक रेट से 712 रन बनाए। इसमें 3 शतक और दो फिफ्टी थी। 203 रनों की पारी थी। रोहित सीजन भी सबसे ज्यादा 16 छक्के मारने वाले बल्लेबाज भी थे। फिर भी कप्तानी से हटा दिया गया। मुंबई ने उस सीजन रणजी ट्रॉफी का खिताब भी जीता था।
रोहित शर्मा एक बार बच गए थे टी20 इंटरनेशनल से रोहित शर्मा को कई बार हटाने की कोशिश की गई। हार्दिक पंड्या लगातार कप्तानी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। हालांकि टी20 विश्व कप में रोहित ने कप्तानी की और भारत को चैंपियन बनाया। चैंपियन बनते ही उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया। टेस्ट में भी रोहित की विदाई बेरुखी रही। जनवरी में उन्होंने कहा था कि कहीं नहीं जा रहे। फिर आईपीएल के बीच में सोशल मीडिया पोस्ट डालकर संन्यास का ऐलान किया। वनडे में भी कप्तानी का विदाई मैच नहीं मिला।
यह भी रोचक है कि फिलहाल वही अजीत अगरकर मुख्य चयनकर्ता हैं। वह रोहित के टीम मेट रह चुके हैं। ऐसे में रोहित को सबसे ज्यादा सपोर्ट की उम्मीद उनसे ही रही होगी, लेकिन शायद अगरकर के दिमाग में आज भी रोहित की वही 12 साल पहली वाली मूडी और 'पागल' वाली इमेज है। जिसकी वजह से चैंपियन कप्तान की ऐसी विवाद हुई।
नवभारत टाइम्स के खास सेगमेंट Sports Scan में समझने की कोशिश करते हैं कि रोहित शर्मा की कप्तानी जाने के बाद उनका भविष्य क्या है और कौन-कौन से फैक्ट्स हैं, जिनकी वजहों से हिटमैन अब कप्तान नहीं रहे। साथ ही अभिषेक नायर के उस बयान का भी ऑपरेशन करते हैं, जिनमें उन्होंने इशारा किया था कि किस तरह से रोहित शर्मा के मुंबई टीम की कप्तानी करने के दौरान लगभग 10-12 साल पहले मुंबई क्रिकेट में उनके खिलाफ एक नेगेटिव गढ़ा गया था, जिसमें उन्हें बहुत ही अनप्रेडिक्टेबल इंसान बताया गया था।
खैर, रोहित शर्मा... भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े कप्तानों की लिस्ट बनेगी तो उसमें यह नाम जरूर होगा। 2013 में भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था। उसके बाद लगभग हर साल भारतीय टीम आईसीसी इवेंट के नॉकआउट में पहुंची। टीम को हर बार निराशा हाथ लगी। 2024 में रोहित की कप्तानी में भारत ने टी20 विश्व कप का खिताब जीता। फिर 8 महीने बाद उनकी कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी की चैंपियन बनी। फाइनल में रोहित प्लेयर ऑफ द मैच रहे। चैंपियंस ट्रॉफी के बाद भारतीय टीम अपनी पहली वनडे सीरीज खेलने वाली है। उससे पहले रोहित को कप्तानी से हटा दिया गया है।
अजीत अगरकर ने कप्तानी से हटाया?
भारतीय टीम के लिए खिलाड़ी के साथ ही कप्तान के चयन की जिम्मेदारी चयनकर्ताओं की होती है। अभी अजीत अगरकर भारतीय सीनियर क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता हैं। यानी रोहित शर्मा को कप्तानी से हटाया गया है तो यह इसपर अंतिम फैसला अजीत अगरकर ने ही लिया होगा। 47 साल के अगरकर भारतीय टीम के लिए लंबे समय तक खेल चुके हैं। वह रोहित शर्मा के टीममेट भी रहे हैं। 2007 टी20 विश्व कप में अगरकर और रोहित दोनों थे। घरेलू क्रिकेट में भी अगरकर मुंबई के लिए खेलते थे।
पहले भी कप्तानी से हटाए जा चुके रोहित
यह पहली बार नहीं है जब रोहित शर्मा को कप्तानी से हटाया गया है। 2012-13 रणजी सीजन में अजीत अगरकर मुंबई के कप्तान थे। बीच में वह दो मैच के लिए उपलब्ध नहीं थे तो उनकी जगह रोहित शर्मा को कप्तान बनाया गया। रोहित को टीम के भविष्य के कप्तान के रूप में दिखा जा रहा था। लेकिन दो मैचों के बाद ही उन्हें हटा दिया गया। रोहित की कप्तान को देखकर कहा गया कि ये पागल है। मुंबई में यही धारणा बन गई कि क्रिकेटर शानदार है, लेकिन कप्तान मूडी है।
रोहित शर्मा तब युवा खिलाड़ी थे। दो मैचों में ही उनकी कप्तानी को देखकर एक नेगेटिव सेट कर दिया गया। युवा खिलाड़ी को सिर्फ दो ही मैच के बाद कप्तानी से हटा दिया गया। उन्हें किसी का सपोर्ट नहीं मिलाा। उस सीजन रोहित ने मुंबई के लिए 6 मैचों की 10 पारियों में बैटिंग की थी। 71 की औसत और 66 की स्ट्राइक रेट से 712 रन बनाए। इसमें 3 शतक और दो फिफ्टी थी। 203 रनों की पारी थी। रोहित सीजन भी सबसे ज्यादा 16 छक्के मारने वाले बल्लेबाज भी थे। फिर भी कप्तानी से हटा दिया गया। मुंबई ने उस सीजन रणजी ट्रॉफी का खिताब भी जीता था।
रोहित शर्मा एक बार बच गए थे टी20 इंटरनेशनल से रोहित शर्मा को कई बार हटाने की कोशिश की गई। हार्दिक पंड्या लगातार कप्तानी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। हालांकि टी20 विश्व कप में रोहित ने कप्तानी की और भारत को चैंपियन बनाया। चैंपियन बनते ही उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया। टेस्ट में भी रोहित की विदाई बेरुखी रही। जनवरी में उन्होंने कहा था कि कहीं नहीं जा रहे। फिर आईपीएल के बीच में सोशल मीडिया पोस्ट डालकर संन्यास का ऐलान किया। वनडे में भी कप्तानी का विदाई मैच नहीं मिला।
यह भी रोचक है कि फिलहाल वही अजीत अगरकर मुख्य चयनकर्ता हैं। वह रोहित के टीम मेट रह चुके हैं। ऐसे में रोहित को सबसे ज्यादा सपोर्ट की उम्मीद उनसे ही रही होगी, लेकिन शायद अगरकर के दिमाग में आज भी रोहित की वही 12 साल पहली वाली मूडी और 'पागल' वाली इमेज है। जिसकी वजह से चैंपियन कप्तान की ऐसी विवाद हुई।
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