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यूपी में कम हो सकती है स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कीमत! अभी दोगुने दाम वसूल रहा बिजली विभाग

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लखनऊ: बिजली की नई दरें तय होने के बाद नियामक आयोग कनेक्शन की नई दरें तय करेगा। इसके लिए कॉस्ट डेटा बुक पर सुनवाई होगी। सूत्रों का दावा है कि राजस्थान समेत कई राज्यों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर ों के दाम यूपी से कम लिए जा रहे हैं। लिहाजा यूपी में भी उन्हीं राज्यों की तर्ज पर दरें तय की जा सकती हैं। हाल ही में पावर कॉरपोरेशन ने नियामक आयोग को स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर प्रस्ताव दिया है कि 10 साल तक की किश्तों पर मीटर की कीमत वसूली जाए।

उत्तर प्रदेश में अब तक नियामक आयोग ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरें तय नहीं की हैं। वहीं, पावर कॉरपोरेशन इस साल 10 सितंबर से दिए जा रहे नए कनेक्शनों में स्मार्ट प्रीपेड मीटरों के दाम के तौर पर 6016 रुपये की वसूली कर रहा है। आयोग ने इस वसूली को गलत बताते हुए पावर कॉरपोरेशन को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था।

आयोग की नोटिस पर पावर कॉरपोरेशन ने जवाब दिया है कि मीटरों के दामों की यह वसूली अस्थाई है और आयोग के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी। कॉरपोरेशन का जवाब आने के बाद यह साफ हो गया है कि अब जल्द ही नियामक आयोग पहली बार स्मार्ट प्रीपेड मीटरों के दाम कनेक्शन की नई दरों तय करेगी।

अन्य राज्यों में लिए जा रहे दाम का होगा आकलन
बिजली दरें तय करने वाली नियामक आयोग की समिति पावर कॉरपोरेशन के दावे के बाद अन्य राज्यों में प्रभावी स्मार्ट प्रीपेड मीटरों के दामों का परीक्षण करेगी। दावा किया जा रहा है कि यूपी में हो रही 6016 रुपये की वसूली तमाम राज्यों के तुलना में काफी ज्यादा है। राजस्थान में सिंगल फेज स्मार्ट प्रीपेड मीटरों के दाम 2500 रुपये हैं, जबकि महाराष्ट्र में यही मीटर 2610 रुपये में लगाए जा रहे हैं।

कर्नाटक में मीटरों के दाम करीब 3000 रुपये हैं। ऐसे में इन राज्यों में लग रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की गुणवत्ता का आकलन करने के बाद यूपी की दरों को भी बदलाव किया जा सकता है। इसके पीछे एक तर्क ये भी है कि जिन राज्यों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरें कम हैं, वे सभी बड़े राज्य हैं। ऐसे में जब वो राज्य कम दरों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर दे सकते हैं, तो यूपी में भी ऐसी ही पहल की जा सकती है।
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