नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को मिली करारी शिकस्त के बाद जिस तरह से अमेरिका उसका साथ देता नजर आ रहा, वो चौंकाने वाला है। पहले यूएस राष्ट्रपति ट्रंप भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का श्रेय खुद को देने लगे। हालांकि, भारत ने उनके इस दावे को कभी स्वीकार ही नहीं किया। लगातार दबाव के बाद भी जब नरेंद्र मोदी सरकार ने उनकी हां में हां नहीं मिलाई तो उन्होंने पाकिस्तान पर दांव खेलना शुरू किया। ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ कच्चे तेल की खोज और निकासी को लेकर एक बड़ा समझौता किया।
ट्रंप आखिर चाहते क्या हैं?यूएस राष्ट्रपति ने इस डील के दौरान यहां तक कह दिया कि क्या पता एक दिन पाकिस्तान भारत को तेल निर्यात करेगा। यही नहीं ट्रंप ने इसके बाद भारत के खिलाफ टैरिफ वॉर शुरू कर दिया। वहीं पाकिस्तान पर मेहरबान अमेरिकी राष्ट्रपति ने वहां के आर्मी चीफ फील्ड मार्शल असीम मुनीर को चंद दिनों के अंदर ही लगातार दूसरी बार अमेरिका बुला लिया। सोने पे सुहागा ये कि अमेरिका में असीम मुनीर इसकदर बड़बोले बन गए कि भारत का नाम लेकर उन्होंने आधी दुनिया को परमाणु बम की धमकी दे दी।
नहीं भूल पा रहे 'ऑपरेशन सिंदूर' का दर्द
असीम मुनीर का ये बयान दर्शाता है कि वो ऑपरेशन सिंदूर का दर्द भूल नहीं पा रहा। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने जिस तरह से पड़ोसी मुल्क को करारी चोट पहुंचाई। ऑपरेशन सिंदूर चलाकर उसे घुटनों पर ला दिया, उस शिकस्त से पाकिस्तान अब तक उबर नहीं पाया है। यही वजह है कि वो लगातार अमेरिका के पहलू में खुद को सौंपने के लिए बेताब नजर आ रहा।
ट्रंप का टैरिफ वाला दांव भी नहीं चल सका...
अमेरिका भी भारत के बुलंद अंदाज और कूटनीतिक दांव से मानो बैकफुट पर दिख रहा। यही वजह है कि वो पाकिस्तान को पुचकार हिंदुस्तान को अपने पाले में लाने की सोच रहा। हालांकि, अमेरिका का ये दांव सफल होता दिख नहीं रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि यूएस राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी तक टैरिफ का ऐलान किया है।
उन्होंने भारत से दो टूक कहा कि रूस से तेल नहीं खरीदें। लेकिन केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि सोवियत संघ के समय से ही, रूस भारत का एक महत्वपूर्ण सहयोगी रहा है। खासकर रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में अहम साझीदार रहा है। ऐसे में वो किसी तीसरे देश के दबाव में कोई कदम नहीं उठाएगा।
पाकिस्तान को पुचकार कर दबाव बनाने की कोशिश
वहीं अमेरिका जिस तरह से पाकिस्तान के जरिए भारत पर दबाव की कोशिश कर रहा। पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर परमाणु बम की धमकी दे रहे, इस पर भी भारत की ओर से तीखी प्रतिक्रिया दी गई। भारत ने आसिम मुनीर के परमाणु धमकी वाले बयान की निंदा करते हुए गैर-जिम्मेदाराना बताया। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों की धमकी देना पाकिस्तान की पुरानी चाल है।
मुनीर के परमाणु बम की धमकी पर भारत का पलटवार
भारतीय विदेश मंत्रालय ने दो टूक कह दिया कि परमाणु हथियारों की धमकी देना पाकिस्तान की पुरानी आदत रही है। इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के परमाणु कमांड और नियंत्रण की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए मजबूर करते हैं। खासकर जब वहां की सेना आतंकवादी समूहों के साथ मिलकर काम करती है। यह खेदजनक है कि ये टिप्पणियां एक मित्र देश (अमेरिका) की धरती से की गईं।
परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा भारत
भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाता रहेगा। विदेश मंत्रालय ने बड़े ही कूटनीतिक तरीके से अपना संदेश पाकिस्तान और अमेरिका को दे दिया। भारत ने बता दिया कि वो किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकने वाला नहीं है। अमेरिका के टैरिफ दांव पर भी भारत ने बातचीत की बात कही है। इस बीच पुतिन जल्द ही भारत का दौरा करने वाले हैं। उधर, पीएम मोदी का भी चीन जाने का शेड्यूल बन रहा। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी से बात की है।
मुनीर के खिलाफ जब अमेरिका में हुए थे प्रदर्शन
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में आसिम मुनीर का यह दूसरा अमेरिका दौरा है। इससे पहले वह जून में वॉशिंगटन गए थे, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें व्हाइट हाउस में लंच पर आमंत्रित किया था। हालांकि, इस यात्रा के दौरान मुनीर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए थे। मुनीर पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए और उन्हें 'पाकिस्तानियों का कातिल' और 'इस्लामाबाद का कातिल' जैसे नारों से निशाना बनाया गया था।
ट्रंप आखिर चाहते क्या हैं?यूएस राष्ट्रपति ने इस डील के दौरान यहां तक कह दिया कि क्या पता एक दिन पाकिस्तान भारत को तेल निर्यात करेगा। यही नहीं ट्रंप ने इसके बाद भारत के खिलाफ टैरिफ वॉर शुरू कर दिया। वहीं पाकिस्तान पर मेहरबान अमेरिकी राष्ट्रपति ने वहां के आर्मी चीफ फील्ड मार्शल असीम मुनीर को चंद दिनों के अंदर ही लगातार दूसरी बार अमेरिका बुला लिया। सोने पे सुहागा ये कि अमेरिका में असीम मुनीर इसकदर बड़बोले बन गए कि भारत का नाम लेकर उन्होंने आधी दुनिया को परमाणु बम की धमकी दे दी।
नहीं भूल पा रहे 'ऑपरेशन सिंदूर' का दर्द
असीम मुनीर का ये बयान दर्शाता है कि वो ऑपरेशन सिंदूर का दर्द भूल नहीं पा रहा। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने जिस तरह से पड़ोसी मुल्क को करारी चोट पहुंचाई। ऑपरेशन सिंदूर चलाकर उसे घुटनों पर ला दिया, उस शिकस्त से पाकिस्तान अब तक उबर नहीं पाया है। यही वजह है कि वो लगातार अमेरिका के पहलू में खुद को सौंपने के लिए बेताब नजर आ रहा।
ट्रंप का टैरिफ वाला दांव भी नहीं चल सका...
अमेरिका भी भारत के बुलंद अंदाज और कूटनीतिक दांव से मानो बैकफुट पर दिख रहा। यही वजह है कि वो पाकिस्तान को पुचकार हिंदुस्तान को अपने पाले में लाने की सोच रहा। हालांकि, अमेरिका का ये दांव सफल होता दिख नहीं रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि यूएस राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी तक टैरिफ का ऐलान किया है।
उन्होंने भारत से दो टूक कहा कि रूस से तेल नहीं खरीदें। लेकिन केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि सोवियत संघ के समय से ही, रूस भारत का एक महत्वपूर्ण सहयोगी रहा है। खासकर रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में अहम साझीदार रहा है। ऐसे में वो किसी तीसरे देश के दबाव में कोई कदम नहीं उठाएगा।
पाकिस्तान को पुचकार कर दबाव बनाने की कोशिश
वहीं अमेरिका जिस तरह से पाकिस्तान के जरिए भारत पर दबाव की कोशिश कर रहा। पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर परमाणु बम की धमकी दे रहे, इस पर भी भारत की ओर से तीखी प्रतिक्रिया दी गई। भारत ने आसिम मुनीर के परमाणु धमकी वाले बयान की निंदा करते हुए गैर-जिम्मेदाराना बताया। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों की धमकी देना पाकिस्तान की पुरानी चाल है।
मुनीर के परमाणु बम की धमकी पर भारत का पलटवार
भारतीय विदेश मंत्रालय ने दो टूक कह दिया कि परमाणु हथियारों की धमकी देना पाकिस्तान की पुरानी आदत रही है। इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के परमाणु कमांड और नियंत्रण की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए मजबूर करते हैं। खासकर जब वहां की सेना आतंकवादी समूहों के साथ मिलकर काम करती है। यह खेदजनक है कि ये टिप्पणियां एक मित्र देश (अमेरिका) की धरती से की गईं।
परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा भारत
भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाता रहेगा। विदेश मंत्रालय ने बड़े ही कूटनीतिक तरीके से अपना संदेश पाकिस्तान और अमेरिका को दे दिया। भारत ने बता दिया कि वो किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकने वाला नहीं है। अमेरिका के टैरिफ दांव पर भी भारत ने बातचीत की बात कही है। इस बीच पुतिन जल्द ही भारत का दौरा करने वाले हैं। उधर, पीएम मोदी का भी चीन जाने का शेड्यूल बन रहा। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी से बात की है।
मुनीर के खिलाफ जब अमेरिका में हुए थे प्रदर्शन
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में आसिम मुनीर का यह दूसरा अमेरिका दौरा है। इससे पहले वह जून में वॉशिंगटन गए थे, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें व्हाइट हाउस में लंच पर आमंत्रित किया था। हालांकि, इस यात्रा के दौरान मुनीर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए थे। मुनीर पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए और उन्हें 'पाकिस्तानियों का कातिल' और 'इस्लामाबाद का कातिल' जैसे नारों से निशाना बनाया गया था।
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