बिलासपुर: छत्तीसगढ़ बिलासपुर जिले में हुए रेल हादसे की प्रारंभिक जांच सामने आई है। यात्री ट्रेन और खड़ी हुई मालगाड़ी की टक्कर से संबंधित मामले की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि मेमू ट्रेन के लोको पायलट टीम ने लालबत्ती होने के बाद ट्रेन को कंट्रोल नहीं कर पाए जिस कारण से यह हादसा हुआ है। रेलवे विशेषज्ञों ने यह जांच की है। मेमू ट्रेन ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक खड़ी हुई मालगाड़ी को टक्कर मार दी थी, जिसमें लोको पायलट समेत 11 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे।
किस कारण से हुआ हादसा
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है, “ट्रेन संख्या 68733 (एमईएमयू लोकल) का चालक दल खतरे के सिग्नल संख्या एजे-5 पर ट्रेन को कंट्रोल करने में विफल रहा। जिस कारण से ट्रेनमालगाड़ी के पिछले ब्रेक वैन से टकरा गई।” रिपोर्ट में कहा गया कि लोको पायलट टीम ने रेड सिग्नल से पहले सही समय और स्थान पर ट्रेन को कंट्रोल नहीं किया। लाल सिग्नल को पार कर दिया।
तीन एक्सपर्ट के रिपोर्ट में साइन
जांच रिपोर्ट पांच विशेषज्ञों ने तैयार की, हालांकि केवल तीन ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं। सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग के प्रतिनिधि ने रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, आठ कोच वाली एमईएमयू ट्रेन दोपहर तीन बजकर 48 मिनट पर गेवरा स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या दो से बिलासपुर के लिए निकली थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ट्रेन लाल बत्ती को पार कर अगली लाल बत्ती पर खड़ी 59 वैगन वाली मालगाड़ी के पिछले ब्रेक वैन से टकरा गई।
टक्कर इतनी भीषण थी कि मालगाड़ी का ब्रेक वैन पूरी तरह पलट गया और यात्री ट्रेन का लोकोमोटिव ब्रेक वैन के अगले वैगन पर चढ़ गया। रिपोर्ट के अनुसार, लोको पायलट और सहायक लोको पायलट मोटर कोच में घायल अवस्था में मिले। बाद में लोको पायलट की मौत हो गई, जबकि सहायक लोको पायलट को अन्य यात्रियों के साथ तत्काल नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया।
कितने बजे क्लियर हुआ ट्रैक
रिपोर्ट में कहा गया है, “बीच की लाइन को शाम चार बजकर 30 मिनट पर ट्रेन परिचालन के लिए फिट घोषित किया गया और चौथी लाइन 4 बजकर 50 मिनट पर चालू की गई। राहत कार्य टावर कार के कर्मचारियों ने शाम 4 बजकर 7 मिनट पर शुरू किया।।” रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सहायक लोको पायलट के अस्पताल में भर्ती होने के कारण उसकी सांसों की जांच नहीं की गई है कि वह किसी तरह के नशे में तो नहीं था।
विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाएगी
रिपोर्ट में गेवरा स्टेशन मास्टर का बयान भी शामिल है, जिसमें उन्होंने कहा कि एमईएमयू ट्रेन के प्रस्थान के बाद उन्हें गार्ड से वीएचएफ संचार के माध्यम से संदेश मिला कि टक्कर हो गई है और एम्बुलेंस भेजी जाए। एक अधिकारी ने बताया, “रेलवे सुरक्षा आयुक्त अब इस दुर्घटना के कारणों की जांच करेंगे और विस्तृत रिपोर्ट पेश करेंगे।”
किस कारण से हुआ हादसा
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है, “ट्रेन संख्या 68733 (एमईएमयू लोकल) का चालक दल खतरे के सिग्नल संख्या एजे-5 पर ट्रेन को कंट्रोल करने में विफल रहा। जिस कारण से ट्रेनमालगाड़ी के पिछले ब्रेक वैन से टकरा गई।” रिपोर्ट में कहा गया कि लोको पायलट टीम ने रेड सिग्नल से पहले सही समय और स्थान पर ट्रेन को कंट्रोल नहीं किया। लाल सिग्नल को पार कर दिया।
तीन एक्सपर्ट के रिपोर्ट में साइन
जांच रिपोर्ट पांच विशेषज्ञों ने तैयार की, हालांकि केवल तीन ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं। सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग के प्रतिनिधि ने रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, आठ कोच वाली एमईएमयू ट्रेन दोपहर तीन बजकर 48 मिनट पर गेवरा स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या दो से बिलासपुर के लिए निकली थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ट्रेन लाल बत्ती को पार कर अगली लाल बत्ती पर खड़ी 59 वैगन वाली मालगाड़ी के पिछले ब्रेक वैन से टकरा गई।
टक्कर इतनी भीषण थी कि मालगाड़ी का ब्रेक वैन पूरी तरह पलट गया और यात्री ट्रेन का लोकोमोटिव ब्रेक वैन के अगले वैगन पर चढ़ गया। रिपोर्ट के अनुसार, लोको पायलट और सहायक लोको पायलट मोटर कोच में घायल अवस्था में मिले। बाद में लोको पायलट की मौत हो गई, जबकि सहायक लोको पायलट को अन्य यात्रियों के साथ तत्काल नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया।
कितने बजे क्लियर हुआ ट्रैक
रिपोर्ट में कहा गया है, “बीच की लाइन को शाम चार बजकर 30 मिनट पर ट्रेन परिचालन के लिए फिट घोषित किया गया और चौथी लाइन 4 बजकर 50 मिनट पर चालू की गई। राहत कार्य टावर कार के कर्मचारियों ने शाम 4 बजकर 7 मिनट पर शुरू किया।।” रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सहायक लोको पायलट के अस्पताल में भर्ती होने के कारण उसकी सांसों की जांच नहीं की गई है कि वह किसी तरह के नशे में तो नहीं था।
विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाएगी
रिपोर्ट में गेवरा स्टेशन मास्टर का बयान भी शामिल है, जिसमें उन्होंने कहा कि एमईएमयू ट्रेन के प्रस्थान के बाद उन्हें गार्ड से वीएचएफ संचार के माध्यम से संदेश मिला कि टक्कर हो गई है और एम्बुलेंस भेजी जाए। एक अधिकारी ने बताया, “रेलवे सुरक्षा आयुक्त अब इस दुर्घटना के कारणों की जांच करेंगे और विस्तृत रिपोर्ट पेश करेंगे।”
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