कानपुर: उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी कर लोगों को ठगने के आरोप में दो पेशेवर तकनीकी विशेषज्ञों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि दोनों आरोपी ठगी के पैसे को अपने महंगे शौक पूरा करने पर खर्च करते थे, जिसमें सवा लाख रुपये का बल्ला और एक कीमती कार खरीदना शामिल है।   
   
पुलिस उपायुक्त (अपराध) अतुल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बागपत निवासी एमबीए पास अनुज तोमर और क्रिकेट खिलाड़ी (बीटेक डिग्री धारक) विवेक शर्मा को पंजाब पुलिस की सहायता से चंडीगढ़ और दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उनके पास से तीन लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन, एक कीमती कार, क्रिकेट का महंगा बल्ला, अन्य किट और कई लग्जरी वस्तुएं जब्त की हैं।
     
क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर करते थे ठगी
उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपी क्रेडिट कार्ड की खर्च की सीमा बढ़ाने का झांसा देकर लोगों को ठगते थे। उनकी गिरफ्तारी गोविंद नगर निवासी सुनील कुमार खन्ना द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर की गई है। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि इसी साल जून में बैंक अधिकारी बनकर किसी व्यक्ति ने खन्ना को क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव देकर उनसे एक लाख 35 हजार रुपये की ठगी की थी। पीड़ित से एक फर्जी लिंक के जरिए एक फॉर्म भरवाया गया, जिससे आरोपी ने उनके खाते से एक लाख 35 हजार 669 रुपये निकाल लिए।
   
सिंगापुर में करते थे नौकरी, कोरोना में छूट गई थी
उन्होंने बताया कि साइबर अपराध टीम ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66डी के तहत मामला दर्ज करने के बाद तकनीकी निगरानी, बैंकिंग रिकॉर्ड और डिजिटल फुटप्रिंट का इस्तेमाल करके ठगों का पता लगाया। पुलिस के मुताबिक, दोनों आरोपी पहले सिंगापुर स्थित एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करते थे, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी नौकरी छूट जाने के बाद वे भारत लौट आए थे। यहां वे एक साइबर अपराधी के संपर्क में आए, जिसने उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी के तरीके सिखाए।
   
60 रुपये की धोखाधड़ी की
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अनुज तोमर और विवेक शर्मा ने कथित तौर पर दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश में फर्जी क्रेडिट कार्ड अपग्रेड योजनाओं के जरिए लोगों को निशाना बनाया। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर इनसे जुड़ी कम से कम 35 शिकायतें मिली हैं, जिनमें लगभग 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी की बात सामने आई है।
   
महंगी कार खरीदी
पुलिस उपायुक्त श्रीवास्तव के अनुसार, विवेक शर्मा ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने इंडियन प्रीमियर क्रिकेट लीग (आईपीएल) के ट्रायल की तैयारी के लिए ठगी की रकम से 1.25 लाख रुपये का बल्ला और अन्य उपकरण खरीदे थे। आरोपियों ने ठगी के पैसों से एक महंगी कार भी खरीदी थी।
  
पुलिस उपायुक्त (अपराध) अतुल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बागपत निवासी एमबीए पास अनुज तोमर और क्रिकेट खिलाड़ी (बीटेक डिग्री धारक) विवेक शर्मा को पंजाब पुलिस की सहायता से चंडीगढ़ और दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उनके पास से तीन लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन, एक कीमती कार, क्रिकेट का महंगा बल्ला, अन्य किट और कई लग्जरी वस्तुएं जब्त की हैं।
क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर करते थे ठगी
उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपी क्रेडिट कार्ड की खर्च की सीमा बढ़ाने का झांसा देकर लोगों को ठगते थे। उनकी गिरफ्तारी गोविंद नगर निवासी सुनील कुमार खन्ना द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर की गई है। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि इसी साल जून में बैंक अधिकारी बनकर किसी व्यक्ति ने खन्ना को क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव देकर उनसे एक लाख 35 हजार रुपये की ठगी की थी। पीड़ित से एक फर्जी लिंक के जरिए एक फॉर्म भरवाया गया, जिससे आरोपी ने उनके खाते से एक लाख 35 हजार 669 रुपये निकाल लिए।
सिंगापुर में करते थे नौकरी, कोरोना में छूट गई थी
उन्होंने बताया कि साइबर अपराध टीम ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66डी के तहत मामला दर्ज करने के बाद तकनीकी निगरानी, बैंकिंग रिकॉर्ड और डिजिटल फुटप्रिंट का इस्तेमाल करके ठगों का पता लगाया। पुलिस के मुताबिक, दोनों आरोपी पहले सिंगापुर स्थित एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करते थे, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी नौकरी छूट जाने के बाद वे भारत लौट आए थे। यहां वे एक साइबर अपराधी के संपर्क में आए, जिसने उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी के तरीके सिखाए।
60 रुपये की धोखाधड़ी की
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अनुज तोमर और विवेक शर्मा ने कथित तौर पर दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश में फर्जी क्रेडिट कार्ड अपग्रेड योजनाओं के जरिए लोगों को निशाना बनाया। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर इनसे जुड़ी कम से कम 35 शिकायतें मिली हैं, जिनमें लगभग 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी की बात सामने आई है।
महंगी कार खरीदी
पुलिस उपायुक्त श्रीवास्तव के अनुसार, विवेक शर्मा ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने इंडियन प्रीमियर क्रिकेट लीग (आईपीएल) के ट्रायल की तैयारी के लिए ठगी की रकम से 1.25 लाख रुपये का बल्ला और अन्य उपकरण खरीदे थे। आरोपियों ने ठगी के पैसों से एक महंगी कार भी खरीदी थी।
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