मथुरा: वृंदावन के प्रसिद्ध संत और राधा भक्ति रसावतार श्री हित प्रेमानंद महाराज जी से मिलने नीमकरौली बाबा के अभिन्न भक्त कृष्णदास जी मिलने आए। बुधवार को कृष्णदास जी ने प्रेमानंद जी के दर्शन किए और उन्हें गोविंद हरे गोपाल हरे, हे प्रभु दीन दयाल हरे... सहित कई भजन सुनाए।
प्रेमानंद जी भजन सुनते हुए भाव विभोर हो गए। कीर्तन के बाद वह कृष्णदास जी से बोले, भगवन्नाम कीर्तन में बहुत बड़ी सामर्थ्य है। जो भगवन नाम कीर्तन करते हैं तो लाखों जीवों का उद्धार इससे होता है। इसके बाद उन्होंने श्रीमद्भागवत का एक श्लोक सुनाकर कहा, नाम संकीर्तनम यस सर्व पाप प्रणाशनम।' इसका अर्थ बताते हुए प्रेमानंद जी बोले भगवान का नाम कीर्तन समस्त पापों का नाश करने वाला है।
इसके बाद प्रेमानंद जी ने अपने पास उपस्थित परिकरों से पूछा, ये अंग्रेजी समझते हैं? इसके बाद उनके एक परिकर ने प्रेमानंद जी की बात को अंग्रेजी में अनुवादित करके कृष्णदास जी को सुनाया।
कृष्णदास बाबा नीमकरौली के बहुत प्रसिद्ध भक्तों में से एक हैं। वह खुद को कीर्तनवाला कहते हैं और दुनिया भर में सनातन के भजनों का गायन करते हैं। मूलत: वह अमेरिका के रहने वाले हैं। उनका अमेरिकी नाम जेफरी कागेल है। उन्हें कृष्णदास नाम बाबा नीमकरौली से मिला है। वह भारत में बाबा नीमकरौली के कैंचीधाम आश्रम आते रहते हैं। उन्होंने 1960 के दशक में बाबा नीमकरौली के साथ लंबा वक्त बिताया है।
इस दौरान प्रेमानंद जी की ख्याति दुनिया भर में फैली है। उसे सुनकर उनसे मिलने देश विदेश के अनेकों विख्यात व्यक्तित्व उनके दर्शन को आ रहे हैं। अपने खराब स्वास्थ्य के बाद भी प्रेमानंद जी अधिक से अधिक लोगों से मिलते हैं। भक्तगण भी उनके दर्शनों को व्याकुल रहते हैं।
प्रेमानंद जी भजन सुनते हुए भाव विभोर हो गए। कीर्तन के बाद वह कृष्णदास जी से बोले, भगवन्नाम कीर्तन में बहुत बड़ी सामर्थ्य है। जो भगवन नाम कीर्तन करते हैं तो लाखों जीवों का उद्धार इससे होता है। इसके बाद उन्होंने श्रीमद्भागवत का एक श्लोक सुनाकर कहा, नाम संकीर्तनम यस सर्व पाप प्रणाशनम।' इसका अर्थ बताते हुए प्रेमानंद जी बोले भगवान का नाम कीर्तन समस्त पापों का नाश करने वाला है।
इसके बाद प्रेमानंद जी ने अपने पास उपस्थित परिकरों से पूछा, ये अंग्रेजी समझते हैं? इसके बाद उनके एक परिकर ने प्रेमानंद जी की बात को अंग्रेजी में अनुवादित करके कृष्णदास जी को सुनाया।
कृष्णदास बाबा नीमकरौली के बहुत प्रसिद्ध भक्तों में से एक हैं। वह खुद को कीर्तनवाला कहते हैं और दुनिया भर में सनातन के भजनों का गायन करते हैं। मूलत: वह अमेरिका के रहने वाले हैं। उनका अमेरिकी नाम जेफरी कागेल है। उन्हें कृष्णदास नाम बाबा नीमकरौली से मिला है। वह भारत में बाबा नीमकरौली के कैंचीधाम आश्रम आते रहते हैं। उन्होंने 1960 के दशक में बाबा नीमकरौली के साथ लंबा वक्त बिताया है।
इस दौरान प्रेमानंद जी की ख्याति दुनिया भर में फैली है। उसे सुनकर उनसे मिलने देश विदेश के अनेकों विख्यात व्यक्तित्व उनके दर्शन को आ रहे हैं। अपने खराब स्वास्थ्य के बाद भी प्रेमानंद जी अधिक से अधिक लोगों से मिलते हैं। भक्तगण भी उनके दर्शनों को व्याकुल रहते हैं।
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